पूरा मिथिला मे मज़दूरक ट्रैफिकिंग मे एकटा पैघ नेटर्वक काज क रहल अछि। एहि रैकेट मे तमाम दलक नेता आ पैघ पैघ सफ़ेदपोश शामिल छथि, जिनका एहि मज़दूर क बदला मे कम्पनी मोट रकम दैत अछि।
दरभंगा। जखन चहुओर इ समाद पसरल अछि जे कोरोनाक कारण भेल लॉकडाउन स उपजल परिस्थिति मे बिहार क लोक घर लौटबा लेल आफन तोडने छथि, गुजरात आ कर्नाटकक सरकार बिहारी मजदूर कए रोकबा लेल सतत प्रयास क रहल अछि, एहन परिस्थिति में मिथिलाक एकटा पिछडल जिला स मजदूर कए रातिक अंधरिया मे तेलंगाना कोना चल गेल। पूरा समाज लेल इ एकटा कलंक जेकां अछि, मुदा बिहारक उपमुख्यंमंत्री एकरा श्रमशक्ति क संज्ञा द रहल छथि।
शुक्रदिन भोर मे खगड़िया स रिवर्स माइग्रेशन क इ मामला देशक सामने आयल। 222टा मजदूर क तेलंगाना क लिंगमपल्ली गुलाम बना ल जाउल गेल। इ सब ओहि ठाम चाउर मिल मे काज करबा लेल गेलाह अछि। डीएम आलोक रंजन घोष क कहब अछि जे बिहार सरकार क आदेश स एहि मजदूर कए तेलंगाना जेबाक अनुमति देल गेल। सवाल उठैत अछि जखन बिहार सरकार लोक कए घर स बाहर नहि निकलबा लेल लॉकडाउन लगौने अछि तखन 222टा मजदूर कए राज्य स बाहर मजदूरी करबा लेल कोन कानून स पठेबाक आदेश देलक। सवाल इ सेहो अछि जे दोसर राज्य मे फंसल बिहारी कए घर अनबा लेल जखन ट्रेन चलल या बिहारक गुलाम मजदूर कए फैक्टरी तक पहुंचेबा लेल ट्रेन चलाउल गेल अछि? तेसर गप इ जे तेलंगाना स आयल लेबर ब्रोकर कए बिना जांच आ कोरेंटाइन केने जिलाधिकारी कोना गाम गाम घूमबाक अनुमति देलथि। एतबा नहि जिलाधिकारी आखिर कोन कानून स लेबर ब्रोकर कए गुलाम मजदूर कए ल जेबाक लेल बस उपलब्ध करौलथि।
उल्लेेखनीय अछि जे बिहार स तेलंगाना जाहि मजदूर कए ल जाउल गेल अछि ओहि मे स अधिकतर अलौली गाम क लोक अछि। अलौली 40 साल स एकटा केंद्रीय मंत्रीक रामविलास पासवानक पुश्तैनी गाम अछि आ विकासक चिराग एहि ठाम एखन धरि नहि जरल अछि। इ सच अछि जे बिहार क माथ पर गिरमिटिया क कलंक पुरान अछि, मुदा इ सेहो सत्य अछि जे 19वीं सदी मे जखन बिहार स गिमिटिया परदेस जाइत छल त ओहि मे मिथिलाक कोनो मजदूर शामिल नहि होइत छल, मिथिलाक मजदूर कए गिरमिटिया बनबाक मजबूरी नहि छल। मुदा आइ गिरमिटियाक पहिल खेप मिथिला क ओहि गाम स गेल जाहि गाम मे सबसे लंबा समय तक केंद्र में मंत्री रहबाक रिकार्डधारी रामविलास क पुश्तेनी घर अछि।
दरअसल आजादीक बाद बिहारक मजदूर आ किसान पर देशक नजरि अछि। कम विद्रोही आ मेहनती स्वसभावक कारण मिथिलाक मजदूर देश लेल जरूरी भ गेल छल। हरित क्रांति क बाद त मजदूर मतलब बिहार बना देल गेल। एक दिस तटबंध बना खेत खत्म छल, दोसर दिस कारखाना बंद क ओकरा खंडहर बना देल गेल। एकटा पैघ कारोबार मजदूर सप्लाइ एजेंसीक रूप मे सामने आयल। बिहार क 80 प्रतिशत नेता एहि कारोबार स जुडल छथि आ इ कारोबार लगभग 25 हजार करोड क बताउल जा रहल अछि। बिहारक विकास स नहि केवल इ 25 हजार करोडक कारोबार खत्म भ जायत, बल्कि विकसित राज्यक पूरा आर्थिक ढांचा चरमरा जायत। एहन मे इ उम्मीद करब मूर्खता थीक जे बिहारक नेता राज्यक विकास लेल कोनो डेग उठौताह। खगडियाक घटना इ बुझबा लेल आसान उदाहरण अछि जे बिहार मे मजदूर बेचनिहार नेताक पहुंच आ हिम्मत केतबा बढि चुकल अछि।
7 मई कए राति मे खगड़िया स तेलंगाना गेल ट्रेन कोन कानून स चलल तेकर जानकारी रेलवे एखन धरि नहि देलक अछि, किया त रेलवे दिस स जारी अधिसूचना मे साफ कहल गेल अछि जे देश मे केवल मजदूर, छात्र आ पर्यटक कए हुनका घर पहुंचेबा लेल ट्रेन चलाउल जा रहल अछि, तखन मजदूर कए कारखाना मे काज करबा लेल विदेस ल जेबाक लेल इ कोन ट्रेन चलाउल गेल छल। रेलवे एकर जबाव एखन धरि नहि देलक अछि।
आधिकारिक तौर पर इ ट्रेन तेलंगाना सरकार क अनुरोध पर चलाउल गेल अछि। लॉक डाउनक परिस्थिति मे कोनो सरकार दोसर प्रदेश स मजदूर कोना मंगा सकैत अछि। रेलवे तर्क कानून संम्मत नहि कहल जा सकैत अछि। ओना पहिने कहल गेल जे खगडिया मे फंसल तेलंगानाक मजदूर लेल ट्रेन आयल छल, मुदा जखन इ सवाल उठल जे खगडिया मे एतबा पैघ संख्या मे मजदूर किया रहत, तखन धीरे धीरे सत्यस बाहर आयल।
प्रत्यक्षदर्शी क दावा अछि जे ट्रेन मे सबटा मैथिल मजदूर छल आ अधिकतर त रामविलास पासवानक गाम अलौलीक छल।
दानापुर डिवीजन स भेटल सूचनाक अनुसार एहन कोनो ट्रेन चलबाक सूचना नहि अछि जे मजदूर कए गृह प्रदेश स बाहर ल जेबा लेल जाउल गेल अछि। शुक्रदिन साझ तक इ पूरा मामला संदिग्ध छल, बिहार स मजदूर कए एहि लॉक डाउन मे तेलांगना ल जेबाक आपराधिक कोशिश पर मीडियाक पैघ वर्ग चुप छल, मुदा किछु पत्रकार एकर सतत परत खोलबा मे लागल छलाह। दैनिक प्रभात खबर मजदूर जेबाक शुरुआती रिपोर्ट ब्रेक केलक त पत्रकार पुष्यपमित्र एकर पडताल करैत सूत्र खोलबाक पहिल प्रास केलथि। पुष्यमित्र कहैत छथि जे एहि मे कोनो प्रभुत्वशाली व्यक्ति क भूमिका लगैत अछि। पूरा मामलाक गहराई स छानबीन हेबाक चाही।
छानबीन क जरुरत एहि लेल सेहो जरूरी अछि जे खगड़िया स 222टा गुलाम मजदूर कए तेलंगाना पठेलाक बाद बिहार क उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी बहुत खुश छथि आओर राज्य लेल एकटा पैघ उपलब्धि मानि रहल छथि। स्वभाविक अछि जे बिहार मे कोनो काज मजदूर लेल नहि अछि। मनरेगा मे सहो ककरो काज नहि भेट रहल छै। एहन मे लॉकडाउन कए ताक पर राखि बिहार सरकार अगर मजदूर कए दोसर प्रदेश जेबा लेल अनुमति देलक अछि त जरुर पैघ आर्थिक समझौता भेल होएत। सुशील मोदी खुशी ओहि दिस इशारा करैत अछि।
पिछला 48 घंटा मे एकटा ध्यान देबा योग्य गप भेल जे कर्नाटक सरकार जखन बिहारी मजदूर कए रोकलक त बिहार मे खूब राजनीतिक बयानबाजी भेल, मुदा तेलंगाना मजदूर पठेबा पर ओहि प्रकारक विरोधी बयान कोनो नेता नहि देलथि, किया त इ एतबा पैघ कारोबार बनि चुकल अछि जे एहि बिरहनी क खोता मे के अपन हाथ देत। कशिश न्यूज क संपादक संतोष सिंह कहैत छथि जे गुलाम मजदूर कए तेलंगना पठेबा लेल एतबा गोपनीयता बरतल गेल छल जे बहुत किछु पता नहि चलि सकल अछि।
मामला क परत खोलबाक काज केलथि तेलंगाना स आयल प्रवासी मजदूर। ओ कहला जे हमरा सब संग तेलंगाना स दूटा दलाल आयल छल जेकरा एहि ठाम स मजदूर कए ल जेबाक छल। दूनू मजदूरक कहब छल जे इ सब मजदूर ल जा कए ओहि ठामक कोरोबारी संग ओकर सौदा करैत छथि। कहबा लेल जरूर इ कहि सकैत छी जे इ सब तेलंगाना मे बिहारी मजदूर कए काज दियेबाक पुण्य करैत छथि। दूनू ब्रोकर क नाम अछि राम बालक सिंह आ बचन देव सिंह जे नवादा क रहनिहार छथि। एहि क्रम मे नाम आयल एकटा स्थानक। बेलदौर। जखन ओहि ठामक जनप्रतिनिधि स सम्पर्क कैल गेल त पता चलल जे पचौत गाम क दमाद ऋषि कुमार पिछला एक सप्ताह स तेलंगाना चलबा लेल मजदूर कए लोभ द रहल छथि। ऋषि कुमार स सतत सम्पर्क मे राम बालक सिंह आ बचन देव सिंह छलाह।
इ तीनू एहि रैकेटक बहुत छोट मोहरा छथि। हिनकर सबहक काज गाम मे मजदूर कए टेबब अछि, मतलब एहन मजदूर कए ताकब जे कोहुना परदेस जेबा लेल तैयार भ जाये। तीनू मिल कए कुल 222टा मजदूर कए चलबा लेल तैयार क सकलाह, जखन कि टारगेट हिनका लग कम से कम एक हजार मजदूरक छल। हालांकि गामक लोकक कहब छै जे मज़दूर तैयार नहि छल, मुदा इ सब परिवार कए दस दस हजार टका द तैयार केलथि, किछु मजदूर परिवार कए धमकी त देबाक सूचना अछि। साम, दाम, दंड सबटा लगौलाक बाद मजदूर तेलंगाना चलबा लेल तैयार कैल गेल।
हालांकि खगड़िया डीएम क कहब अछि जे एकर कोनो जानकारी हुनका लग नहि अछि। ओ एतबा जरुर कहैत छथि जे जाहि ट्रेन स मजदूर आयल छल, ओहि ट्रेन स मजदूर नहि गेल। मजदूर लेल दोसर ट्रेन आयल छल। ओ कहला जे मजदूर कए बिहार सरकार क निर्देश पर तेलंगाना पठाउल गेल अछि। गामक लोक स विपरित राय रखैत डीएम दावा करैत छथि जे मजदूर परदेस जेबाक लेल तैयार छलथि। ककरो जबरन या टकाक लोभ द कए नहि ल जाउल गेल। ओ कहला जे तेलंगाना सरकार क आग्रह पर मजदूर कए पठाउल गेल अछि, एकर पूरा खर्च तेलंगाना सरकार वहन केलक अछि। मुदा डीएम एहि सवालक जबाव नहि द सकलाह जे रेलवे मजदूर कए परदेस ल जेबा लेल कोन अधिसूचना स ट्रेन चलौलक आ लॉकडाउन मे जिलाधिकारी मजदूर कए काज करबा लेल कोना जेबाक अनुमति देलथि। डीएम क जबाव स एहि पूरा रैकेट क ताकत क अनुमान लगाउल जा सकैत छल, मुदा सांझ होइत होइत मामला आओर साफ भ गेल।
मीडिया मे इ खबरि तेजी स आयल जे लेवर ठेकेदार गाम गाम पहुंच चुकल अछि। गुजरात, केरल, पंजाब आ हरियाणाक ठेकेदार एहन कईटा ट्रेन स गुलाम मजदूर ल जेबाक तैयारी क रहल अछि। गाम गाम मे मजदूर कए तैयार करबा लेल विधाय आ सांसद क लोक लामबंदी मे लागल छथि। जाहि ट्रेन स प्रवासी मजदूर आयल ओहि ट्रेन स लेवर ठेकेदार सेहो उतरि रहल छल। जे गुलाम मज़दूर कए सूरत, मुबंई, तेलंगाना आ केरल मे नौकरी दियेबाक नाम पर मिल मालिक आ मज़दूर दूनू स मोट रकम वसूलैत रहल अछि। इ लेवर ठेकेदार खगड़िया, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा, मधुबनी और सीतामढी आदि जिलाक सदूर गाम मे शुक्रदिन देखल गेल। एकटा ठेकेदार चौथम प्रखंड क प्रमुख क देवर छथि। सत्ताधारी दल स जुड़ल छथि। सीधा सम्बन्ध सत्ता क शिखर स छैन। पत्रकार जखन एहि रैकेट कए उदभेदन लेल सक्रिय भेल त नवादा चौथम प्रमुख पति क फोन पत्रकारक मोबाइल पर टनटना गेल। मुदा रेकी मे जे पत्रकार लागल छलाह हुनकर पहचान नहि भ सकल आ ओ जानकारी जुटेबा मे सफल रहलाह।
एहि खेल मे जाहि दूटा मोहराक चर्च अछि ओहि मे स एकटा क नाम विकास आ दोसरक नाम श्रृषि अछि। दूनू नवादा गाम क रहनिहार छथि। दूनू छह मई कए गाम पहुंचलाह। ओहि दिन सबटा मज़दूर कए ल फेर तेलंगाना लौट गेलाह। विकास क पिता कहला जे छह मई कए हमर बेटा आ संजय क भाई गाम आयल छलाह आ भोजन केलाक बाद गाम स 20टा मजदूर ल कए सहरसा चल गेलाह। आगूक गप हमरा संज्ञान मे नहि अछि। दोसर दलाल संजय स जखन पत्रकार सवाल केलथि त हुनकर कहब छल जे हमर भाई तेलंगाना स आयल छल आ ओहि दिन लौट गेल। खगड़िया प्रशासन ओकरा लेल वाहनक व्यकवस्थाह केने छल। सहरसा आ खगड़िया क बैलदोर आ नवादा स 222 मज़दूर कए ल जेबा लेल ओ आयल छल। किछु पुरान मजदूर आ किछु नव मजदूर ओकरा संग गेल अछि। गाम मे कोनो काज नहि छै, एहि ठाम रहि कए की करैबे, भूखे मरबा स नीक जे बाहर जा कए कमा ली। एहि मे कोन अपराध। एहि बीच, सिमरी बख्तियारपुर स 40टा मजदूर तेलगंना लेल छह मई कए रवाना भेल, इ सूचना मीडिया मे आयल। पूरा मिथिला मे मज़दूरक ट्रैफिकिंग मे एकटा पैघ नेटर्वक काज क रहल अछि इ लगभग साफ भ चुकल छल। सूत्र क जानकारी स इ सेहो साफ भ गेल छल जे एहि रैकेट मे तमाम दलक नेता आ पैघ पैघ सफ़ेदपोश शामिल छथि, जिनका एहि मज़दूर क बदला मे कम्पनी मोट रकम दैत अछि।
मजदूर कए तेलंगाना जेबा लेल कोना मजबूर कैल गेल, ताहि संबंध मे एकटा मामला तखन उजागर भेल जखन मीडिया ओहि मजदूरक घर पहुंचल। रमा देवी (बदलल नाम) क पति 7 मई कए जबरन तेलंगाना गेलाह। रमा देवीक कहब छल जे पिछला बेर पति कए नौकरी लगेबाक नाम पर ठेकेदार मोट रकम क मांग केलक। हम अपन किछु सामान गिरबी राखि ठेकेदार कए टका देने छलहुं। ओ कर्ज हमरा पर अछि। ठेकेदार हमर पति कए नौकरी जरुर लगा देने छल मुदा ओ जे कमाइत छलाह सबटा टका ठेकेदार पचा रखैत छल। फैक्ट्री मे 12 -12 घंटा काज केलाक बाद महज पांच हजार टका दैत छल। बाकी कहैत छल जे पति कए रखबा आ खुएबा मे खर्च भ गेल। एतबा टका त गाम जिला मे सेहो कमा लैत ओ किया जायत परदेस। मुदा कर्ज क कारण जेबा लेल मजबूर भ गेल।
पिछला 24 घंटा मे कईटा गाम मे मजदूर परिवार कए सख्त- निर्देश देल जा रहल अछि जे पत्रकार स गप नहि करबाक अछि। करीब आधा दर्जन पत्रकार कए चौथम क प्रमुख पति खुद फोन क कहलथि अछि जे बिना पुंछने हमर गाम किया गेलहुं, जे जानकारी लेबाक छल हम देबा लेल तैयार छी। प्रखंड प्रमुख क पति क सीधा कहब छल जे इ सब पटना आ हैदराबाद स निर्देशित अछि, हम सब मात्र निर्देश क पालन क रहल छी। हम सब कोनो गैर कानूनी काज नहि केलहुं अछि, जे कानून तोड़लक अछि ओहि पर मीडिया कार्रवाई करबा लेल प्रयास करै। सबटा व्यकवस्थाह सरकार केलक अछि, त सरकार गैर कानूनी काज करत। शायद प्रखंड प्रमुखक इ विश्वाछस उप मुख्यमंत्री क श्रमशक्ति क बखान स पैदा भेल अछि।
संजय होइत या खगडिया डीएम या फेर उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी सब एकरा पर गर्व करैत छथि, मुदा इ अपराध कोना नहि भेल। विकास आ श्रृषि दूनू 6 मई कए खगड़िया पहुंचल। सरकार क नियम छै जे ओकरा 14 स 21 दिन तक कोरेंटाइन सेंटर पर राखल जायत। एहन मे दूनू गोटे कए खगड़िया आ सहरसा क कईटा गाम मे भ्रमण करबाक अनुमति कोना देल गेल। दूनू गाम गाम जा कए मजदूर कए जमा करैत रहलाह आ प्रशासन हाथ पर हाथ ध बैसल कोना रहल। उलटा हिनका सब कए मजदूर ल जेबा लेल दस टा बस मुहैया कराउल गेल, कोन कानून स, इ त साफ साफ अपराध छै। मुदा जबाव केकरा लग छै। फिलहाल, एहि मामला मे कईटा परत आ नाम उजागर होएत..एखन मामला कए दबेबा लेल सब सतर्क भ गेल अछि। बिहार सरकार सेहो आब और गुलाम मजदूर बाहर पढेबा स अपन हाथ ठार क देलक अछि। देखबाक चाही एकर प्रभाव समाज पर केतबा पडैत अछि।