डॉ सत्येन्द्र कुमार झा
मैथिली गीतक सर्वाधिक लोकप्रिय हस्ताक्षर मैथिलीपुत्र प्रदीप आब एहि नश्वर संसारमे नहि छथि। चौरासी बरखक अवस्थामे आइ भिनसर हिनक निधन स्थानीय बंगालीटोला लहेरियासराय केर हिनक निवास पर भऽ गेलनि। हिनक अंतिम संस्कार हुनक पैतृक गाम तारडीह प्रखण्डक कैथवार नामक गाममे भेलनि।
मैथिलीपुत्र प्रदीप मात्र मैथिली गीतक रचयिता छला अपितु ओ मिथिलाक धरोहर छला। हिनक निधन सं मैथिली गीति परम्पराक एकटा युगक अवसान भऽ गेल। हिनक जगदम्ब अहीं अवलम्ब हमर हे माय अहां बिनु आस केकर,जे भगवतीक गीत अछि, कंठ कंठमे रचल बसल अछि आ हमरा जनैत विद्यापतिक गीत सभक पश्चात् सर्वाधिक लोकप्रिय गीत यैह अछि।
हिनक पूरा नाम प्रभुनारायण झा छलनि आ हिनक जन्म २ अप्रैल १९३६ इस्वीमे कैथवार नामक गाममे भेल छलनि। ई संत व्यक्तित्वक स्वामी छला आ माय भगवतीक आराधना मे सदति लागल रहैत छला। प्रदीप जी वृत्तिएं अध्यापक रहथि।
हिनक कृतिमे अनेक पोथीक नाम अबैत अछि जेना टुन्नी दाइक सोहाग, अष्टदल,स्वयंप्रभा, श्री मदभागवत गीता, गीत प्रदीप, श्री नटवरलीला महाकाव्य, सीता अवतरण आदि। ई गीत, कविता, कथा, नाटक, खण्डकाव्य आदि लिखलनि। ई विद्यापति परंपराक रचनाकार छला। हिनका अनेको सम्मानसं सम्मानित कऽ संस्था आ सम्मान दुनू गौरवान्वित भेल अछि । हिनका वैदेह सम्मान, मिथिला रत्न, भोगेन्द्र झा सम्मान, सुमन साहित्य सम्मान आदि अनेको सम्मान सं सम्मानित कैल गेल छनि। हिनक रचना मिथिलाक माटि पानिक रचना अछि, आस्था संवेदनाक रचना अछि, लोक जीवन आ लोक पर्वक रचना अछि । एहन संत कविक गोलोकवासी भेलासं सम्पूर्ण मिथिला आइ मर्माहत अछि।
- लेखक दरभंगा के सीएम कॉलेज में सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं