लीची स शराब बनेबाक भेटल छूट, पहचान क संग बिहार क भेटत राजस्व
पटना। आब मदहोश हेबा लेल अंगूर क जगह पर बिहार क लीची सेहो शराब उपलब्ध भ सकत। बिहार सरकार भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद क प्रस्ताव कए स्वीकार करि लेलक अछि। इ प्रस्ताव मंजूर भेला क बाद भारत मे आब लीची स शराब बनेबाक रास्ता साफ भ गेल। मुख्यमंत्री कार्यालय क एकटा अधिकारी कहलथि जे मुजफ्फरपुर जिला क शाही लीची स शराब बनेबाक सैधांतिक अनुमति द देल गेल अछि। हुनकर अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आइसीएआर क निदेशक मंगला राम कए प्रस्ताव कए मंजूर करि लेलथि आ शीघ्र ही एक औपचारिक घोषणा कएल जाएत।
एहि संदर्भ मे मुख्यमंत्री हाल मे आयोजित एक टा बैठक मे कहला जे बिहनर मे प्रचुर मात्रा मे लीची उत्पादन भ रहल अछि। मुख्यमंत्री कहला जे रखरखाव क अभाव आ बाजार तक पहुंचवा मे देरी क कारण काफी मात्रा मे लीची बेकार भ जाइत अछि। एहन मे अगर लीची स शराब बनाउल जाएत त एकर उपयोगिता क संग-संग सरकार कए राजस्व मे वृद्घि सेहो भ सकत आ बिहार कए एक टा नव पहचान भेटत।
प्रस्ताव क अनुसार लीची स शराब बनेबाक संयंत्र मुजफ्फरपुर मे लगाउल जाएत। राष्टï्रीय लीची अनुसंधान केंद्र क अधिकारी सेहो मानि रहल छथि जे लीची स शराब बनेबाक मंजूरी भेटला क बाद लीची उत्पादन मे लागल किसान क हाथ मजबूत होएत। आइ वो औने-पौने दाम पर लीची बेचबा लेल मजबूर छथि संग ही प्रसंस्करण आ पैकेजिंग क सुविधा नहि हेबाक कारण काफी मात्रा मे लीची बरबाद भ जाइत अछि, मुदा आब एहन नहि भ सकत।
ज्ञात हुए जे भारत मे उत्पादित कुल लीची उत्पादन क 70 फीसदी लीच मात्र मुजफ्फरपुर आ पड़ोसी जिला मे पैदा भ रहल अछि। पिछला एक दशक मे लीची उत्पादन क प्रति किसान क बढ़ल रूझान स एकर उत्पादन मे खासा बढ़ोत्तरी देखल गेल अछि। एहि अनुरूप सुविधा आ बाजार क विकास नहि भ सकल अछि। ओना मुजफ्फरपुर क लीची नीदरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, लेबनान, कनाडा, रूस बा यमन तक निर्यात भ रहल अछि।