बगहा (पश्चिम चंपारण)। समय बदलबा मे देर होइत अछि, मुदा बदलैत जरूर अछि। आइ जतय बिहार क लोक रोजगार तकबा लेल दिल्ली, पंजाब आ गुजरात जइसन विकसित सूबा मे जा रहल अछि ओतहि किछु एहनो उदाहरण सामने आबि रहल अछि जाहि स प्रतीत भ रहल अछि जे रोजगार बिहार मे सेहो सृजित भ रहल अछि आ बाहरी राज्यक लोक बिहार आबि रहल अछि। बिहार मे करीब 20 हजार स बेसी राजस्थानी मजदूर गंडक, कोसी, बागमती आ गंगा पर बांध क काज मे लागल छथि। एहि मे स किदु श्रमिक चंपारण क बगहा सन अल्प विकसित जगह पर पंडित नेहरू द्वारा बनाउल गेल नहर क पुनस्र्थापन कार्य मे लागल छथि। हिनकर साफ कहब अछि जे बिहार क लोक काज करबाक संग-संग काज लेबा मे सेहो माहिर अछि। एहि कारण हिनका सब कए बिहार क माटी स प्यार भ गेल अछि। जहिया स माहौल बदलल अछि तहिया स रोज राजस्थानी मजदूर, चालक आ अभियंता काज क तलाश मे बिहार आबि रहल छथि। सबहक लेल वाजिब मजदूरी तय अछि। एहि कड़ी मे पिछला दू दशक स तबाही क वाहक बनल गंडक बराज स निकलल नहर कए फेर स जीवंत करबा लेल पहुंचल राजस्थानी मजदूर बिहार कए बनेबा मे लागल दथि। पश्चिम चंपारण क बगहा पुलिस जिला क विभिन्न इलाका मे इ काज करि रहल छथि। तिरहुत आ त्रिवेणी नहर क पुनस्र्थापन मे लागल दर्जन भरि ट्रैक्टर चालक क नेतृत्व करनिहार राजस्थान क बीकानेर जिला क डुमरावगढ़ निवासी कालूनाथ सिद्दी आ मदनलाल शर्मा कहैत छथि जे ओ पिछला छह महीना स बिहार मे काज करि रहल छथि। हुनका एहि ठाम कोनो प्रकार दिक्कत नहि भेल अछि। ओ साफ कहैत छथि जे सुनने रही ओकर ठीक विपरित भेटल बगहा।