पटना । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य मे पहिल छह लेन क पुलक शिलान्यास केलथि अछि, मुदा राज्य मे छह लेन क नेशनल हाइवे एखनो सपना अछि। बिहार मे एनएच क्षेत्र आ वाहनक मुकाबले काफी कम अछि। अगर राज्य मे किछु सडक कए इ दर्जा देल गेल अछि त ओहि मे बेसीतर सिंगल लेन नेशनल हाइवे अछि। आंकडा पर गौर करि त पूरा देश मे सबस बेसी सिंगल लेन नेशनल हाइवे बिहार क हिस्सा मे अछि। दोसर राज्य मे जतए केंद्र सरकार चारि आ छह लेन वाला नेशनल हाइवे क निर्माण क चुकल अछि ओतहि बिहार एखनो 839 किलोमीटर सिंगल लेन एनएच हैं। केंद्र क उपेक्षा क परिणाम अछि जे देश कए जीटी रोड देनिहार बिहार सिंगल लेन नेशनल हाइवे क मामला मे देश क नंबर-वन राज्य अछि। बिहार सरकार राज्यक 2690 किलोमीटर स्टेट हाइवे आ जिला सड़क कए एनएच मे बदलबाक सिफारिश क चुकल अछि, मुदा केंद्र सात साल मे महज 515 किलोमीटर स्टेट हाइवे आ वृहद जिला सड़क कए नेशनल हाइवे मे बदलबाक स्वीकृति देलक अछि। आंकडा इ सेहो बता रहल अछि जे सिंगल लेन नेशनल हाइवे मिथिला मे सर्वाधिक अछि। सिंगल लेन नेशनल हाइवे पर रोजना 52 स 59 हजार वाहन चलैत अछि। सिंगल लेन हेबाक कारण एहि सड़क पर भारी जाम लगैत अछि।
सिंगल लेन एनएच कए दू आर चारि-लेन मे बदलबाक प्रस्ताव केंद्रीय राजमार्ग मंत्रालय मे धूल फांकि रहल अछि। सिंगल लेन एनएच अगर दू या चारि-लेन मे बदलि जाए त आइ बिहार कम स कम सडक क मामला मे देश मे सबस पाछु नहि ढार भेटत। ओना कहबा लेल केंद्र सरकार बिहार क नौटा जिला क लोक कए नेशनल हाइवे पर चलबाक सपना अगिला द साल मे पूरा क देत, मुदा एहि नौ जिला क लोक कए एनएच पर चलबा लेल जेब सेहो ढील करै पडत। किया त केंद्र सरकार बिहार मे नव निर्मित नेशनल हाइवे पर वाहन चलेबा लेल टॉल टैक्स लेत। नौ जिला मे नेशनल हाइवे क निर्माण बीओटी सिस्टम स भ रहल अछि। एहि तरहक सिस्टम क तहत बनल सड़क पर चलबा लेल टॉल टैक्स क प्रावधान होइत अछि। एहन प्रावधान सबटा नव निर्मित नेशनल हाइवे पर लागू नहि होइत अछि। कारण अछि जे बिहार क 1015 किलो मीटर नेशनल हाइवे क निर्माण फेज-3 क तहत कराउल जा रहल अछि। एहि नेशनल हाइवे क निर्माण स हाजीपुर-मुजफ्फरपुर-छपरा, बक्सर-पटना, बक्सर- बख्तियारपुर, मोकामा – मुंगेर- खगड़िया क सफर आसान भ जाएत। इ सडक 2014 तक पूरा करबाक लक्ष्य अछि।
राज्य सरकारक आरोप रहल अछि जे नेशनल हाइवे क मामले मे असहयोग बिहार क तेज विकास क राह मे रोड़ा बनि गेल अछि। केंद्र अगर बिहार क अनदेखी नहि करए, त बिहार नेशनल हाइवे क मामला मे सेहो विकसित राज्यक बराबरी क सकैत अछि। पथ निर्माण विभागक एकटा अधिकारीक कहब अछि जे केंद्र उपेक्षा क एहि स पैघ उदाहरण की भ सकैत अछि जे नौ जिला मे नेशनल हाइवे क निर्माण क योजना 2006 मे बनल छल, मुदा केंद्र क उदासीनता क कारण एकर निर्माण रुकल रहल। तमाम प्रक्रिया पूरा भेलाक बाद 2010-11 स नौटा नेशनल हाइवे क निर्माण शुरू भ सकल अछि।
नेशनल हाइवे क रखरखाव मामला मे सेहो केंद्र बिहार संग दोहरा मापदंड रखैत रहल अछि। एनएच क मरम्मत क जिम्मा राज्य सरकार क होइत अछि। एकरा लेल केंद्र राशि दैत अछि। मुदा बिहार कए राशि देबा मे सेहो केंद्र आनाकानी करैत रहल अछि। केंद्र क उदारता त बिहार लेल कहियो नहि देखायल। पिछला छह साल मे देखी त पथ निर्माण विभाग केंद्र स 438 नेशनल हाइवे क मरम्मत लेल 3337. 05 करोड़ मांगलक। केंद्र महज 180 एनएच क मरम्मत लेल 1082. 79 करोड़ टका देलक अछि। एहन मे बिहार सरकार 969. 75 करोड़ अपन मद स खर्च केलक। इ राशि केंद्र सरकार कहिया देत पता नहि। एहन मे अगर आइ बिहार मे सडकक स्थिति चलबा योग्य अछि त बुझल जा सकैत अछि जे एहि लेल केकर प्रयास अछि। जाहि टका स राज्य सरकार राज्य मे आन विकासक काज क सकैत छल ओ टका सडकक मरम्मत मे खर्च भ रहल अछि। कुल मिला कए घाटा राज्यक जनता कए भ रहल अछि, विकास बिहार क ठहरि रहल अछि।
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