पटना। अवसर त छल मजदूर नेता प्रोफेसर अब्दुल बारी क मजार पर चादर चढ़ेबाक, मुदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विकास क लेल सहयोग मांगब नहि बिसरलथि। मौका पर उपस्थित टाटा स्टील क प्रबंध निदेशक एचएम नेरूरकर स ओ कहला जे टाटा उद्योग समूह कए बिहार मे अपन गतिविधि क विस्तार करबा लेल गंभीरता स विचार करबाक चाही। राज्य तेजी स बदलि रहल अछि। एहि मे सबहक सहयोग भेट रहला अछि। हम चाहैत छी जे टाटा सेहो एहिमे सहयोग करे। एहि स पूर्व मुख्यमंत्री पीरमुहानी कब्रिस्तान स्थित प्रो अब्दुल बारी क मजार पर फूल क चादर चढ़ौलथि। प्रो बारी क जीर्णशीर्ण मजार क द टाटा वर्कर्स यूनियन जीर्णोद्धार करौलक अछि। है।
मुख्यमंत्री नेरूरकर क दिस इशारा करैत कहला जे नाम स त अहां मराठी लगैल छी। आइ महाराष्ट्र मे जे किछु भ रहल अछि, सब जानैत छी। एहन मे अगर अहां बिहार क लेल किछु करैत छी, त बहुत नीक संदेश जाएत। हमसब मन राखब जे कोनो मराठी बिहार क लेल किछु केलक। एहि ठाम स टाटा स्टील कंपनी आगू बढ़ल अछि, एहि लेल एहि राज्य क लेल सोचू, पैघ सोचू।
प्रो अब्दुल बारी क चर्चा करैत कहला जे बिहार, बंगाल आ उड़ीसा क मजदूर कए एकजुट करबा मे हुनकर महत्वपूर्ण भूमिका रहल। महात्मा गांधी क आह्वान पर ओ स्वतंत्रता आंदोलन स जुड़लाह। बिहार कांग्रेस क अध्यक्ष बनलाह। कोइलवर मे बनल पुल हुनके नाम पर अछि। द टाटा वर्कर्स यूनियन क नामकरण सेहो बारी जीक कैल अछि। मजदूर क पैघ नेता होइत ओ केतबा साधारण इंसान छलाह, एहि गप क पता एहि स चलैत अछि जे जखन हुनकर हत्या भेल त हुनकर जेब मे मात्र एक आना छल।