छह दशक तक विभिन्न कारण स देश मे भेल असंतुलित विकास आइ राज्यक विभाजन करबा लेल सरकार कए मजबूर क रहल अछि। मुदा जाहि प्रकार स मांग उठाउल जा रहल अछि आ सरकार कार्रवाई क आश्वासन द रहल अछि ओ देश लेल खतरनाक अछि। राज्यक विभाजन नहि बल्कि ओकर पुनर्गठक हेबाक चाही। आइ नव राज्यक संग-संग पुरान राज्यक परिसीमन सेहो आवश्यक अछि।
कुमुद सिंह
तेलंगाना क बहाने देश मे एक बेर फेर नव राज्यक लेल आंदोलन तेज भ गेल अछि। छोट राज्यक पक्ष मे जेतबा लोक सामने आयल, ओतबे ओकर खिलाफ मे सेहो। सरकारक दुविधा अछि जे ओ केकर मांग कए जायज आ केकर मांग कए नाजायज ठहरा आगूक कार्रवाई करे। सबस पैघ सवाल इ अछि जे एहि स पहिने जे राज्यक गठन भेल ओकर एकटा आधार तय छल। शुरू मे भाषाक आधार पर राज्यक निर्माण भेल, मुदा बाद मे विकासक आधार पर राज्यक निर्माण कैल गेल। झारखंड आ छत्तीसगढ़क गठन एहि आधार पर भेल। तेलंगाना संग दुविधा इ अछि जे एकर आधार एहन अछि जाहि आधार पर अगर एकर गठन भेल त देश मे कम-स-कम नौ टा नव राज्यक गठनक रास्ता साफ भ जाइत। तेलंगानाक गठन एक प्रकार स दूध मे स छाली निकालब जेकां अछि। मुदा झारखंड, छत्तीसगढ़ आ उत्तराचंल गठन ओहि दूध स भेल जेकर छाली त बिहार, मध्यप्रदेश आ उत्तरप्रदेश खा लैत छल, मुदा दूध ओहिना कए ओहिना रहि जाइत छल। छोट राज्यक पक्ष मे एकटा मजबूत तर्क इ देल जाइत अछि जे एहि मे प्रशासनिक तौर पर सक्रियता बेसी रहैत अछि। विकासक एकरुपता रहैत अछि आ विकासक लेल सरकार बेसी जिम्मेदार होइत अछि। इ सोच कई सालक अनुभवक बाद विकसित भेल अछि। आइ हरियाणा आ हिमाचल प्रदेश एकर उदाहरण अछि। मुदा पिछला नौ सालक अनुभव पिछला तीन दशकक अनुभव पर सवाल उठा देलक अछि। आखिर झारखंड बनला स की भेल। एकटा मुख्यमंत्रीक पद बढ़ल, एकटा प्रशासनिक बोझ बढ़ल आ लूट जारी रहल, लूटनिहार बदलि गेल। झारखंड स किछु नीक स्थिति छत्तीसगढ़ क कही सकैत छी। ओना ओहि ठाम सेहो माओवादी हिंसा बेकाबू भ चुकल अछि। आ राज्य प्रशासन कईटा क्षेत्र स गायब अछि। छोट राज्यक कतार मे एकरा सब स पुरान गोवा अछि, जाहि ठाम आइ धरि राजनीतिक स्थिरता नहि भ सकल अछि।
सवाल अछि छोट राज्य किया आ केकरा लेल। छोट राज्य नीक प्रशासन लेल, विकास लेल या फेर एहन नेता लेल जे पैघ राज्य मे विधायक बनबा योग्य नहि रहबाक कारण छोट राज्य मे मुख्यमंत्री बनबाक चाह रखैत छथि। निश्चित रूप स आइ अधिकतर राज्यक मांग नीक प्रशासन या विकासक चाहत लेल नहि भ रहल अछि। मांग करनिहार नेता या त संसद या विधानसभा मे नहि छथि या फेर अपन पार्टी मे अलग-थलग छथि। किछु एहनो नेता छथि जिनका इ आभास अछि जे पैघ राज्य मे ओ कहियो मुख्यमंत्री नहि बनि सकताह।
आइ देश जाहि ठाम ठार अछि, केंद्र लग दोसर राज्य पुनर्गठन आयोग बनेबाक अलावा कोनो आओर बाट नहि बचल अछि। देशक विकास लेल समग्र विकास जरूरी अछि। एहन मे राज्यक सीमा फेर स निर्धारित करब समयक मांग अछि। जे विभाजन पहिने भेल ओकरा पर फेर स विचार हेबाक चाही। देशक हित मे किछु काटल जाए, त किछु जोड़ल जाए। आधार चाहे भाषा हुए या विकास, मुदा एतबा जरूर तय हुए जे राज्यक गठन मात्र एकटा आओर मुख्यमंत्री लेल नहि हेबाक चाही।
राज्य गठन क आधार भाषा, विकास क संग-संग एकटा निश्चित भुगोल सेहो राखल जेबाक चाही, जाहि स अत्यधिक छोट या हिसाब स बेसी पैघ राज्य देश मे नहि हुए। इ एकटा अजीब सन कतार लगैत अछि जाहि मे उत्तरप्रदेश आ महाराष्ट्रक मुख्यमंत्रीक बगल मे गोवाक आ उत्तराखंडक मुख्यमंत्री बैसल रहैत छथि। सवाल अछि छोट राज्य झारखंड धनी अछि, मुदा ओकर जनता गरीब आ देश मे सबस पैघ राज्य भेलाक बावजूद उत्तरप्रदेशक विकास देश मे सबस बेसी असंतुलित अछि। पूर्वांचलक इलाका कए देखि अहां गाजियाबादक इलाकाक कल्पना तक नहि करि सकैत छी। मेरठक कोनो मुकदमाक सुनवाई लेल अहांकए इलाहाबाद क बाट नापब मजबूरी अछि। बुंदेलखंडक इलाका जतय अपन गरीबी लेल आर्थिक पैकेजक भीख मांगि रहल अछि, ओहि राज्यक एकटा दोसर इलाका मे देशक सबस विकसित परिवहन मेट्रोक विकास लेल योजना बनि रहल अछि। जाहि राज्यक एकटा अंचल आइ पगडंडी कए सड़क कहबा लेल मजबूर अछि, ओहि राज्य मे आठ आ सोलह लेनक सड़क बनि रहल अछि। कहबाक अर्थ इ अछि जे एहन असंतुलित विकास जाहि राज्य मे अछि ओकर अगर बंटबारा नहि भेल त ओहि ठाम एकटा नव प्रकारक समस्या उत्पन्न भ सकैत अछि, जेकर कल्पना सरकार नहि करि पाबि रहल अछि।
एहन मे बिहारक मुख्यमंत्री क इ सुझाव सेहो महत्वपूर्ण अछि जे नव राज्यक गठन स बेहतर विकल्प राज्यक परिसीमन अछि। जाहि स बहुत समस्याक बिना नव प्रशासनिक आ विधायीक ढांचा तैयार केने निराकरण भ सकैत अछि। विकासक नजरि स देखल जाए त झारखंडक नौ सालक अनुभव कहि रहल अछि जे एहि स बेहतर छल जे बिहार मे छल। भाषाक नजरि स देखल जाए त पूर्वांचलक एकटा पैघ हिस्सा भोजपुरी बजैत अछि, जे लखनऊ स बेसी पटनाक नजदीक बुझाइत अछि। सांस्कृतिक रूप स सेहो इ इलाका बिहार स जुड़ल अछि। महाराष्ट्र आ पंजाब मे जखन बिहारी संबोधन होइत अछि तखन एहि इलाकाक लोक सेहो एहि मे शामिल रहैत छथि। ताहि लेल राज्य पुनर्गठक मे उत्तरप्रदेश एहि इलाका कए नव राज्य बनेबा स नीक रहत जे एकरा बिहार स जोड़ल जाए। कुल मिला कए कहल जा सकैत अछि जे कए एकबेर फेर पटेल सन गृहमंत्रीक जरूरत अछि, जे रातिक अनहार मे नहि बीच दोपहरिया मे राज्य पुनर्गठक प्रक्रिया शुरू करबाक घोषणा करथि।