पटना । कौन फाइल केतबा दिन मे निपटा देबाक अछि। कौन तरहक योजना क मानीटरिंग कैल जाए या फेर शासन स जुड़ल अन्य तमाम तरह क मुद्दा, एहि सबटा गपक लेल आब लिखित तौर पर जिम्मेवारी तय होएत। इ सब एजेंडा फार गवर्नेस (शासन क एजेंडा) क हिस्सा अछि। सरकार एकरा तैयार करि रहल अछि। ड्राफ्टिंग अंतिम चरण मे अछि। एहि काज मे आधा दर्जन अफसर लागल छथि। सबटा महकमा क कार्य दायित्व आ हुनकर टास्क कए ध्यान मे राखि एजेंडा कए अंतिम रूप देल जा रहल अछि। कार्य विभाग क लग मे वार्षिक योजना होइत अछि। एजेंडा कए वार्षिक योजना स बेसी मतलब नहि छै। आब कार्य विभाग कए समयबद्ध योजना क तहत इ टास्क भेटत जे चारि मास में कतर धरि पहुंचबाक अछि आओर फेर छह मास मे गाड़ी कौन पायदान तक पहुंचत? एजेंडा फार गवर्नेस मे कार्य विभाग पर बेसी ध्यान देल गेल अछि। पथ निर्माण विभाग आओर ग्रामीण कार्य विभाग पर खास नजर अछि। अफसर आ अभियंता क परफार्मेस स सेहो जुड़त एजेंडा फार गवर्नेस। मसलन, अगर कोनो सड़क क काज तय अवधि मे जाहि स्तर पर हेबाक छल, ओ अगर तय स्तर तक नहि पहुंचल त फेर ओकर पाछु कौन वजह छल? इ मामला समीक्षा क क्रम मे लिखित तौर पर आउत। कार्य विभाग क अतिरिक्त शिक्षा विभाग, सामाजिक कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण आ पुलिस महकमा क लेल सेहो एजेंडा फार गवर्नेस बनि रहल अछि।