नई दिल्ली। लोकसभा मे बिहार मे नव ऊर्जा संयंत्र लेल कोल लिंकेज क सुविधा उपलब्ध करेबाक मांग पर जे गप सामने आयल हो एकटा नव बहस कए जन्म द देलक अछि।
कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल क कहब अछि जे हुनकर विभाग एहि लेल कतहु स जिम्मेदार नहि अछि, दरअसल एहि लेल ऊर्जा मंत्रालय जिम्मेदार अछि, ओकर सिफारिश प्राप्त होइत देरी कोयला मंत्रालय जल्द स जल्द बिहार कए कोयला उपलब्ध करा देत। जायसवाल क साफ कहब अछि जे कोल लिंकेज क सुविधा तखने प्रदान कैल जा सकैत अछि जखन एहि विषय पर ऊर्जा (बिजली) मंत्रालय स सिफारिश प्राप्त होएत।
बिहारक विकास लेल बिजलीक केतबा जरूरत अछि इ ककरो स नुकायल नहि अछि। बिहार मे स्थापित कैल जा रहल नव ऊर्जा संयंत्र क लेल कोल लिंकेज क सुविधा क बारे मे केंद्र सरकार रवैया शुरू स उदासीन रहल अछि। इ सवाल उठैत अछि जे आखिर केंद्र सरकार अगर कोल लिंकेज उपलब्ध नहि करा रहल अछि त एकर पाछु की कारण अछि।
कोयला मंत्री जेना कहला ओ साफ अछि जे ऊर्जा मंत्रालय बिहार क लेल वाधा उत्पन्न करि रहल अछि। किया कि बिहार मे जे ऊर्जा संयंत्र लागल अछि ओकरा लेल कोल लिंकेज क सुविधा रोकल नहि गेल अछि। एतबे नहि दूटा अतिरिक्त कोयला ब्लाक सेहो उपलब्ध करा देल गेल अछि। कोल इंडिया लिमिटेड राज्य क बिजली संयंत्र लेल जरूरत क 95 प्रतिशत कोयला क आपूर्ति करैत अछि।
सवाल उठैत अछि जे मनमोहन सिंहक दोसर कार्यकाल मे एना बिहार विरोधी काज किया भ रहल अछि। गप केवल एकटा कैबिनेटक नहि अछि। दूनू मंत्रालय एकहि टा दलक नेताक लग अछि, अंतर अछि त बस राज्यक।
आजाद भारतक इ पहिल एहन कैबिनेट अछि जाहि मे एकोटा बिहार क प्रतिनिधि नहि अछि। 60 साल तक बिहारक नेता राज्य कए बिसरि देश कए बनेबा मे लागल रहलाह, आइ पूरा देश लग बिहार कए बनेबाक मौका अछि, मुदा मनमोहन क कैबिनेट क सदस्य हर मामला मे एक दोसर पर जिम्मेदारी देबाक अलावा किछु नहि करि रहल अछि। एकटा खास राज्यक मंत्री सब एकजुट भ बिहार कए विकास मे रोडा ठार करि रहल छथि। बिहार मे सबस पहिने एथोनॉल क मामला सामने आयल, अनुमति नहि भेटल, फेर बिहार मे विमान सेवा क विस्तारक योजना आयल, फाइल गरदा फांकि रहल अछि, फेर इ कोयला आपूर्तिक नव मामला, सबटा मे एकटा खास राज्यक नेताक नाम लगातार सामने आबि रहल अछि जे बिहारक योजना कए रोकबा मे जी जान लगा देने छथि। बीटी मक्का लेल बिहारक जमीनक प्रयोग लेल एकटा खास कैबिनेट मंत्री जेना चारू दिस स दबाव बनेने छथि ओ सेहो आपत्तिजनक अछि। कुल मिला कए कहल जा सकैत अछि जे केंद्र मे बिहारक विरोध एतिहासिक अछि। आर जे मनमोहन सिंह क रवैया अछि ओहि मे बिहार लेल कोनो शुभ संकेत नजरि नहि आबि रहल अछि।