पटना। ओ दिन आबि गेल जखन शहर आ गाम मे पैघ संख्या मे महिला बंदूक संग देखाई देतीह। होमगार्ड मे नामांकन क सहारे सरकार ग्रामीण महिला क सशक्तीकरण क एहि परिदृश्य क बाट साफ करि देलक अछि। कहल जाए त किछु दिनक बाद ग्रामीण होमगार्ड क आधा पद पर महिला क भर्ती कैल जाएत। सरकार ग्रामीण होमगार्ड मे प्रकारांतर स 50 फीसदी महिला क कोटा तय करि देलक अछि। शहरी आओर पंचायती निकाय मे 50 फीसदी आरक्षण आओर संविदा पर नियुक्त शिक्षक मे महिला कए 50 फीसदी आरक्षण क बाद सरकार क इ नव क्रांतिकारी फैसला अछि। प्रदेश मे होमगार्ड क पैघ फौज अछि। जेकर 50 हजार क आसपास अदि। इ सरकारी सेवक नहि छथि मुदा सेवा मे तैनात जवान कए सरकार अप्रैल 2010 स 200टका दैनिक क दर स भुगतान करैत अछि। 1989 क बाद स करीब दू दशक तक होमगार्ड मे नव नामांकन पर विराम लागल छल। नीतीश कुमार कए सत्ता मे एलाक बाद तीन साल पूर्व 8-9 हजार नव नामांकन भेल। खास गप इ जे सरकार कारापाल आ आरक्षी क नौकरी मे 50 फीसदी आरक्षण द रखने अछि। आब वर्ग चारि क दस हजार स बेसी पद मे 50 फीसदी पद कए होमगार्ड स भरबाक तैयारी चलि रहल अछि। एखन दस हजार स बेसी पुलिसकर्मी क भर्ती क काम अंतिम चरण मे अछि। एहि मे तीन-चारि हजार होमगार्ड क जवान कतार मे ठार छथि। मुदा सरकारी नौकरी क लेल मांग कए हिसाब स होमगार्ड क जवान उपलब्ध नहि छथि। 89 क बाद दू दशक तक नव नामांकन न भेला स प्राय: सब गोटे सरकारी सेवा क उम्र सीमा पार करि चुकल अछि। एहि तरह स होमगार्ड मे महिला क कोटा तय भेला स इ सरकारी नौकरी क लेल सीढ़ी क काज करत। सरकार पूर्व स स्वीकृत बल क 20 फीसदी नव नामांकन करबाक आदेश जारी करि रखने अछि। गृह विभाग 5 मई कए जारी आदेश मे कहने अछि जे एहि 20 फीसदी मे 10 फीसदी क कोटा ग्रामीण गृह रक्षक क रूप मे महिला लेल रहत। एहि तरह अगिला किछु साल मे नव नामांकन क संग होमगार्ड मे 50 फीसदी पद पर महिला क कब्जा होएत। एहि लेल आरक्षण क भीतर आरक्षण क फार्मूला चलत। चयनित महिला जहि वर्ग विशेष क रहतीह, हुनकर गिनती ओहि वर्ग विशेष क विरुद्ध कैल जाएत।