मोतिहारी । कालाजार आ मलेरिया बिहार क लेल अभिशाप अछि, मुदा पूर्वी चंपारण क खेत स ओकर खिलाफ जंग क शुरुआत भ गेल अछि। एहि ठाम क चकिया प्रखंड मे एहि बीमारी स निजात लेल दवाई क निर्माण मे प्रयुक्त पादप आर्टीमिसिया क खेती शुरू कैल गेल अछि। एहि मे मदद करि रहल अछि फार्मास्यूटिकल कंपनी इपका। आर्टीमिसिया स प्राप्त आर्टीमीसिन नामक रसायन स कालाजार आ मलेरिया क दवाई बनैत अछि। चकिया प्रखंड क किसान श्री आ बारा गोविन्द गांव क किसान अजय कुमार देव औषधीय खेती करि रहल छथि। इपका फार्मास्यूटिकल एकटा करार क तहत हिनका सब कए आर्टीमिसिया क बीज उपलब्ध करा दैत अछि। करार क मुताबिक कंपनी उत्पाद सेहो कीन लैत अछि। अजय क लेल आर्टीमिसिया क खेती फायदेमंद साबित भ रहल अछि। औषधीय खेती स ओ वर्तमान मे तीन लाख टका सालाना कमा रहल छथि। अजय क सफलता स प्रेरित भ कए गाम क राकेश देव, चन्द्रशेखर देव, पंकज देव, मनोज देव, सुधीर सिंह, मंजय सिंह, राजेश्वर सिंह आ उपेन्द्र सिंह सहित दर्जनभरि अन्य किसान सेहो आइ औषधीय खेती करि बेहतर धनोपार्जन करि रहल छथि। एक एकड़ मे आर्टीमिसिया क खेती क लेल 20 ग्राम बीज क जरूरत होइत अछि। प्रति 10 ग्राम बीज क दाम 500 टका अछि। एक एकड़ क खेती मे 10 हजार खर्च अबैत अछि, जखकि फसल स आमदनी 26 हजार होइत अछि। एक एकड़ मे 8 स 10 क्विंटल आर्टीमिसिया पत्ता क उत्पादन होइत अछि। इ मात्र 120 दिन क फसल अछि, जाहि मे चारि बेर सिंचाई आ एक निकाई क जरूरत होइत अछि।