पटना। बिहार क आर्थिक स्थिति आब पहिने स बेहतर अछि, मुदा बिहारक औकात एखनो पहिने जेकां अछि। आजुक युग मे कर्ज औकात देख कए देल जाइत अछि ताहि लेल बिहार सेहो अपन औकात बढेबाक मांग तेज क देलक अछि। राज्य सरकार केंद्र स बिहार कए राजकोषीय उत्तरदायित्व आ बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) कानून मे रियायत देबाक मांग केलक अछि। बिहार सन राज्य मे विकास खर्च मे बढोतरी लेल इ छूट भेटब बहुत जरूरी अछि। इ छूट भेटलाक बाद सरकार अपन कर्ज लेबाक सीमा कए बढा सकत। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हालहि मे अपन नई दिल्ली प्रवास मे इ मामला उठेलथि अछि। ओ एहि मसला पर योजना आयोग क उपाध्यक्ष मोटेंक सिंह अहलूवालिया स गप केलथि अछि। ओ कहला जे राज्य क प्रति व्यक्ति आय एखनो करीब 16 हजार टका अछि। इ राष्ट्रीय औसत क महज 39 फीसदी अछि। बिहार राष्ट्रीय औसत तक पहुंचबाक कोशिश क रहल अछि। आ इ कोशिश बिना केंद्र क मदद कए सफल नहि होएत। मुख्यमंत्री क अनुसार बिहार क आर्थिक स्थिति पहिने स काफी नीक अछि। एहन मे बिहार कए कर्ज लेबाक स्थिति सेहो नीक भ चुकल अछि मुदा एफआरबीएम कानून क कारण स बिहार एक सीमा स बेसी कर्ज नहि ल सकैत अछि आ इ सीमा पहिलका आर्थिक हालात देख कए तय कैल गेल अछि। ओ कहला जे केंद्र कए देखबाक चाहि जे एखनो प्रति व्यक्ति विकास व्यय क मामला मे बिहार देश मे सबस पाछु अछि। एहन मे केंद्र सरकार स बिहार सन पिछड़ल, मुदा वित्तीय रूप स मजबूत राज्य लेल राजकोषीय घाटा क सीमा कए 5 फीसदी करबाक अनुमति मांगल गेल अछि। एखन एफआरबीएम कानून क अनुसार बिहार सरकार क राजकोषीय घाटा 3 फीसदी स बेसी नहि भ सकैत अछि।
ज्ञात हुए जे राज्य सरकार पिछला किछु साल स राजस्व आधिक्य (रेवेन्यू सरप्लस) बजट आनि रहल अछि। एकर मतलब अछि जे सरकार लग अपन खर्च कए पूरा करबाक क्षमता अछि। संगहि सरकार लगातार 6 साल स राजकोषीय घाटा कए 3 फीसदी क सीमा मे रखबाक मे सफल भेल अछि। चालू वित्त वर्ष मे राजकोषीय घाटा करीब 2.43 फीसदी रहबाक अनुमान अछि। इ बिहार सन राज्य लेल नीक वित्तीय प्रबंधन कहल जा सकैत अछि। मुदा एहि सबहक बावजूद राज्य मे प्रति व्यक्ति विकास व्यय पिछला वित्त वर्ष मे करीब 3,500 टका छल। ओना 10 साल पहिने इ महज 930 टका छल। ऐना देखल जाए त राज्य सरकार काफी बढोतरी केलक अछि मुदा विकास क मामला मे बिहार एखनो देश मे सबस पाछु अछि।
मुख्यमंत्री कहला जे बिहार आब वित्तीय रूप स अनुशासित राज्य अछि। बिहार मे राजकोषीय घाटा 3 फीसदी स कम अछि। संगहि राज्य सरकार अपन स्रोत स कमाई मे बढोतरी क रहल अछि। बिहार बाजार स बेसी कर्ज लेबाक स्थिति मे अछि, मुदा एफआरबीएम कानून एहि मार्ग मे बाधा द रहल अछि। मुख्यमंत्री कहला जे एहि बंधन क कारण स राज्य सरकार कए विकास कार्य लेल पूंजी जुटेबा मे दिक्कत भ रहल अछि। अगर बिहार क मांग केंद्र मानि लैत अछि त बिहार सरकार बाजार स बेसी ऋण हासिल क सकत, जाहि स राज्य सरकार तेजी स राज्यक विकास क सकत।