पटना। सुदूर मधेपुरा हुए या फेर पटना क कोनो थाना मे बैसल पुलिस। आब चंद मिनट मे जानकारी उपलब्ध भ जाएत जे कौन मोबाइल नंबर स पूरा दिन कौन नंबर पर गप होइत रहल आ फेर कौन नंबर स फोन आबि रहल आ जा रहल छल। एकरा लेल पुलिस कए आब कोनो मोबाइल कंपनी क खुशामद नहि करबाक अछि आओर एहि लेल समय सेहो नहि लगेबाक अछि। बस माउस क्लिक करैत पुलिस मुख्यालय कए सूचना उपलब्ध भ जाएत। गृह मंत्रालय क नियम क मुताबिक आब सबटा मोबाइल ऑपरेटर कए अपन काल डिटेल्स वाला एकटा सर्वर कए खास तौर पर पुलिस क लेल राखब अनिवार्य भ गेल अछि। आम तौर पर इ होइत रहल अछि जे पुलिस कोनो संदिग्ध क क्रियाकलाप पर अनुसंधान क क्रम मे ओकर मोबाइल काल डिटेल्स क पूरा प्रिंट मोबाइल कंपनी स मंगैत अछि। पूर्व मे काल आब्जर्वेशन क व्यवस्था छल। एहि प्रक्रिया मे काफी समय लगैत छल। छुट्टी क दिन मे समस्या बढि़ जाइत छल। आतंकी घटना क बाद गृह मंत्रालय इ व्यवस्था करि देलक अछि जे मोबाइल ऑपरेटर कए हर हाल मे अपन दफ्तर मे एकटा सर्वर पुलिस मुख्यालय क लेल लगेबाक अछि। उक्त सर्वर स पुलिस मुख्यालय क खास कंप्यूटर जुड़ल रहत। जखन कोनो जिला क पुलिस अधिकारी कए कोनो संदिग्ध नंबर क डिटेल्स क जानकारी क दरकार होएत पुलिस मुख्यालय क संबंधित अधिकारी पूरा काल विवरण मिनट मे उपलब्ध करा देताह। एकरा लेल पुलिस कए कोनो औपचारिक प्रक्रिया स नहि गुजरबाक अछि। पुलिस अफसर क कहब अछि जे एहि स अनुसंधान मे सुविधा होएत आ इ वैधानिक प्रक्रिया रहत। पूर्व मे पुलिस मुख्यालय मोबाइल इंटरसेप्टर क्रय करबा क योजना पर काज शुरू केने छल। मोबाइल इंटरसेप्टर क माध्यम स पुलिस संदिग्ध फोन काल कए सुन सकैत अछि।