पटना। पिछला एक दशक मे बिहार मे समृद्धि आयल अछि, मुदा राष्ट्रीय औसत स बिहार एखनो बहुत पाछु अछि। बिहारक संदर्भ मे जखन कोनो आंकडा सामने अबैत अछि त वर्तमान क उत्साह स बेसी भूत क वास्तविकता डरा दैत अछि। हर रिपोर्ट मे इ गर्व करबा लेल भेट जाइत अछि जे पिछला आंकडा स ताजा आंकडा आगू अछि, मुदा पिछला आंकडा एतबा नगण्य अछि जे आगू बढलाक बावजूद देश क अन्य राज्यक कतार मे सबस पाछु ठार देखाइत छी। मकान, पारिवारिक सुविधा आ परिसंपत्ति पर जारी 2011 क जनगणना क आंकडा बिहार मे आयल बदलाव कए खुलासा केलक अछि। एहि मे साफ तौर पर कहल गेल अछि जे बिहार मे पैघ संख्या मे मकान बनल अछि। लोक पहिने स कहीं बेसी प्रकाश लेल बिजली आओर भानस लेल एलपीजी क उपयोग करि रहल छथि। रेडियो क उपयोग घटल अछि मुदा टीवी आ इंटरनेट क उपयोग मे बढोतरी दर्ज कैल गेल अछि। पेयजल लेल इनार पर निर्भरता कम भेल अछि आओर हैंडपंप क इस्तेमाल बढल अछि। मुदा बिहार एखनो राष्ट्रीय औसत स बहुत पाछु अछि। बिहार कए एखन बहुत लंबा रास्ता तय करबाक अछि। खुशीक गप त बस इ जे बिहार पाछु नहि जा रहल अछि, बिहार ठहरल नहि अछि, बिहार आगू बढि रहल अछि।
ताजा आंकडा क अनुसार एक दशक मे (2001 स 2011 क बीच) भवन आ मकान मे 43 फ़ीसदी क वृद्धि भेल अछि। एहि अवधि मे गाम क अपेक्षा शहर मे बेसी मकान बनल अछि। एहि अवधि मे परिवार क संख्या मे 35 फ़ीसदी क वृद्धि भेल अछि आ 1.17 फ़ीसदी ग्रामीण परिवार शहरी बनि गेल अछि। रोशनी लेल बिजली क उपयोग करनिहार परिवार क संख्या 10 फ़ीसदी स बढि कए 16 फ़ीसदी भ गेल अछि। हालांकि, राष्ट्रीय औसत (67 फ़ीसदी) क तुलना मे इ काफ़ी कम अछि। दोसर दिस केरोसिन क उपयोग करनिहार क संख्या कनि घटल अछि, तखनो बिजली क कमी क कारण 82 फ़ीसदी परिवार रोशनी लेल केरोसिन क सहारा लैत अछि। भानस लेल गोइठा क उपयोग घटल अछि जखनकि एलपीजी क उपयोग करनिहार परिवार क संख्या (8.07 फ़ीसदी ) बढल अछि। देश भरि मे 29 फ़ीसदी परिवार एलपीजी क इस्तेमाल करैत अछि। बिहार मे बैंकिंग सेवा क उपयोग करनिहार परिवार क संख्या दोगुना भ गेल अछि। 44.40 फ़ीसदी परिवार बैंकिंग सेवा स जुड़ल अछि। 2001 मे एहन सिर्फ़ 21.3 फ़ीसदी परिवार छल। लैंडलाइन टेलीफ़ोन घटन नहि अछि मुदा मोबाइल आ इंटरनेट क उपयोग बढल अछि।