आरपी सिंह
पटना। इ अविश्वसनीय लगैत अछि मुदा इ सत्य अछि जे आब बिहार क गिनती सबस कम भ्रष्ट राज्य क रूप मे भेल अछि | इ आश्चर्यजनक परिणाम प्रसिद्द अर्थशास्त्री, बिबेक देबरॉय आ लवीश भंडारी द्वारा भ्रष्टाचार क ऊपर कैल गेल एकटा शोध मे सामने आयल अछि। दिल्ली क सेंटर फार पालिसी रिसर्च क प्रोफेसर बिबेक देबराय आ इंडिकस एनेलिस्ट क अध्यक्ष लवीश भंडारी द्वारा लिखित पुस्तक में सामने आयल अछि | भ्रष्टाचार क स्थिति क आंकलन लेल जाहि मानकक प्रयोग भेल अछि ओ देखबैत अछि जे नितीश कुमार गुजरात क मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी कए भ्रष्टाचार-विहीन छवि क स्पर्धा में काफी पाछु छोडि देलथि अछि | पारदर्शिता, जिम्मेवारी आ मानव विकास क क्षेत्र में बिहार गुजरात आ अन्य सबटा राज्य स कहीं बेसी प्रगति केलक अछि |
कोणार्क प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक ” करप्शन इन इंडिया : द डीएनए एंड द आरएनए ” में बिहार 88 प्रतिशत अंक हासिल केलक जखन कि गुजरात 69 प्रतिशत पाबि सकल | गुजरात, जे पिछला कई साल स नंबर एक पर जमल छल, एहि बेर नंबर दू पर चल गेल। आन्ध्र एहि बेर नंबर तीन पर जा पहुंचल अछि।| लेखकक दावा अछि जे ओ अनेक श्रोत स जानकारी आ सांख्यिकी इकठ्ठा केलथि आ अपन निष्कर्ष कए परखबा लेल ओहि सब कए मिलान केलथि अछि | बिहार क छवि कए ध्यान में रखैत पुस्तक में देल गेल तथ्य स इ प्रतीत होइत अछि जे छवि में इ सुधार पिछला छह वर्षक दौरान भेल अछि। झारखण्ड, जे बिहार स एक दशक पूर्व अलग भेल अछि, पश्चिम बंगाल क बाद दोसर सबस भ्रष्ट राज्य क रूप में सामने आयल अछि यदि एहि पुस्तक में प्रकाशित शोध पर विश्वास कैल जाए त एहन लगैत अछि जे कोनो सरकार क छवि एहि गप पर निर्भर नहि करैत अछि जे ओ केतबा समय स सत्ता में अछि | उदहारण लेल, ओडिशा आ छत्तीसगढ़ , जतए लंबा समय स राजनैतिक स्थायित्व अछि, सबस बेसी भ्रष्ट राज्य क वर्ग में आयल अछि।