नई दिल्ली। आइ स 98 वर्ष पूर्व 22 मार्च कए बंगाल प्रोविन्स स अलग भ कए बिहार अलग राज्य क दरजा प्राप्त केने छल। मुदा एहि एतिहासिक दिन कए लोक बिसरी गेल। बिहार स टूटि कए उड़ीसा आ फेर झारखंड बनल आ ओ अपन-अपन स्थापना दिवस मनबैत रहल। मुदा बिहार कए 98 साल लागि गेल अपन पहिल वर्थडे बनेबा मे। बिहार क अस्मिता आ एकर गौरवशाली अतीत स लोक कए रूबरू करेबा लेल बिहार सहित देश-दुनिया मे बिहार स्थापना दिवस मनाउल गेल। देशक राजधानी दिल्ली मे सेहो बिहार उत्सव क अंतर्गत हस्तशिल्प कला आ हथकरघा मेला सहित प्रदर्शनी क आयोजन कैल गेल अछि। इ आयोजन 5 अप्रैल तक प्रगति मैदान क हॉल नंबर 15 मे चलत। बिहार ओद्यौगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (बियडा) क प्रबंध निदेशक अंशुली आर्या एकर विधिवत शुभारंभ केलथि। ओ कहलथि जे बिहार क प्रति आदर आ गाौरव कए बढ़ावा देबा लेल एहन आयोजन आवश्यक अछि। स्थानीय आयुक्त आलोक चतुर्वेदी कहला जे बिहार क प्रति औद्योगिक घराना मे व्याप्त विचार बदलि रहल अछि। अगिला 15 दिन के दौरान प्रदर्शनी क माध्यम स बिहार क सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक महत्व, आधुनिक बिहार क निर्माण मे योगदान आ वर्तमान मे राज्य क विकास योजना स लोक कए अवगत कराउल जाएत। अंशुली आर्या कहली जे सरकार एहि बेर लोक कए बिहार क स्वादिष्ट व्यंजन स अवगत करेबा लेल मौर्या होटल कए स्टॉल लगाउल गेल अछि। मेला मे हस्तकरघा आ हस्तशिल्प क उत्कृष्ट सामग्री क लगभग 40 स्टॉल लगाउल गेल अछि। एहि मे मशहूर भागलपुरी सिल्क, मिथिला पेंटिंग, सिकी स निर्मित साम्रगी, भभुआ क पत्थर क आकर्षक हाथी, मेहंदी, मोतिहारी क आकर्षक सीप स निर्मित आभूषण, टेरा कोटा स निर्मित वस्तु जेना जूट ज्वेलरी, टिकुली आर्ट क संग-संग नालंदा, बिहारशरीफ क निपुरा सिल्क आ हस्तकरघा स निर्मित बेड-शीट, चादर मेला क आकर्षण क केंद्र अछि। मेला मे दर्शक क मनोरंजन क व्यवस्था सेहो कैल गेल अछि। एहि कार्यक्रम मे विख्यात गायिका पद्मश्री शारदा सिन्हा क गायन क सेहो आयोजन कैल गेल अछि, जे 26 होएत।