पटना । बिहार क चीनी मिल क प्रति निवेशक क बेरुखी स परेशान राज्य सरकार आब एहि मिल कए बेचबा लेल नव तरीका तकबा मे जुटल अछि। सरकारी अधिकारी मानू त आब एहि मिल आ एकर जमीन कए बिहार औद्योगिक भूमि विकास प्राधिकरण (बियाडा) क हवाले कैल जा सकैत अछि।
राज्य सरकार क एकटा वरिष्ठ अधिकारी क कहब अछि जे, बियाडा क जरिये एहि मिल कए बेचकए हम मोट रकम कमा सकैत छी। संगहि हमारा लग विकल्प सेहो कईटा होइत। एखनधरि हम सिर्फ एकटा निवेशक कए इ मिल आ जमीन द रह छी, मुदा बियाडा एहि भूमि कए कईटा निवेशक कए अलग-अलग दाम पर द सकैत अछि। एहि स हमर कमाई मे इजाफा होएत।
राज्य सरकार बिहार स्टेट शुगर कॉरपोरेशन क साल स बंद पड़ल इन मिल कए बेचबा क फैसला एहि लेल केने छल, ताकि एकर कर्मचारी कए साल स लंबित वेतन क भुगतान कैल जा सकए। राज्य क गन्ना आयुक्त जयमंगल सिंह कहला जे हिनकर वेतन क मद मे साल स टका लंबित अछि। एहि मिल कए बेचकए हम कम स कम एतबा रकम जुटेबाक इच्छा रखैत छी जाहि स हुनका सब कएबकाया द सकी। सिंह कहला जे हम एहि चीनी मिल कए बेचबा लेल तीन चरण मे बोलि मंगेलहू। पहिल चरण मे 15, दोसर मे 9 आ तेसर मे 11टा मिल कए बेचबा लेल प्रयास कैल गेल, मुदा केवल दू-दू कुल चारि टा चीनी मिल कए बेच सकलहूं अछि। तेसर चरण क प्रक्रिया एखन चलि रहल अछि, मुदा एहि मे सेहो केवल चारिटा मिल पर गप भ रहल अछि।
ओ कहला जे तेसर चरण मे दूटा मिल क इस्तेमाल निवेशक चीनी मिल क रूप मे करै चाहैत छथि। बाकी मिल क इस्तेमाल ओ दोसर काज लेल करै चाहैत छथि। हमरा एहि मे कोनो आपत्ति नहि अछि, मुदा कम निवेशक क एला स हम परेशान जरूर छी। सूत्र क कहब अछि जे ज्यादातर निवेशक त जमीन क खातिर एहि चीनी मिल सब कए दिस आकर्षित भ रहल छलाह। ओ एकर इस्तेमाल चीनी उत्पादन स इतर दोसर काज लेल करै चाहैत छथि, मुदा एकरा लेल एखन ठीक स माहौ नहि बनल अछि जाहि स ओ दुविधा मे छथि। सरकार सेहो इ नहि चाहैत अछि जे विपक्ष ओकरा पर इ आरोप लगाबै जे सरकार चीनी मिल खोलबा मे विफल रहल। मालूम हुए जे देश क आन राज्यक मुकाबले बिहार क चीनी मिल लग बहुत जमीन अछि। मिसाल क तौर पर मुजफ्फरपुर जिले क मोतीपुर चीनी मिल लग 1,000 एकड़ जमीन अछि। बीतल चारि साल मे सूबा मे जमीन क दाम आसमान छू रहल अछि। भूमि अधिग्रहण मे आबि रहल दिक्कत कए देखैत नव उद्योग लेल जमीनक व्यवस्था काफी मुश्किल भ गेल अछि एहन मे एहि मिल ल जे जमीन अछि ओहि मे दू स चारि टा उद्योग एक संग लागी सकैत अछि। एहन मे सरकार एकरा एक गोटे क हाथे बचबा स बेसी चारि गोटेक हाथे बेचबाक योजना पर विचार करि रहल अछि।