• मुखपृष्ठ
  • ईपेपर
  • संपर्क
Esamaad
  • समाचार
  • समाद विशेष
  • चित्रालय
  • विचार
  • संपादकीय
  • देश-दुनिया
  • फीचर
  • साक्षात्‍कार
  • खेल
  • तकनीक
No Result
View All Result
  • समाचार
  • समाद विशेष
  • चित्रालय
  • विचार
  • संपादकीय
  • देश-दुनिया
  • फीचर
  • साक्षात्‍कार
  • खेल
  • तकनीक
No Result
View All Result
Esamaad
Home विचार

मिथिला के सरिपहुं एक प्राचीन धरोहर थिक मंगरौनी

January 2, 2018
in विचार
A A
57
SHARES
Share on FacebookShare on Twitter

दोसरसमाचार

मैथिलीपुत्र प्रदीप : मिथिलाक लोकक गीतकार

मैथिलीपुत्र प्रदीप : मिथिलाक लोकक गीतकार

May 31, 2020
कागज पर नहि मैथिलक कंठ मे बसल अछि कवि प्रदीप क गीत

मिथिलाक धरोहर छलाह प्रदीप

May 31, 2020
कागज पर नहि मैथिलक कंठ मे बसल अछि कवि प्रदीप क गीत

कागज पर नहि मैथिलक कंठ मे बसल अछि कवि प्रदीप क गीत

May 30, 2020
नीति या हिस्सा आखिर केकरा लेल तमसायल अछि कारोबारी जगत

नीति या हिस्सा आखिर केकरा लेल तमसायल अछि कारोबारी जगत

December 5, 2019
गजानन मिश्र
मिथिला मे नव्य न्याय के प्रवर्तक छलाह गंगेश उपाध्याय । हिनक ग्रन्थ न्याय- तत्वचिन्तामणि के आधार पर मिथिला मे नव्य न्याय के आरम्भ भेल । पंजी अभिलेख सँ ई संकेत भेटैत अछि जे गंगेश मंगलवनी अर्थात मंगरौनी के वासी छलाह । पंजी अभिलेख मे गंगेश हेतु दू टा उपाधि- ‘जगतगुरु’ और ‘परमगुरु’ के उल्लेख कयल गेल अछि । हिनक पुत्र छलाह वर्धमान उपाध्याय जे सेहो भारी विद्वान/नैयायिक छलाह । वर्धमान धर्माधिकारी सेहो छलाह तिरहुत राजा देवसिंह के राज मे । राजा देवसिंह के राजधानी जाहि लहेरियासराय सँ दक्षिण स्थित देकुली मे छल, ताहि ठाम जे वर्धमानेश्वर महादेव अछि, से उक्त वर्धमान द्वारा प्राणप्रथिष्ठित बताओल जाईत अछि । १४-१५ वी सदी मे मंगरौनी गंगेश-वर्धमान के कारण नव्य न्याय के प्रख्यात विद्या-केंद्र के रूप मे सम्पूर्ण भारत मे प्रसिद्ध भेल । मध्य काल मे मिथिला जाहि नव्य न्याय के शिक्षण केंद्र के रूप सम्पूर्ण भारत मे प्रख्यात छल जतय बंगाल,बनारस,उड़ीसा आदि सँ विद्यार्थी अबैत छलाह, ताहि मिथिला के विद्या-केंद्र के उद्भव और विकास मे मंगरौनी तथा एतुक्का गंगेश-वर्धमान के महती भूमिका छल । मंगरौनी के बाद १५-१६-१७ वी सदी मे एहि विद्याध्यन के भौर-सरिसोपाही-भटपुरा आदि के परोपट्टा मे पक्षधर/अयाचीशंकर/महेश आदि द्वारा तथा अन्यत्र वाचस्पति आदि द्वारा बढ़ाओल गेल । गंगेश के तत्वचिन्तामणि के आधार बनाय बंगाल के नवद्वीप मे नव्य न्याय के विद्या-केंद्र सार्वभौम रघुनाथ शिरोमणि,गदाधर भट्टाचार्य,जगदीश तर्कलंकार आदि विकसित कयलनि एतेक धरि- तथा संगहि १८ वी सदी सँ मिथिला मे वैदुष्य मे जे पतन होबय लागल एतेक धरि- जे १८-१९ वी सदी मे मिथिला के छात्र नवद्वीप बंगाल,बनारस आदि स्थान मे जाय नव्य न्याय के शिक्षा प्राप्त करैत छलाह| १८ वी सदीके उत्तरार्ध सँ मिथिला आब गुरु नहि रहलीह, शिष्य भ गेलीह| ई अधोपतन आइयो धरि बनले अछि ।
विश्व विख्यात ‘मिथिला टोल’ खत्म अछि ।

 

मिथिला क वैदुष्य १८ वी सदी मे पुनः किछु अवधि हेतु मंगरौनी मे जाग्रत भेल छल पंडितराज गोकुलनाथ उपाध्याय एवं हुनक वंश द्वारा । महामहोपाध्याय पीताम्बर उपाध्याय ‘विद्यानिधि’ के पुत्र न्याय,मीमांसा,ज्योतिष,कर्मकांड के उद्भट पंडित ‘तार्किक कुलगुरु’गोकुलनाथ उपाध्याय,हुनक पुत्र ‘सर्वस्वदाता’ महामहोपाध्याय रघुनाथ, हुनक पौत्र महामहोपाध्याय भवानीदत्त के वैदुष्य के कारण मंगरौनी बंगाल के नवद्वीप और बनारस के सामान ज्ञान-विज्ञान के प्रख्यात केंद्र छल । उक्त भवानीदत्त के पुत्र छलाह शंकरदत्त जे १८५७ के क्रांति-नायक वीर कुंवर सिंह के गुरु छलाह । गोकुल नाथ उपाध्याय के एक भाय मदन उपाध्याय भारी तांत्रिक ओ सिद्ध पुरुष छलाह जनिका कारणे मंगरौनी तंत्र-विद्या केंद्र के रूप मे सेहो प्रसिद्ध छल । निकटस्थ भौआरा के तिरहुत-राजधानी के राजा राघवसिंह, प्रताप सिंह आदि द्वारा राजकीय संरक्षण हिनका लोकनि के प्राप्त छल-से अनुमान होईत अछि ।
यामलसारोद्धार के एक अप्रकाशित संस्कृत अभिलेख जे पंडित भवनाथ झा के सौजन्य सँ प्रकाश मे आयल अछि और जे १५-१६ वी सदी के रचना प्रतीत होईत अछि, के अनुसार कोकिलाक्षी भगवती अर्थात कोइलख ग्राम के पश्चिम कमला नदी के पुरबी तट पर गहन वन मे मंगल- मठ अछि जतय ज्ञान-विज्ञानं दायिनी चतुर्भुजा भगवती छथि और जे एक पैघ विद्या-केंद्र अछि । एहि मंगलवनी लग कमला के पश्चिमी तट पर बृहत् मधुवन अछि । उक्त भौगोलिक विवरण मंगलवनी यानि मंगरौनी तथा मधुवन यानि मधुबनी के पहचान स्थापित करैत अछि । संगहि मंगरौनी के एक विद्या-केंद्र के रूप मे उल्लिखित करैत अछि । हरिपुर-लोहा-जगतपुर बाटे बहैत कमला धार के एक धारा पहिने मंगरौनी के दक्षिण और मधुबनी के उत्तर सँ होईत चकदह बाटे ककना वला कमला धार सँ बहैत छल । नक्शा मे ई आई ‘छुतहरी धार’ के रूप मे अंकित अछि| एहि धार के पूरब मंगरौनी तथा पश्चिम मधुबनी पडैत अछि ।

दरभंगा गजेटियर १९६४ मे उल्लेख अछि जे मंगरौनी मे २४ टा पोखरि छैक । एहन पैघ विद्या-केंद्र जे मंगरौनी छल, हेतु कोनो आश्चर्य नहि । संगहि कमला कात क गाम मंगरौनी मे एतेक पोखरि के अवस्थिति एतय जल-प्रबंधन के वैज्ञानिक नीति के रेखांकित करैत अछि । मंगरौनी बौद्धिक दर्शन एवं सेकुलर विकास- दुनू मे अग्रगण्य छल । पंजी-अभिलेख मे फंदह्वार सँ उपनामित अछि मंगरौनी । फंदह्वार और पलिवार मंगरौनी के रूप मे पंजी अभिलेख मे एकर उल्लेख मंगरौनी के प्राचीनता और विशिष्टता के द्योतक थिक । काशी प्रसाद जायसवाल शोध संसथान पटना द्वारा ई अभिलेखित कयल गेल अछि जे मंगरौनी पुरातत्व के दृष्टिकोण सँ आरंभिक मध्य काल के स्थल अछि ।
मंगरौनी सरिपहुं मिथिला के एक प्राचीन धरोहर थिक ।

लेखक बिहार प्रशासनिक सेवाक अधिकारी छलाह ।
Tags: Ancient heritageGajanan MishraMangraunimithilaNyay Sashtra
Share57TweetPin

Related Posts

मैथिलीपुत्र प्रदीप : मिथिलाक लोकक गीतकार

मैथिलीपुत्र प्रदीप : मिथिलाक लोकक गीतकार

May 31, 2020
कागज पर नहि मैथिलक कंठ मे बसल अछि कवि प्रदीप क गीत

मिथिलाक धरोहर छलाह प्रदीप

May 31, 2020
कागज पर नहि मैथिलक कंठ मे बसल अछि कवि प्रदीप क गीत

कागज पर नहि मैथिलक कंठ मे बसल अछि कवि प्रदीप क गीत

May 30, 2020
नीति या हिस्सा आखिर केकरा लेल तमसायल अछि कारोबारी जगत

नीति या हिस्सा आखिर केकरा लेल तमसायल अछि कारोबारी जगत

December 5, 2019
फिल्मक समीक्षा : “गामक घर”  शून्य स अनंत धरि

फिल्मक समीक्षा : “गामक घर” शून्य स अनंत धरि

November 14, 2019
गांधीजी की छलाह ?

गांधीजी की छलाह ?

October 2, 2019
Next Post

बहुरत बिहार क्रिकेटक दिन

दुनू मिथिला कए जोड़त सरकारी बस सेवा

कबाड़ से तैयार भेल सोलर लैंप 'भारत लाइट'

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

टटका समाचार

मिथिला विकसित केलक एकटा आओर आमक प्रजाति, पातर छिलका, छोट सन गुठली आ स्वाद लाजबाव, नाम बुझबा लेल पढू समाचार

UNLOCK भेल BIHAR, मुदा जुलाई तक नहि खुलत स्कू्ल, देखू नबका गाइडलाइन

दरभंगा मे बाढ़ देलक दस्तक, कमला बलान मे उफान, आधा दर्जन पंचायत कए मुख्यालय स संपर्क भंग

बिहार मे 8 कए खत्म भ सकैत अछि लॉकडाउन, मुदा इ बंदिश रहत जारी

बोल बम…मोदीक जन्मदिन पर देवघर कए भेटत “खास सनेस”, बाबा नगरी लेल सफल भेल सांसद निशिकांतक भगिरथ प्रयास

Darbhanga Airport पर आब शुरू भेल ‘Price War’, Spicejet स कम छै IndiGo क किराया

की 2015 स सस्त रहल 2020 क चुनाव? सबस बेसी टका जमा केलक JDU, सबस बेसी खर्च केलक BJP, हिसाबे नहि देलक RJD

कोरोना क तेसर लहर लेल केतबा तैयार अछि बिहार, पढ़ू सरकार की बतेलक हाइकोर्ट कए

कोरोना स लड़बा मे आत्मनिर्भर भेल मिथिलाक प्रसिद्ध गाम सरिसब, शुरू केलक ‘सेल्फ सफ़िशिएंट सेंटर’

बेसी पढ़ल गेल

आधुनिक पटनाक निर्माण मे दरभंगा क योगदान

by संपादक
November 9, 2013
14
आधुनिक पटनाक निर्माण मे दरभंगा क योगदान

Read more

बिहार मे फेर बनए लागल विश्वस्तरीय मकान

by संपादक
March 11, 2011
0

Read more

चीनी उद्योग : मिठगर स्‍मरण, तितगर सच्‍चाई

by संपादक
October 10, 2013
5

Read more

सर्वाधिकार सुरक्षित। इसमाद डॉट कॉम मे प्रकाशित सभटा रचना आ आर्काइवक सर्वाधिकार रचनाकार आ संग्रहकर्त्ता लग सुरक्षित अछि। रचना क अनुवाद आ पुन: प्रकाशन वा आर्काइव क उपयोग लेल इ-समाद डॉट कॉम प्रबंधन क अनुमति आवश्यक। प्रबंधक- छवि झा, संपादक- कुमुद सिंह, राजनीतिक संपादक- प्रीतिलता मल्लिक, समाचार संपादक- नीलू कुमारी। वेवसाइट क डिजाइन आ संचालन - जया झा।

हमरा स संपर्क: esamaad@gmail.com

  • मुखपृष्ठ
  • ईपेपर
  • संपर्क

सर्वाधिकार सुरक्षित © 2007-2019 | esamaad.com

No Result
View All Result
  • समाचार
  • समाद विशेष
  • चित्रालय
  • विचार
  • संपादकीय
  • देश-दुनिया
  • फीचर
  • साक्षात्‍कार
  • खेल
  • तकनीक

सर्वाधिकार सुरक्षित © 2007-2019 | esamaad.com

error: कॉपी डिसेबल अछि