पटना। तत्कालीन उपराष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत पांच साल पहिने पटना मे बनेय वाला जहि ऑल इंडिया इंस्टिच्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स-पटना) क आधारशिला रखने छलाह अंतत: ओकर डिजाइन कए स्वीकृति भेट गेल। निर्माण कार्य आरंभ करबा लेल एहि सप्ताह टेंडर निकलत । विलंब क कारण एहि संस्थान क निर्माण क लागत रहल जे 332 करोड़ स बढि़कए 843 करोड़ टका भ गेल अछि। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय क एकटा अधिकारी नाम नहि छापबाक शर्त पर समाद स कहला जे आवासीय परिसर बनि रहल अछि। निर्माण कार्य क लेल मंत्रालय कई तकनीकी एजेंसी स सहयोग ल रहल अछि। अस्पताल क निर्माण मे मुख्य रूप स हिन्दुस्तान लैटेक्स लिमिटेड मंत्रालय कए सहयोग करत। पहिने इ काज हास्पिटल सर्विसेज कन्सेल्टेंसी कारपोरेशन क जिम्मा मे छल। एहि महत्वाकांक्षी परियोजना क लेल राज्य सरकार 100 एकड़ जमीन मुहैया करौलक अछि। खगौल स्थित सिंचाई अनुसंधान परिसर क 33 एकड़ जमीन आवासीय परिसर आओर फुलवारीशरीफ स्थित वाटर एंड लैंड मैनेजमेंट इंस्टीच्यूट (वाल्मी) मे मुख्य भवन क लेल 77 एकड़ जमीन देल गेल अछि। संस्थान मे मेडिकल क पढ़ाई सेहो होयत आओर प्रत्येक वर्ष सौ छात्र-छात्रा क नामांकन भ सकत। समाद भेटल अछि जे केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय क अधिकारी एहि प्रोजेक्ट मे दिलचस्पी नहि लैत छलाह जाहि स एखन धरि एकर डिजाइन कए स्वीकृति नहि भेटल छल। काउंसिल फॉर प्रोटेक्शन ऑफ पब्लिक राइट्स वेलफेयर क याचिका पर पटना उच्च न्यायालय जखन निर्माण कार्य शीघ्र शुरू करेबाक आदेश देलक तखन मंत्रालय सक्रिय हुआ और आरडीबी इंडस्ट्रीज से इसका डिजाइन तैयार कराया। इसे मंत्रालय क तकनीकी कमेटी दू सप्ताह पूर्व मंजूरी देबाक कष्टï केलक। निर्माण कार्य दू साल मे पूरा करबाक लक्ष्य रखल गेल अछि। याचिका दायर करै वाला संस्था क महासचिव महेंद्र प्रसाद गुप्ता समाद स कहलथि जे राज्य सरकार एखन धरि जमीन केन्द्र सरकार क नाम ट्रांसफर नहि केलक अछि। बिजली, पाइन आ सड़क सेहो मुहैया नहि भ सकल अछि। स्वास्थ्य मंत्रालय मे एहि प्रोजेक्ट क नोडल अफसर डॉ विनायक प्रसाद स कई बेर संपर्क करबाक बावजूद एहि संबंध मे गप नहि भ सकल अछि। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना क तहत आठ राज्य मे एम्स क निर्माण भ रहल अछि, जाहि मे बिहार क अलावा छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, राजस्थान, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल आओर उत्तर प्रदेश शामिल अछि।