पटना। बिहार संग केंद्र सरकारक नाइंसाफी बढ़ल जा रहल अछि। कैबिनेट मे बिहारक कोनो प्रतिनिधि नहि रहला क कारण बिहारक एक-एक टा योजना कए या त शिथिल कैल जा रहल अछि, या फेर ओकरा केंद्रीय मंत्री अपन गृहराज्य मे स्थानांतरित करबा रहल छथि। पहिने एथनॉल मामला मे शरद पवार बिहार कए जोरक धक्का देलथि, फेर ममता बनर्जी लालूक नाम पर बिहार संग अन्याय केलथि। आब ताजा मामला ऊर्जा मंत्रालय स अछि। बिजली क कमी स जूझि रहल बिहार क संग ऊर्जा मंत्रालय एहन नाइंसाफी केलक अछि, जे बिहार राज्य बिजली बोर्ड लेल 440 वाट क झटका स कम नहि अछि। बिहार राज्य बिजली बोर्ड के प्रवक्ता हरेराम पांडेय क अनुसार अरुणाचल प्रदेश क शुभानश्री हाइडल प्रोजेक्ट स बिहार कए जे 600 मेगावाट बिजली भेटबाक छल ओ आब बिहार कए नहि भेट कए केंद्रीय ऊर्जामंत्री क गृहराज्य महाराष्टï्र कए देल जाएत।
दरअसल, मामला इ अछि जे नेशनल हाइडल प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन क साथ सन् 2000 मे बिहार राज्य बिजली बोर्ड एकटा करार केने छल । जेकर अनुसार 2012 स अरुणाचल प्रदेश क शुभानश्री हाइडल प्रोजेक्ट मे 2000 मेगावॉट बिजली क उत्पादन शुरु भेलाक बाद ओकर 30 प्रतिशत यानि 600 मेगावाट बिजली बिहार कए भेटबाक छल। मुदा आब नेशनल हाइडल प्रोजेक्ट बिहार कए बिजली देबा स मना करि देलक अछि। जानकारी क मुताबिक एनएचपीसी क एहि प्रोजेक्ट स नार्थ ईस्टर्न रीजन कए उत्पादन क पचास फीसदी आ नार्थ वेस्टर्न कए उत्पाद क पचास फीसदी बिजली देल जाएत। बिहार लेल बिजली क कोनो आवंटन नहि भेल अछि।
बिहार संग एहि नाइंसाफी क सवाल पर एकटा पदाधिकारी साफ तौर पर कहैत छथि जे महाराष्टï्र क लेल बिजलीक आवंटन करबाक दबाव बिहार संग नाइंसाफी करबा लेल मजबूर करैत अछि। जखन कि दुनिया जनैत अछि जे बिहार मे बिजली क उत्पादन नहि जेका भ रहल अछि। ऊपर स राज्य मे बिजली क डिमांड 2500 मेगावाट तक पहुंच चुकल अछि। सेंट्रल सेक्टर स सेहो 1500 मेगावाट क स्थान पर बिहार कए 900क आसपास बिलजी भेटैत अछि, जखन कि मध्यप्रदेश आ दिल्ली अपन आवंटन स बेसी बिजली खर्च करैत अछि। राज्य मे पहिने स बिजली क कमी अछि ऊपर स केंद्रक एहन रवैया राज्य बिजली बोर्ड कए परेशान केने अछि।