पटना। ट्रैफिक जाम स जूझि रहल बिहार क राजधानी पटना कए नीतीश सरकार गति देबा लेल प्रयासरत अछि। विकल्प मेट्रो रेल कए मानल जा रहल अछि। किछु-कि छु दिल्ली क तर्ज पर। परिकल्पना कए साकार करबाक संभावना क तलाश सेहो शुरू भ चुकल अछि। मामला क अध्ययन क जिम्मेदारी ‘इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट अथारिटीÓ,बिहार कए सौंपल गेल अछि। केंद्र सरकार 10 लाख स बेसी आबादी वाला शहर मे यातायात व्यवस्था क सुदृढ़ीकरण क लेल राज्य स गंभीर प्रयास करबालेल कहलक अछि। एहि कारण स पटना मे सेहो मेट्रो रेल क संभावना तलाशबाक काज शुरू भ चुकल अछि। पटना क आबादी बीस लाख क आसपास पहुंच रहल अछि। नगर विकास विभाग क समीक्षा क बाद उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी कहला जे शहर क आबादी 20 लाख पहुंचैत-पहुंचैत पटना मे मेट्रो रेल कए धरातल पर उतारि देल जाइत।
राष्ट्रीय शहरी यातायात नीति-2006 क अनुसार, ट्रैफिक जाम क समस्या दूर करबा लेल, निजी गाड़ी क उपयोग कए कम करबा लेल आ शहरी जमीन कए समेकित उपयोग कए बढ़ावा देबा क उद्देश्य स बिहार सेहो राज्य शहरी यातायात नीति क तैयारी शुरू करि देलक अछि। एहि क्रम मे नगर विकास विभाग इफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट अथारिटी कए मौजूदा यातायात-व्यवस्था क विभिन्न पहलु क अध्ययन करि कए अपन रिपोर्ट प्रस्तुत करबा लेल कहलक अछि। राज्य क यातायात नीति क आधार इ रिपोर्ट होयत। रिपोर्ट अगिला 30 साल कए ध्यान मे राखिकए तैयार भ रहल अछि।
बड्ड नीक प्रस्तुति। मोन प्रसन्न भए गेल।
समाद मैथिलीक ऑनलाइन समाचारपत्रक रूप मे जे सेवा कए रहल अछि से
लोकक मोनमे अंकित भए गेल अछि।
मन त हमरो प्रसन्न भेल मुदा आसंका त एही बातक अछी जे एकर कर्यबरण क उचित दिशा भेटत कि नै ?