पटना : पुख्ता स्टेट हाइवे आ मेजर डिस्ट्रिक रोड बनेबा मे बिहार पिछला तीन-चारि साल मे महारत हासिल त करिये लेलक अछि, आब इ वाटरफ्रूफ सड़कवाला पहिल राज्य सेहो बनि गेल। वैशाली जिला क महुआ मे 7.05 किलोमीटर वाटरफ्रूफ सड़क क निर्माण भ गेल। 10 फरवरी क बाद इ सड़क जनता क लेल खोलि दे जाइत। इंजीनियर क दावा अछि जे सब किछु ठीक-ठाक रहल, त नौ साल तक सड़क क बाल तक बांका नहि भ सकत। पटना मे पिछला साल भेल सड़क कांग्रेस मे वाटरफ्रूफ सड़क निर्माण क तकनीक पर देश-विदेश के कईटा इंजीनियर अपन-अपन प्रजेंटेशन देने छलाह। एहि सड़कक निर्माण सड़क निर्माणक मातृ विभाग पथ निर्माण विभाग नहि, बल्कि ग्रामीण कार्य विभाग महुआ करौलक अछि। 7.05 किलोमीटर लंबा एहि सड़क क निर्माण पर 3.50 करोड़ खर्च भेल अछि। सड़क क निर्माण पायलट प्रोजेक्ट क तहत भेल अछि। आइआइटी, खडग़पुर क रोड विशेषज्ञ बीबी पांडेय एहि प्रोजेक्ट क डिजाइन तैयार केेलथि अछि। ओ अपने एकर मॉनीटरिंग सेहो केलथि अछि। एहि तकनीक क सड़क मे सिलिकन रसायन क इस्तेमाल होइत अछि। सिलिकन क उपयोग कॉस्मेटिक, कपड़ा, सोलर पैनल आ साबुन बनेबा मे सेहो होइत अछि। एहि रसायन स यूरोप क जलजमाववाला इलाका मे कईटा सड़क क निर्माण भ चुकल अछि। पहिल बेर भारत मे एकर इस्तेमाल सड़क निर्माण क क्षेत्र मे भेल अछि। इंजीनियर क दावा अछि जे पीसीसी या कालतोर सड़क क तुलना मे इ तकनीक स सड़क निर्माण करेबा मे कम लागत आबि रहल अछि। सिलिकन लेदर जल निरोधक क काज करैत अछि। एहि कारण यदि सड़क पर पाइन लगत, त ओ भीतर प्रवेश नहि करि सकत, सड़क नहि टूटि सकत। पर्यावरण क लिहाज स सेहो इ तकनीक अनुकूल अछि। अभियंता कहला जे आइआइटी, खडग़पुर क अभियंता अगिला 18 माह तक एहिन् सड़क क टेस्टिंग सेहो करताह। विभागीय अधिकारीक कहब अछि जे महुआ सड़क क प्रयोग सफल भेल त सूबा मे एहि तकनीक स आओर सड़क क निर्माण कराउल जाइत।