पटना। हिन्दी मे एकटा शायर कहने छथि, माना कि हाथ मेरे, आया ना कुछ पवन मे, आसमान छूने की कोशिश तो मैंने की है। पिछला चारि साल मे बिहार केतबा बदलल एहि पर विवाद भ सकैत अछि, मुदा इ त सब मानैत अछि जे बिहार कए बदलबाक कोशिश कैल गेल अछि। 1, अणे मार्ग मे खटाल क स्थान पर बन हर्बल गार्डन क बीच मे एकटा फूस क मड़ई मे जाड़क रौद सेंक रहल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लेल इ उपलब्धि काफी अछि। अपन चारि सालक कार्यकाल स ओ काफी हद तक संतुष्ट लागि रहल छथि। मुख्यमंत्री कहैत छथि -इतिहास मे कोई इ नहि देखत जे के केतबा साल शासन केलक। बल्कि देखल इ जाइत जे के केेहन काज केलक। शेरशाह त महज चारि साल शासन केलथि। मुदा इतिहास हुनका एखनो याद करैत अछि। चारि साल मे समाज मे शांति आ सांप्रदायिक सौहार्द क वातावरण बनल रहल, की इ कम अछि? माहौल बदलि गेल इ की अजूबा नहि अछि? एकटा एहन प्रदेश जे सब मायने मे पिछड़ल छल। ओकरा लेल चारि साल क समय कोनो बहुत लंबा समय नहि होइत अछि। मुदा जेतबा किछु काज शुरू कैल गेल अछि ओकर बैकग्राउंड मे पाछु मुडि़कए देखबा पर आश्चर्य होइत अछि। विरासत मे जे आधारभूत संरचना भेटल छल ओकरा देख सचमुच ताज्जुब होइत अछि। कोना इतबा काज भ गेल।
नीतीश कहैत छथि- देखू, बिहार कए एकटा फेल्ड स्टेट मानल जाइत छल। आइ बिहार एकटा सक्सेस स्टोरी अछि। इ हम नहि कहि रहल छी। इ नोबल पुरस्कार विजता अमत्र्य सेन, लार्ड मेघनाद देसाई संग-संग योजना आयोग क उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया तक स्वीकार करि रहल छथि। बिहार कए विशेष राज्य क दर्जा देबाक सवाल पर भले ओ सहमत नहि छथि, मुदा इ त ओ सेहो मानि लहल छथि जे बिहार क ग्रोथ रेट राष्ट्रीय औसत स बेसी अछि। दिल्ली आ मुम्बई मे प्रापर्टी क दाम घटि रहल अछि जखन कि बिहार मे बढि़ रहल अछि। आखिर इ की साबित करैत?
मुख्यमंत्री कहैत छथि, चारि साल पहिने की स्थिति छल इ ककरो स नुकायल नहि अछि। लोग डर स सांझ खन स घर मे बंद भ जाइत छल। आइ कम स कम लोक क मन स डर निकलि गेल अछि। एहन कोनो समाज नहि अछि जाहि मे अपराध नहि होइत अछि। इ समाज क नियति अछि। मुदा आब त कोई इ सोचि कए महंग गाड़ी खरीदबा स नहि डरैत अछि जे कियो छीन लेत। समाज मे तनाव क जे माहौल छल ओ पिछला चारि साल मे समाप्त भ गेल अछि। अहां देखू… पहिने भाजपा स गठबंधन कए ल कए अल्पसंख्यक भाई कए डराउल जाइत छल। सामाजिक आ सांप्रदायिक सौहार्द क माहौल बनाकए हम सबहक लेल विकास क बाट खोलबाक प्रयास केलहुं अछि।
विशेष राज्य क दर्जा ज्यों द देल गेल त राजनीतिक स्थिरता, कानून व्यवस्था, कृषि उत्पादन क वजह स नहि जानि केतबा उद्योग एहि ठाम लागि जाइत। ओना एखन कृषि क्षेत्र मे छोट-छोट निवेश भ रहल अछि। हां, पैघ निवेश मे दिक्कत अछि। कृषि पर आधारित अर्थव्यवस्था वाला बिहार मे इथनाल- चीनी आ बिजली एहन सेक्टर छल जाहि मे पैघ निवेश भ सकैत छल। दूनू मामला मे केन्द्र क अड़ंगाबाजी क कारण निवेश नहि भ सकल। इ एहन क्षेत्र रहल जतय चारि-पांच साल मे सफलता संभवो नहि अछि। हां, ट्रांसमिशन लाइन मे सुधार करि लोक क घर तक बिजली पहुंचेबा मे हम कामयाब रहलहुं। मुदा बिजली उत्पादन बढ़ेबा मे हमरा सफलता नहि भेटल। जखन हम अपन पावर प्लांट लगेबा लेल सोचलहुं त इंटरनेशनल ट्रीटी क नाम पर हमरा गंगा बेसिन स पाइन लेबा स रोकल जा रहल अछि। इ कोनो गप भेल? गंगा क बाढि़ हम झेली, बालू क बोझ हम उठाबी आ जखन अपन पावर प्लांट क लेल एकर पाइन काज भेल त एकर इजाजत नहि। रिपेरियन स्टेट क कंप्नसेशन अछि, मुदा एहि मामला मे जे अधिकार अछि ओ सेहो नहि देल जा रहल अछि।
नीतीश कहैत छथि जे केन्द्र स सहयोग भेटल रहितय त हालात किछु आओर होइते । बिहार कए विशेष राज्य क दर्जा क मांग कए लकए प्रधानमंत्री स समय मंगलहुं। आइ धरि नहि भेटल। हर पंचायत मे हम इ मामला उठेलहुं । हमर सुनल नहि गेल। 2007 क बाढि़ क विपदा हम झेललहुं। 2008 मे कोसी क विपदा क सामना केलहुं । लाखों लोक आइ सेहो बेघर अछि। मुदा पुर्नवास क नाम पर फूटी कौड़ी तक नहि भेटल। हम मांगैत रहलहुं हमरा कि छु नहि भेटल आ बुंदेलखंड कए बिना मांगनै बहुत किछु भेट गेल। मुदा हम सेहो हारि मानै वाला नहि छी। विशेष राज्य क दर्जा क हमर मांग मानल नहि गेल त हम जनांदोलन करब। कांग्रेस क एहि व्यवहार पर नीतीश कहैत छथि जे ओ चाहैत अछि जे हम फेल भ जाइ। मुदा एहन करि कए केन्द्र बिहार क संग अन्याय करि रहल अछि।
लैंड रिफार्म पर सरकारक दुविधा पर मुख्यमंत्री कहला जे हम त किछु कहलहुं नहि। केलहुं नहि। हां, लालू जी लोक कए जरूर फोन करि करिकए भरमेलाह।..देखू एकटा गप साफ अछि। लैंड रिफार्म क मतलब बटाईदारी नहि अछि। हम भूमि सुधार आयोग बनेलहुं। ओ रिपोर्ट देलक। चकबंदी, दाखिल-खारिज आ भूदान जइसन मुद्दा जाहि पर सहमति बनि गेल ओकरा हम लागू करब। आयोग क जहि अनुशंसा पर सहमति नहि बनल ओकरा लेल एकटा कमेटी बना देल गेल अछि। मुख्यमंत्री कहला- आब बिहार क आबादी दस करोड़ स बेसी भ गेल अछि। जमीन क होल्डिंग क स्वरूप बदलि रहज अछि। बंटाईदारी क कोनो मामला नहि अछि। दरअसल विरोधी खासकए लालू प्रसाद एकरा एजेंडा सेट करबा मे लागल छथि। एहि भ्रम कए दूर करबाक सवाल पर नीतीश जोरदार ठहाका लगा कहैत छथि- 1986 मे बनल कानून जे आइ लागू अछि ओहि मे इ प्रावधान अछि जे कोनो बटाईदार जमीन मालिक क हिस्सा क 24 गुना राशि जमा कए दैत अछि त जमीन ओकर भ जाइत। इ भ्रम क स्थिति कए दूर करबाक कोनो आवश्यकता नहि अछि। जखन लोक कए सच्चाई क पता चलत भ्रम क स्थिति अपने आप दूर भ जाइत।
महादलित सवाल पर नीतीश कहब छल जे अनुसूचित जाति क लिस्ट मे कोई छेड़छाड़ नहि करि सकैत अछि। जे प्रचार भरल अछि ओ बेबुनियाद अछि । मुदा समाज क वंचित तबका कए ऊपर उठेबाक अधिकार त सरकार कए अछि। रविदास कए महादलित मे शामिल करबा पर हंगामा भ रहल अछि। हम त आयोग कए दुसाध जाति क उत्थान क लेल कौन कार्यक्रम चला सकैत छी एहि पर रिपोर्ट देबा लेल कहलहुं अछि इ त किछु लाभ अछि जे सरकार समाज क अंतिम पायदान पर ठार लोक कए मुख्यधारा मे अनबा लेल द रहल अछि। विपक्ष कही रहल अछि जे हम समाज कए तोडि़ रहल छी। इ की गप भेल जे जाहि जातिवाद स बिहार उबरि रहल अछि ओकरा फेर स ओहि जातिवाद मे धकेलल जाए। मुख्यमंत्री कहला जे महादलित शब्द हमर गढ़ल नहि छी। आब कोई एकरा गारि बुझए त इ ओकर बुद्धि क बलिहारी छी।
बेलगाम भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री कहब अछि जे, देखू जखन धरि भ्रष्टाचारी क नाजायज तरीका स अर्जित संपत्ति कए जब्त नहि कैल जाइत । एहि पर अंकुश नहि लागि सकैत अछि। एकरा लेल हम एकटा कानून बनाकए केन्द्र क मंजूरी लेल पठेने छी। साल भरि भ गेल केन्द्र स मंजूरी नहि भेटल अछि। इ कानून पास भ जाइत त कम स कम आइ जे भ्रष्टाचार स कई-कई मकान बना लेने छथि ओहि मे स्कूल खोल कए बच्च क पठबाक सरकार व्यवस्था करि सकैत अछि।
आ अंत मे नक्सलवाद पर चर्चा करैत नीतीश कुमार कहलथि जे आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम कए ठीक स चलाउ। सब ठीक भ जाइत। गृहमंत्री चिंदबरम क चिंता पर मुख्यमंत्री कहैत छथि केन्द्र कए नक्सल समस्या पर स्टैंड साफ करबाक चाही। इ नहि जे एक दिन ज्वाइंट ऑपरेशन क गप आ दोसर दिन एहि समस्या स निबटब राज्य सरकार क जिम्मेदारी।
हमर एजेंडा बदलै वाला नहि अछि। हम अपन काज करैत जाइब। एक साल रहि गेल अछि। चारि साल मे हम जे कि छु केलहुं ओकरा स लोक खुश अछि। ग्रामीण सड़क पर जे काज भ रहल अछि, महिला सशक्तीकरण या मानव संसाधन विकास या सोशल सेक्टर मे जे किछु काज शुरू भेल अछि ओकरा लोक पूरा होइत देखताह।