पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान कए राजनीतिक रूप स निपटा देबाक फिराक मे छथि। पहिने दुसाध कए छोडि़ बिहार क बाकी दलित कए महादलित क दर्जा दे ओ दलित मे फूट केलथि आब भूमिहीन पासवान कए जमीन देबाक फैसला करि ओ पासवान कए सेहो दू भाग मे बांटी देबाक कोशिश मे छथि। नीतीशक इ कोशिश अगर सफल भेल त रामविलास लग राम नाम जपबाक अलावा कोनो काज नहि रहत। किया कि चुनाव हारलाक बावजूद हो लोजपा कए अपने परिवार स आगू नहि ल जा सकला अछि आ नीतीशक विरोध मे ओ लालूक संग द अपना कए लालूक छाया बना चुकल छथि। एहन मे हुनकर अपन जातिक बंटवारा हुनका भारी पडि़ सकैत अछि। सूत्रक अनुसार भूमिहीन पासवान कए बिहार सरकार तीन डिसमल (1300 वर्ग फीट) जमीन मुफ्त मे देबाक फैसला करि चुकल अछि। जाहिर अछि चुनावी वर्ष मे लेल गेल एहि फैसला क असर मत पर सेहो पड़त। पासवान समाज क बेहतरी कए केंद्र मे रखैत महादलित आयोग अपन अध्ययन रिपोर्ट शनिदिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कए सौंपि देलक। मुख्यमंत्री कहला जे महादलित आयोग पासवान जाति कए सुविधा उपलब्ध करेबा लेल जे रिपोर्ट सौंपलक अछि, ओकर अध्ययन क लेल मुख्य सचिव क अध्यक्षता मे एकटा कमेटी बना देल गेल अछि। मुख्यमंत्री कहला जे किछु लोक हुनका पर बेबुनियाद आरोप लगबैत अछि जे ओ दलित मे विभाजन करि रहल छथि। नीतीश कहला,’हम त सब दलित क लेल बढि़चढि़ कए काज करबाक मंशा रखैत छी। एकटा प्रश्न क उत्तर मे मुख्यमंत्री लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान क नाम लैत कहला, ओ महादलित क हितैषी नहि छथि। मुख्यमंत्री कहला जे सरकार अनुसूचित जाति आ अनुसूचित जनजाति आयोग गठित करबाकसेहो फैसला करि लेलक अछि। कैबिनेट क मंजूरी भ चुकल अछि। महादलित आयोग क रिपोर्ट मे इ कहल गेल अछि जे पासवान जाति कए एखन महादलित क श्रेणी मे राखब उचित प्रतीत नहि होइत अछि। ओना एकर सामाजिक, आर्थिक आ शैक्षणिक स्थिति मे कोनो पैघ परिवर्तन नहि भेल अछि।