नई दिल्ली । बिहारक अल्पसंख्यक बहुल जिला मे बहुक्षेत्रीय विकास क बाद आब दलित बहुल गामक बारी अछि। अमूमन छोट-मोट सुविधा स सेहो महरूम दलित बहुल गाम मे आब बिजली जगमग करत। सड़क आ गली पक्का होएत। पीबा योग्य पाइन लेल पाइप लाइन बिछाएत। इतबे नहि, डाकखाना, स्वास्थ्य केंद्र आ जरूरत क लिहाज स स्कूल सेहो खुलत। एहन तमाम गाम कए इ सुविधा भेटत जतए 50 प्रतिशत स बेसी आबादी अनुसूचित जाति आ जनजाति क अछि।
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना क पाइलॉट प्रोजेक्ट क तहत बिहारक कुल 225 गाम क चयन कैल गेल अछि। एहि गाम मे स्ट्रीट लाइट, सड़क, पेयजल, स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल आओर सफाई आदि क लेल मार्च क अंत तक राज्य स प्रस्ताव मांगल गेल छल, मुदा आब एहि मास क अंत तक प्रस्ताव एबाक उम्मीद अछि। अगिला साल मार्च अंत तक इ सबटा काज पूरा हेबाक अछि। बाद मे बाकी बचल दलित बहुल गाम मे स ओहि गाम क चयन होएत, जाहि ठाम एहन सुविधा क संग आदर्श ग्राम बनाउल जाएत।
योजना क तहत प्रत्येक दलित बहुल गाम मे 20 लाख टका खर्च कैल जाएत। एहि मे स दस लाख केंद्र आओर बाकी दस लाख राज्य सरकार देत। एकर पाछु मुख्य मंशा केंद्र आओर राज्य क सहभागिता स एहि गाम क बहुक्षेत्रीय विकास करब अछि। सरकार अल्पसंख्यक बहुल जिला मे एहि तरह क बहुक्षेत्रीय विकास कार्यक्रम पहिने स चला रहल अछि। हालांकि ओहि जिला क अल्पसंख्यक बहुल हेबाक पैमाना ओहि ठाम 25 प्रतिशत स बेसी अल्पसंख्यक क होएब छल। जखकि अनुसूचित जाति बहुल गाम क मामला मे इ फार्मूला ओकर 50 प्रतिशत आबादी पर निर्भर अछि।