कुमुद सिंह
नई दिल्ली। एकटा सिनेमा मे देखने रही हीरो अपन घरक उपर स हवाई जहाज उडा रहल छल। इ अनुभव सब पायलट लेल अनुपम होइत अछि। मिथिलाक कईटा पायलट आइ विभिन्न कंपनीक सेवा विमान आ भारतीय वायुसेनाक युद्धक विमान उडा रहल छथि, मुदा मिथिलाक आकाश आ जमीन पर हवाई जहाज उडेबा बा उतारबा क सौभाग्य केवल एकमात्र मैथिल सुरेंद्र चौधरी क हिस्सा मे अछि। दरभंगा एविएशन क डिकोटा विमान कए ओ 1960 स 1963 तक कईक बेर दरभंगा एयरपोर्ट स उडेलाह आ उतारलाह। जखन पहिल बेर हम डिकोटा देखने रही त इ सोचने नहि रहि जे ओहि जमाना मे जखन गाडी चलेनिहार तक मिथिला मे गानल-गुथल छल, तखन कोनो मैथिल एहि विमान क पायलट होएत। दू साल पहिने पता चलल जे एहि विमान क एकटा पायलट दरभंगा क छलाह। तलाश शुरू कैल, त लोक हंसलक। कहलक जे केकरा तकैत छी, बड पुरान गप छै, के कतए गेल, आब भेटत। मुदा खोज जारी रहल। पिछला दू दिन पहिने सुरेंद्र चौधरी क तलाश पूरा भेल। सुरेंद्र चौधरी एअर इंडिया क निदेशक मंडल स 1997 मे सेवानिवृत्त भ एखन मुंबई मे रहैत छथि। हुनक परिवार मे आइ पांच टा बेटा-भातिज सेहो पायलट छथि। ओ एहन पहिल आ एक मात्र मैथिल छथि जिनका दरभंगा एयरपोर्ट पर विमान उतारबाक सौभाग्य भेटल अछि। 1960 मे सुरेंद्र चौधरी दरभंगा एविएशन मे नौकरी शुरू केलथि आ 1963 तक एहि कंपनी मे रहलाह। 1963 मे केंद्र सरकार एहि कंपनी कए अधिग्रहण क लेलक। सुरेंद्र चौधरी 1963 मे एयरवेज इंडिया आ 67 मे एअर इंडिया ज्वांइन केलथि। श्री चौधरी एअर इंडिया क सबस काबिल पायलट मे स एक छलाह। ओ बोइंग 707 स ल कए ओहि कालखंडक सबस पैघ जहाज बोइंग 747 तक उडेलाह। कईटा विमान कए उडा चुकल सुरेंद्र चौधरी कए अपन पहिल प्यार डीसी-3 डिकोटा क स्मरण आइ सेहो रोमांचित क दैत अछि। करीब 47 साल बाद जखन ओ अपन विमान कए तसवीर मे देखलाह त आत्मविभोर भ गेलाह। दुर्भाग्यवश हुनका लग एहि विमानक कोनो फोटो नहि छल। ओ फेसबुक क अपन वाल पर लिखलाह अछि जे एहि विमान कए हम कई बेर दरभंगा एयरपोर्ट पर उतारने आ उडेने छी। तखन हम Capt I. N. Boodrie क सह पायलट छलहुं। अपन जीवनक आठ दशक देख चुकल सुरेंद्र चौधरी कए 1951 क एकटा घटना पायलट बनबा लेल प्रेरित केलक। 1951 मे प्रधानमंत्री नेहरू दरभंगा गेल छलाह। ओहि दौरान श्री चौधरी उत्सुकतावश नेहरूक विमान लग चल गेल छलाह, जाहि पर नेहरूक सुरक्षाकर्मी हुनका ओहि ठाम स भगा देने छल। एहि घटना क बाद ओ केवल पायलट नहि बनलाह, बल्कि श्री चौधरी अपन पहिल सेवा ओहि कालखंड क सबस बेहतरीन जहाज डीसी-3 डिकोटा क पायलट क रूप मे देलथि। श्री चौधरी कहैत छथि जे डीसी-3 डकोटा ओहि समय मे भारतक सबस सुंदर आ आधुनिक विमान छल। ओकर बारे मे एतबे कहब काफी अछि जे ओ भारत मे असगर छल आ प्रधानमंत्री नेहरू सेहो जाहि विमान क उपयोग करैत छलाह ओ डीसी-3 डिकोटा स काफी दब छल आ वायु सैनिक सब कए ढोबा मे काज अबैत छल। 1963 क बाद इ जहाज भारत क प्रधानमंत्री क आधिकारिक वाहन बनि गेल आ 20 साल स बेसी समय तक इ प्रधानमंत्री क सेवा मे रहल। निश्चित रूप स ओ विमान उडेबा सन आनंद फेर कहियो नहि आयल।
दरभंगा एविएशनक पतन पर ओ लिखैत छथि- हमरा ओ दिन स्मरण आबि रहल अछि जखन हमर इ जहाज भारत सरकार अधिग्रहण क रहल छल। डॉ कामेश्वर सिंह क निधन भ चुकल छल आ एक प्रकार स कंपनी क बागडोर ककरो हाथ मे नहि छल। हम सब दुखी मन स कंपनी कए सरकार क हवाले करबा लेल मजबूर छलहुं। आइ करीब 50 साल बाद सुरेंद्र चौधरी दरभंगा एविएशन आ दरभंगा एयरपोर्ट क स्मरण सुना रहल छथि, मुदा सच इ अछि जे सुरेंद्र चौधरी खिस्सा जाहि ठाम खत्म होइत अछि, दरभंगा एविएशन आ दरभंगा एयरपोर्ट क खिस्सा सेहो ओतहि खत्म भ जाइत अछि। दरभंगा एविएशन आब चालू नहि भ सकैत अछि, सुरेंद्र जी सेहो आब जहाज उडेबाक स्थिति मे नहि छथि, मुदा अगर दरभंगा एयरपोर्ट चालू भ गेल त ओ दरभंगा एयरपोर्ट पर विमान स उतरि सकैत छथि, संगहि जेट एयरलाइंस मे कार्यरत हुनक भातिज हुनक मातृभमि स हजाज उडेबाक रिकार्ड क बराबरी क सकैत छथि। दरभंगाक जनता आ दरभंगाक जनप्रतिनिधि अपन एहि नायक कए दरभंगा एयरपोर्ट चालू करबा एकटा नीक सनेस द सकैत छथि।
नोट- शीघ्र पढबा लेल भेटत श्री चौधरी क संग साक्षात्कार इ’समाद पर।
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Padhi ka mon bahut khush bhel.
proud of you dada
Dada is the best and kaka good job
Maithila and Maithil shall have to remain active during a global crisis like this. Thus whosoever is keeping himself/ herself busy in providing news precautions and alerts related to Kovid- 19 is doing a commendable job. We must salute him/her for remembering Maithili during such a critical period… thank you 😊