केंद्र सरकार बिहार मे नालंदा विश्वविद्यालय स्थापित करबा लेल संसद क मानसून सत्र मे विधेयक आनत। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह क अध्यक्षता मे भेल केन्द्रीय मंत्रिमंडल क बैठक मे इ महत्वपूर्ण फैसला भेल। बैठक क बाद सूचना प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी कहलथि जे नालंदा विश्वविद्यालय विधेयक 2010 संसद क मानसून सत्र मे पेश कैल जाएत। एहि विश्वविद्यालय क स्थापना पर 1005 करोड़ टका खर्च होएत। विदेश मंत्रालय विधेयक कए तैयार केलक अछि। थाइलैंड मे अक्टूबर 2009 मे भेल पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन मे एहि बारे मे आम सहमति बनल छल। ओ कहलथि जे प्रस्तावित विश्वविद्यालय क लेल नई दिल्ली मे परियोजना कार्यालय बनाउल गेल अछि। विधेयक कए संसद मे पारित भेलाक बाद इ कार्यालय काज करै लागत। अंबिका कहलीह जे प्रस्तावित विश्वविद्यालय मे बौद्ध अध्ययन, दर्शन शास्त्र आओर धर्म, इतिहास, अंतरराष्ट्रीय संबंध संग शांति, प्रबंधन, भाषा, साहित्य आ पर्यावरण जइसन विषय क स्कूल होएत। परियोजना कए कार्यान्वित करबा लेल आयोजक देश क रूप मे भारत शुरुआती चरण मे अधिक योगदान करत। योजना आयोग विशेष अनुदान क रूप मे 50 करोड़ टका क आवंटन केलक अछि। बिहार सरकार राजगीर मे एहि विश्वविद्यालय क लेल 500 एकड़ भूमि क अधिग्रहण केलक अछि। जाहि ठाम भूमि अधिग्रहण कैल गेल अछि, ऐतिहासिक नालंदा विश्वविद्यालय ओतहि छल। प्राचीन विश्वविद्यालय क अवशेष आइ तक मौजूद अछि। प्रस्तावित विश्वविद्यालय क लेल 500 एकड़ आओर भूमि क अधिग्रहण सेहो प्रदेश सरकार करत। अंबिका कहलीह जे एहि विश्वविद्यालय क स्थापना स नालंदा कए पूर्वी आ दक्षिण एशिया मे शिक्षा क उत्कृष्ट केन्द्र क रूप मे फेर स स्थापित कैल जा सकत। एहि विश्वविद्यालय कए फेर स स्थापित करबा स इ भारत क बौद्ध सर्किट स जुड़त आ एहि स पर्यटन उद्योग कए प्रोत्साहन भेटत। ओ कहलीह जे विश्वविद्यालय मे दुनिया भरि स छात्र आ अनुसंधानकर्ता आउताह, जखकि स्थानीय लोक कए सेहो एहि स फायदा होएत। विश्वविद्यालय कए 200 ओहि स्थानीय गाम स संबद्ध कैल गेल अछि, जेकरा प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय स संबंध हेबाक इतिहास अछि। विधेयक मे प्रोफेसर अमर्त्य सेन क अध्यक्षता वाला नालंदा संरक्षक समूह कए एक साल क लेल विश्वविद्यालय क अंतरिम प्रशासनिक बोर्ड बनेबाक प्रस्ताव अछि। एहि समूह क गठन केन्द्र सरकार जून, 2007 मे केने छल । विश्वविद्यालय सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) स तैयार होएत।