पिंकी श्रीवास्तव
दरभंगा । एक संग तीनटा चुनाव भ रहल अछि, विधान परिषद लेल स्नातक आ शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र मे चुनाव आओर विधानसभा लेल चुनाव। मुदा चर्चा कोनो चुनाव कए ल कए ओतबा नहि भ रहल अछि जेतबा पहिने होइत छल। विधान परिषदक चुनाव ओहुना नीरस होइत अछि। एहि कोरोना काल मे त विधानसभा चुनाव सेहो नीरस अछि। एहि चुनाव मे अगर किछु चर्चा मे अछि त विकासक मुद्दा आ वंशवाद स इतर संभ्रांत उम्मीदवारक मांग।
नेताक बेटा आ संबंधी जेना दलक उम्मीदवार भ चुनावी मैदान मे उतरि रहल अछि ओहि स आम जन कए राजनीति मे प्रवेश क संभावना लगातार कम होइत जा रहल अछि। दोसर कात संभ्रांत तबका लगातार अपना कए राजनीति स दूर करैत जा रहल अछि। एहन मे रजनीकांत पाठक सन लोक अगर चुनाव लड़बा लेल मैदान मे अछि त ओकर स्वागत हेबाक चाही। किया त एहि बेर विधान परिषदक चुनाव मे रजनीकांत पाठक क उम्मीदवारी कई मायने मे खास भ गेल अछि।
दरभंगा स्नातक क्षेत्र स अपन भाग्य आजमा रहल रजनीकांत पाठक बेगूसराय स अबैत छथि। हिनकर मुकाबला दरभंगा स्नातक क्षेत्र स दू बेर जीत चुकल दिलीप चौधरी स अछि। चौधरी क पिता निलांबर चौधरी सेहो एहि सीट स चुनाव जीत सदन मे गेल छथि। ओना एक बेर दिलीप चौधरी कए विनोद चौधरी हरा सदन मे गेलाह। विनोद चौधरी कियो आओर नहि हायाघाट क समाजवादी नेता उमाकांत चौधरीक पुत्र छथि, मुदा आइ काल्हि हुनका पुष्पम प्रिया चौधरीक पिताक रूप मे बेसी चिन्हल जा रहल अछि। रजनीकांत पाठक लग दिलीप चौधरी जेकां पारिवारिक विरासत नहि अछि, कांग्रेस या भाजपा सन संगठन सेहो नहि अछि। विनोद चौधरीक बेटी जेकां विज्ञापन लेल टका सेहो नहि अछि, तखन हुनका लग अछि की आ ओ चर्चा मे किया।
एहि मे कोनो दू मत नहि जे रजनीकांत पाठक जमीन स जुड़ल लोक छथि। ओ केवल समस्या देखार नहि करैत छथि, बल्कि समस्याक निवारण लेल प्रयासरत सेहो भ जाइत छथि। एकर ताजा उदाहरण मिथिला मखानक मुहिम अछि। पुष्पम प्रिया सन नेता मखानक गप, मखानक समस्या या मखानक भविष्य पर गप जरूर करैत छथि, मुदा रजनीकांत पाठक मखानक मुद्दा कए मुहिम बना ओकर नतीजा तक पहुंचेबाक काज केलथि। मिथिला मखान नाम स जीआइ टैग आवेदित कैल गेल अछि। रजनीकांत पाठक क नाम इ पैघ सफलता कहल जा सकैत अछि। मतलब केवल समस्या उजागर करब हिनकर धैय नहि कहल जा सकैत अछि. यैह कारण अछि जे एहि चुनाव में रजनीकांत पाठक नहि केवल एकटा मजबूत दावेदार छथि, बल्कि एहि नीरस चुनाव मे अपना कए चर्चा मे बनेबा लेल सेहो प्रयासरत छथि।
चुनाव मे जीत हारि क बहुत कारण होइत छै, मुदा कहबी अछि जे अगर हौसला बुलंद होए त कामयाबी झख मारिकए पैर चुमबा लेल अबैत अछि। रजनीकांत पाठक पर चर्चा हेबाक चाही किया त अहां कहैत रहैत छी जे राजनीति मे नीक लोक क अभाव भ गेल अछि। एहि अभाव कए दूर करबा लेल चर्चा जरूरी छै।
रजनीकांत पाठक क प्रोफाइल, जे विज्ञापन मे छपल अछि
बेगूसराय जिलाक बखरी अनुमंडल क शकरपुरा गामक रहनिहार रजनीकांत पाठकक संबंध मे हुनकर समर्थकक कहब अछि जे घोर समाजवादी पिताक जीवन सूत्र ‘भूखले सुति जइहै, मुदा बेइमानी नहि करिहे’ क सदिखन पालन करनिहार रजनीकांत पाठक कर्मठता स अपन बाट बनौलथि अछि।
रजनीकांत पाठक अपने कहैत छथि जे महानगरक फैक्ट्री मे कम तनखाह पर पेट त भरि जाएत छल, मुदा आत्मसंतुष्टि क भूख कहियो नहि मिटल। दिनेश पाठकक पु्त्र रजनीकांत पाठक 1999 मे दिल्ली मे बसल मैथिलक बीच सामाजिक गतिविधि मे हिस्सा लकए अपन पहचान बनायब शुरू केलथि। पूर्वांचल उत्कृष्ट महासंघ क कोषाध्यक्ष बनलथि। दिल्ली में छठ महापर्वक क आयोजन शुरू करौलथि। दिल्ली विकास संघ क अध्यक्ष रहैत ओ दिल्ली क अनाधिकृत कॉलोनी क समस्याक समूल उन्मूलन लेल नानावटी कमीशन लग ठाढ़ भ तर्कपूर्ण पक्ष राखलथि। 2003 मे श्री पाठक एकता शक्ति फाउंडेशन स जुड़लथि आ अपन लगन आ मेहनत सँ जल्दिये संस्थाक उपाध्यक्ष पद धरि पहुँच गेलाह।
रजनीकांत पाठक क विजन तखन सामने आयल जखन हुनकर सेंट्रलाइज्ड किचन क कॉन्सेप्ट कए बिहार सरकार लागू केलक। विधानसभा मे विशेष चर्चा कराय तत्कालीन शिक्षा मंत्री वृषिण पटेल आ सचिव डॉ मदन मोहन झा क प्रयास स पटनाक 209 आ हाजीपुर क लगभग 350 स्कूल मे एहि कॉन्सेप्ट कए प्रयोग क तौर पर शुरू करौल गेल। एहि कॉन्सेप्ट कए अमेरिकी सरकार तक प्रशंसा केलक आ एकरा नवाचारी प्रयोग कहलक।
मैथिली भाषा कए पहचान दिऐबा मे जुटल श्री पाठक राम जानकी फिल्म क मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी सेहो छथि। अपन बैनर तर मे कुसहा त्रासदी पर बनल फिल्म लव यू दुल्हिन कए दिल्ली क मल्टीप्लेक्स मे रिलीज करेबा मे इ सफल रहलाह।
साल 2008 मे जखन कुसहा बांध टूटल छल त 25 लाख टका मुख्यमंत्री कोष मे देनिहार रजनीकांत पाठक बाढ़ पीडि़त लेल सब साल राहत कार्य कए संपादित करैत छथि।
2020 मे दैनिक हिन्दुस्तान दिस स ‘प्राइड ऑफ बिहार’ सम्मान स सम्मानित रजनीकांत पाठक कए पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ‘बिहार गौरव सम्मान’ स अलंकृत क चुकल छथि।