नई दिल्ली । दिल्ली क त्रिवेणी सभागार मे मैलोरंगक सौजन्य स शनिदिन संगीतक सानिध्य भेटल। मैथिलीक एहि पहिल बैंड सानिध्य क प्रस्तुति कए देखबा लेल सभागार छोट पडि गेल छल। करीब तीन घंटाक अपन प्रस्तुति मे बैंड मैथिली, नेपाली, हिंदी क संग-संग अंग्रेजी क बोल सेहो सुनौलक। पूरा कार्यक्रम क दौरान श्रौता संगीतक आरोह आ अवरोह मे डूबल रहल। किछु तकनीकी खामी कए अगर नजरअंदाज करि देल जाए त इ कार्यक्रम अद्भुत छल। मैथिल नवयुवक क इ समूह आधुनिक संगीत मे पारंपरिक शैलीक एहन मिश्रण करबा मे सफल भेलथि अछि जाहि स अल्ला-रूदल सन लुप्त भ चुकल मैथिल गीतक शैली कए एक प्रकार स नव जन्म भेट गेल अछि। सारंगी लेने गुदरिया बाबा क गीत एक बेर फेर नव वाद्ययंत्रक संग लोकक सामने आयल त ताली अनायास बाजय लागल। गामक स्मरणक संगहि नैनपन सेहो आंखिक सामने आबि गेल। अपन हिंदी प्रस्तुति यह संभव नहीं है स कार्यक्रम कए संपन्न करबाक बावजूद सानिध्य इ कहबा मे पूर्णतः सफल जे हुनका सब लेल कोनो चीज असंभव नहीं अछि। जरूरत अछि हुनका सब कए श्रौताक सानिध्य भेटैत रहै।
This band is really the representative of maithili culture and the members are the band ambassdor. Thank them for their amazing presentation.
Loksamaj,Janakpur,Dhanusha(Nepal)