मिथिलाक प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य श्री बैद्यनाथ झाक मुताबिक़ मकर संक्रांति पर सौ साल बाद एहन विशेष आ अदभुत संयोग भ’ रहल अछि। मकर संक्रांति एहि बेर रविदिन भ रहल अछि। ओहि दिन माघी सप्तमी छैक। ई दुनू तिथि भगवान भास्कर स सम्बंधित छै। चंद्र नक्षत्र हस्थ आ उत्तराषाद सूर्य नक्षत्र सेहो ओहि दिन छै। एहन समय सूर्यक मकर राशि मे प्रवेश होएब शुभ अछि। एक संग पाँचटा अदभुत संयोग बनबाक कारण एहि सालक मकर संक्रांति खुख आ शांति आनत। एहि संबंध मे विस्तार स जानकारी लेल मिथिलाक पंचाग देखू।