नई दिल्ली। देसी-विदेशी पर्यटक क लेल आकर्षण क केंद्र रहल गोवा आ बिहार मे समानता! इ सवाल कनि अटपट लगैत अछि। दरअसल बिहार जेना बदलि रहल अछि ताहि मे एहन समाचार सुनबा लेल आब हमरा सब कए तैयार रहबाक अछि। इ कोनो संभावना या उम्मीदक आधार पर नहि कहल जा रहल अछि। आंकड़ा बता रहल अछि जे अहां आब अपन बिहार पर गर्व कए सकैत छी। अपहरण, अपराध आ चोरी-छिनतई लेल कुख्यात रहल बिहार आइ पाहुनक सत्कार मे लागल अछि। पिछला साल विदेशी पर्यटक कए गोवा क बराबर बिहार आकर्षित केलक। जाहिर अछि जे राज्य सरकार पर्यटन क जरिए बिहार क छवि बदलबाक घोषणा करि सकैत अछि।
बौद्ध सर्किट आ जैन सर्किट क केंद्र मे रहल बिहार महसूस करि लेलक अछि जे राज्य मे धार्मिक पर्यटन क आधार पर विकास भ सकैत अछि। लिहाजा राज्य सरकार सूफी सर्किट, सिख सर्किट आ रामायण सर्किट जइसन माध्यम कए तलाशब शुरू करि देलक अछि। शायद एकरे सहारे बिहार आब एक मायने मे गोवा से आगू बढ़बा लेल तैयार अछि। बिहार पर्यटन क मुख्य सचिव रश्मि वर्मा कहलथि जे वर्ष 2008 मे जतय गोवा मे 3.54 लाख विदेशी पर्यटक अइलथि, ओतहि बिहार मे गोवा स मात्र नौ हजार कम पर्यटक अइलथि। बिहार मे विदेशी पर्यटक क संख्या 3.46 लाख रहल। ओ दावा केलथि जे अगिला साल बिहार पर्यटन क सहारे अब्बल भ सकैत अछि।