पटना। चिकित्सा व्यवस्था कए दुरूस्त करबाक मुहिम मे लागल बिहार कए स्वास्थ्य क मोर्चा पर पहिल पैघ सफलता भेटल अछि। बच्चा क टीकाकरण क मामला मे प्रदेश बाजी मारलक अछि। टीकाकरण क 66.6 प्रतिशत कवरेज करि इ 61.1 क राष्ट्रीय औसत कए काफी पाछु छोड़ि देलक अछि। फार्मेटिव रिसर्च एंड डेवलपमेंट सर्विसेज (एफआरडीएस) क ताजा सर्वे मे इ गप सामने आयल अछि। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2010 कए शिशु वर्ष घोषित करने छलाह, इ उपलब्धि क रूप मे सामने आयल अछि। साल 2010 क अंत मे अक्टूबर स दिसंबर क दौरान संपूर्ण प्रदेश मे 18,240 घर मे इ सर्वे कैल गेल, त चौंका दैयवाला नतीजा सामने आयल अछि। रूटीन टीकाकरण क औसत 66.6 प्रतिशत पाउल गेल अछि। वर्ष 2002 मे इ औसत मात्र 11.6 प्रतिशत छल। राज्य स्वास्थ्य समिति क कार्यपालक निदेशक संजय कुमार कहला जे स्वास्थ्य क क्षेत्र मे इ बिहार क सबस पैघ जीत अछि। एफआरडीएस क एहि सर्वे मे त्रुटि क मात्र 0.85 प्रतिशत संभावना अछि। एफआरडीएस कए सर्वे क जिम्मा राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) क तहत देल गेल छल। ओ कहला जे एखनो नियमित टीकाकरण क परिधि स 5.7 प्रतिशत बाहर छथि, जिनका कवर करबाक प्रयास कैल जा रहल अछि। एकर अलावा 27.8 प्रतिशत ड्राप आउट छथि। जे बीच मे टीकाकरण छोड़ि दैने छथि। अधिकतर ड्राप-आउट खसरा क टीका कए लकए अछि, जे शिशु कए नौ माह पर देल जाइत अछि। मगध प्रमंडल मे पिछला साल खसरा क टीकाकरण क लेल विशेष अभियान चलाउल गेल छल। एहि वित्तीय वर्ष मे प्रदेश क शेष सबटा प्रमंडल मे इ विशेष अभियान चलत। ओ एहि गप पर चिंता जतेलाह जे सब जिला मे टीकाकरण क स्थिति एक समान नहि अछि। औरंगाबाद मे सबस बेसी 82.4 प्रतिशत टीकाकरण भेल अछि, त किशनगंज मे सबस कम 33.3 अछि। जे जिला 75 प्रतिशत स बेसी टीकाकरण केलक अछि, ओहि ठामक जिलाधिकारी, सिविल सर्जन आ जिला टीकाकरण पदाधिकारी कए पुरस्कार क रूप मे प्रशस्ति पत्र देल जाएत।