दरभंगा। आनंदबाग पैलेस क दरबार हॉल, 20वीं सदी मे ध्रुपदक इ सबस पैघ मंच छल। एक बेर फेर दरबार हाल ध्रुपद क लय पर भाव-विभोर होएत। 20 आ 21 मार्च कए दरबार हॉल मे दरभंगा घरानाक धमक एक बेर फेर दुनियाक सामने आउत। ध्रुपदक धुव्र पं. अभयनारायण मल्लिक आ पं. उदय भावलकर समोराह कए मुख्य आकर्षण हेताह। दरभंगा घरानाक पं. रामकुमार मल्लिक आ प्रेम कुमार मल्लिक क युगलबंदी क सेहो दरबार हाल गवाह बनत। दू दिवसीय एहि ध्रुपद समारोह मे देशक सबस पैघ पखवाज वादक आ दरभंगा घराना क रत्न पं. रामाशीष पाठक सेहो शामिल हेताह। हुनका संग विदेशी वाद्य-यंत्र ‘चैलो’ क संग विदुषी नैनसी कुलकर्णी युगलबंदी करतथि। पं. पुष्टिराज कौशिक अपन ‘सुर बहार’ स सब कए मुग्ध करताह। बिहार सरकार क संस्कृति विभाग, ईस्ट जोन कल्चरल सेंटर कोलकाता आ स्पिक मैके क संयुक्त तत्वावधान मे भ रहल एहि कार्यक्रम मे दरभंगा घरानाक युवा पीढी क संगीत कुमार मल्लिक आ कौशिक मल्लिक क गायन-वादन प्रतिभा स सेहो दरभंगाक लोक परिचित हेताह। एहि मौका पर स्पिक मैके क संस्थापक डॉ. किरण सेठ सेहो दरभंगा एबाक इच्छा प्रकट केलथि अछि। दरबार हाल मे 26 साल पहिने आखरी बेर ध्रुपद समारोह भेल छल, जाहि मे पं रामचतुर मल्लिक, सियाराम तिवारी आ मिथिलाक महान ख्याल गायक कुमार श्यामानंद सिंह क प्रस्तुति दरभंगाक संगीत प्रेमी क दिमाग मे आइ धरि जीवंत अछि। इ’समादक सेहो एहि प्रकारक आयोजनक क अभाव पर चिंता प्रकट केने छल। दरभंगा आ बिहार लेल इ आयोजन एकटा नव संस्कृति क सूत्रपात करत। आशा अछि एहि प्रकारक आयोजन स मिथिला मे शास्त्रीय संगीत क सूखैत रसधार कए नव नीर भेटत। संगहि रामाशीष पाठक सन महान कलाकार कए पद्म पुरस्कार लेल नामित कैल जा सकत।