पटना। विधान परिषद मे नेता प्रतिपक्ष आ पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी मैथिली आ मिथिला पर पहिल बेर अपन राय रखलथि अछि। सदन मे मैथिली कए दोसर राजभाषा बनेबा पर चलि रहल चर्चा मे भाग लैत राबडी देवी कहलथि जे मैथिली बिहारक पुरान भाषा अछि। राज्यक करीब करीब 22टा संसदीय क्षेत्र एहन अछि जाहि ठाम इ भाषा बाजल जाइत अछि। संविधानक आठम अनुसूचि मे सेहो इ दर्ज अछि। एकर बावजूद अगर सरकार मैथिली कए दोसर राजभाषाक दर्जा नहि द रहल अछि त मिथिला क्षेत्र कए अलग राज्य बना देल जाये जाहि स ओहि ठाम सबटा सरकारी काज ओहिठामक अपन भाषा मे संभव भ सकत।
उल्लेखनीय अछि जे सोमदिन विधान परिषद में सुमन कुमार अपन संकल्पक तहत इ मसला उठेने छलाह जे मैथिली कए द्वितीय राजभाषा क दर्जा देबा पर सरकार की विचार क रहल अछि। पिछला सप्ताह पडोसी राज्य झारखंड मे सेहो मैथिली कए द्वितीय राजभाषा क दर्जा देल गेल अछि मुदा बिहार मे एखन धरि इ दर्जा मैथिली कए नहि भेटल अछि।
मैथिलीक प्रति बिहार सरकारक रवैया दलगत भावना स ऊपर रहल अछि। कांग्रेस सरकारक तहत जगन्नाथ मिश्र कैबिनेट मैथिली कए नजरअंदाज क उर्दू कए द्वितीय राजभाषा क दर्जा द देने छल। राजद सरकारक तहत लालू यादव कैबिनेट त मैथिली कए लोकसेवा आयोग तक स हटा देने छल। ज्ञात हुए जे काग्रेस सरकारक तहत केदार पांडेय कैबिनेट मैथिली कए लोकसेवा आयोग मे शामिल केने छल।
मैथिली कए द्वितीय राजभाषा क दर्जा देबा लेल भेल चर्च मे राबडी देवी जाहि प्रकार स मिथिला राज्यक मांग रखलथि ओ आगू मिथिलाक राजनीति कए प्रभावित करत। उल्लेखनीय रहल जे कांग्रेस नेता बाबू जानकीनंदन सिंह क बाद राबडी देवी एहन दोसर विधान पार्षद छथि जे सदनक भीतर मिथिला राज्यक मांग केलथि अछि। बाबू जानकीनंदन सिंहक बाद ओना बहुत नेता मिथिला राज्यक मांग केलथि बा ओकरा समर्थन देलथि मुदा सदन के भीतर एहि विषय पर कियो किछु नहि बजलथि। पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवीक इ बयान अगर राजदक घोषणापत्र तक पहुंच गेल त तय मानल जा सकैत अछि जे मिथिलाक राजनीति मे एकटा नव अध्यायक शुरुआत होएत जेकर मिथिला करीब छह दशक स बाट ताकि रहल अछि।