वैदेही कुमारी
पटना : मिथिलाक विभिन्न जिला में आब असमिया बांस लगाओल जायत। कहल जा रहल अछि जे स्थानीय बांस कए तैयार हेबा मे ड़ेढ़-स दू साल लागि जाइत अछि। ओतहि असमिया बांस मात्र आठ स 10 महिना मे तैयार भ जाइत अछि।एतबे नहि असमिया बांस लंबाई आ मजगुतीक मामला मे सेहो स्थानीय बांस स बेसी नीक होइत अछि। जानकार लोकिनक अनुसार असमिया बांस स कागज निर्माण सेहो बेसी होइत अछि। एक तरहे कहल जाय त एहि डेग सं मिथिला क्षेत्र मे उद्योगक विस्तार सेहो कैल जा सकैछ । दोसर दिस इहो कहल जा रहल अछि जे एहि कारणें सरकार निवेश प्रोत्साहन योजनाक निर्णय लेलक अछि ।
वन विभाग असमिया बांसक टिशू कल्चर गाछ मंगायब आरम्भ क देलक अछि। पहिल चक्र में मिथिलाक चारि जिला में 84 हजार बंसबारि लगाओल जायत । ओना विभाग एखन मात्र 90 हजार बांसक ओइद मंगेबाक योजन बनौलक अछि। एहि लेल असमक वन आ कृषि विभाग सं कांट्रैक्ट क लेल गेल अछि । वन विभागक अनुसारे एहि योजना पर कुल 3.82 लाख रुपया खर्च होयत ।
वन विभागक अनुसार एहि योजनाक तहत पूर्णिया, मोतहारी, मधुबनी आ सीतामढ़ी मे किसान कें 604 हजार एकड़ मे असमिया बांसक बीट अर्थात टिशू कल्चर मुफ्त में उपलब्ध कराओल जायत। संगहि खेत मे चारि माह धरि रख-रखाव सेहो कएल जायत । वन विभाग नहर फर्म योजनाक तहत पूर्णिया में 10 किसानक संग असमिया बांस लगेबाक प्रयोग चारि माह धरि केने छल । वन पदाधिकारी लोकिनक मेहनति सफल भेल । वन अधिकारी सभक अनुसार एहि योजनासं कमसं कम पांच हजार किसान के लाभ होयत।