आजादीक बाद राजनीतिक चर्चा त बहुत भेल, मुदा राजनीतिक शिक्षा पर कोनो काज नहि भेल, एकर दुष्प्रभाव इ भेल जे आइ बहुत रास जनप्रतिनिधि सरकारी योजना स अभिज्ञ छथि आ हुनका एतबा तक जानकारी नहि अछि जे कोन काज कोन योजना आ कोन स्तर पर भ सकैत अछि। राजनीतिक शिक्षा क अभाव नगर निगम स ल कए संसद तक मे देखा रहल अछि। त्रिस्तरीय व्यवस्थाक पहिल स्तर पर इ अशिक्षा आओर हस्यास्पद भ चुकल अछि। उदाहरण लेल अगर दरभंगा नगर निगम बोर्ड क बैसार मे शनिदिन भेल बहस कए ली, त बहुत किछु साफ भ जाएत। पांच घंटा स बेसी अवधि तक चलल मैराथन बैसार मे मेयर गौरी पासवान अधिकतर समय सदस्य कए संसदीय भाषा क पाठ पढ़बैत रहलाह, जखनकि पूर्व मेयर अजय पासवान आ डिप्टी मेयर बाबी खां छोडि कोनो पाषर्द तकनीकी मुद्दा पर बहस करबा लेल मुंह नहि खोलि सकलाह। महिला पार्षद क राजनीतिक शिक्षा स्वभाविक रूप स एखन कमजोर अछि, तथापित एतबा त उम्मीद कैल जा सकैत अछि हुनका बैसार क एजेंडा क ज्ञान हेबाक चाही। बैसार क दौरान महापौर क बेर-बेर एजेंडा पर बहस करबाक अपील बता रहल छल, जे राज्यक सबस पुरान निगम मे स एक दरभंगा नगर निगम क पार्षद एजेंडा पर बहस लैत तैयार नहि छथि। एतबे नहि, सकारात्मक राजनीति बिहार मे एखनो सपना अछि। जखनकि दक्षिण आ पश्चिम भारत इ साबित क चुकल अछि जे नकारात्मक राजनीति क प्रचलन विकास मे बाधक होइत अछि। निगम क बैसार मे एकर सेहो प्रमाण देखबा लेल भेटल। पहिने किछु पार्षद मेयर स पूछलथि जे प्रत्येक वार्ड मे पार्षद क अनुशंसा पर खर्च लेल साढ़े छह लाख टका कोना आनब। इ सवाल गंभीर आ जरूरी छल, कोनो स्रोत क बिना घोषणा करब बिहारक नेता क पुरान आदत रहल अछि। एहन सवाल पर हंगामा नहि हेबाक चाहैत छल, मुदा भेल। स्थानीय विधायक संजय सरावगी सेहो एहि हंगामा कए रोकबाक प्रयास केलथि। खुशी क गप जे मेयर सवालक उत्तर देलथि जे चतुर्थ वित्त आयोग क राशि स वार्ड मे पार्षद क अनुशंसा पर योजना चलाउल जाएत। कोनो आन राज्य मे एकर बाद पार्षद योजना प्रस्तुत करबा मे जुटि जइतथि, मुदा नकारात्मक राजनीति क लत एहन जे दरभंगा क पार्षद राशि कए बढ़ाकए दस लाख करबा लेल हंगामा शुरू क देलथि। किछु काल पहिने साढ़े छह लाख टका हुनका लेल बहुत छल आ एतबा पैघ रकम कोना आउत एकर चिंता छल, मुदा स्रोत भेटला पर चट दस लाख करबाक मांग करब मात्र टंगघिुच्चा राजनीति कहल जा सकैत अछि। टंगघिुच्चा राजनीति क अंत एहि ठाम नहि भेल। एहन एकटा मामला नहि अछि। कईटा अछि। कचरा रखबाक लेल जमीन कीनबाक मामला उठल त चट द एकटा पार्षद युग-युग स रटायल आरोप लगबैत कहला जे भूमि कीनबा मे घोटाला होएत। विधायक हुनका जिम्मेदारी क ज्ञान दैत पूछलथि जे इ फैसला अहीं करू जे जमीनक व्यवस्था कोना कैल जाएत। माथ पर जिम्मेदारी अबैत पार्षद क होश ठेकान पर आबि गेल आ चुप भ मुंह नुका लेलथि। एकटा सदस्य पूछला जे वार्ड नं. 21 मे सोलर लाइट कोन योजना स लागल। सवाल स बुझना गेल जे इ अपन वार्ड लेल चिंतित छथि। मेयर उत्तर दैत कहला जे नवाचार योजना क तहत वार्ड नं. 21 मे लाइट लागल अछि। एतबा सुनैत पार्षद तमसा गेलाह। विधायक सरावगी एहि पर हस्तक्षेप करैत कहला जे डीएम कए एक करोड़ भेटल छल। वार्ड नं. 21 क पार्षद क विशेष पहल पर नवाचार योजना स राशि देल गेल। वार्ड सेहो 20 प्रतिशत मार्जिन मनी जमा करैत अछि। एहि पर पार्षद रमेश झा विधायक पर चढ़ि बैसलाह। कहला जे बिना नगर आयुक्त क मार्जिन मनी जमा कोना भेल। विधायक चुप्प भ गेलाह। मुदा असली सवाल ठार रहल जे योजना क संबंध मे पार्षद कए जानकारी कोना भेटत। दोसर जे इ संस्कृति कहिया पनपत जे कोनो पार्षद अपन वार्ड लेल अगर सरकार स अतिरिक्त आवंटन करा लैत छथि त आन पार्षद कए हुनका स सीखबाक चाही नहि कि हुनकर विरोध हेबाक चाही। मुदा टंगघिुच्चा राजनीति एहन करबा लेल ककरो प्ररित नहि करैत अछि। लोकतंत्र मे जनप्रतिनिधि शासक वर्ग होइत अछि, ओकर विजन समाज क विकास कए गति दैत अछि। विजनविहीन जनप्रतिनिधि स विकास क उम्मीद नहि कैल जा सकैत अछि। नगर निगम क उदाहरण एहि कारण महत्वपूर्ण अछि जे इ सबस छोट इकाई छी। जे समाज एकटा विजन वाला वार्ड पार्षद क चुनाव नहि क सकैत अछि ओ विधायक आ सांसद क चुनाव केतबा गंभीरता स करत। दोसर गप जे जनप्रतिनिधि एकटा वार्ड लेल विकास योजना नहि तैयार क सकैत छथि ओ शहर जिला या राज्य लेल आगू जा कए कोन योजना तैयार क सकताह, किया त बहुत राष्टÑीय नेता अपन राजनीतिक जीवन वार्ड पार्षद क रूप मे शुरू केने छथि। राजनीतिक गंभीरता आ दूरदर्शिता क शुरुआत छोट इकाई स करबाक इ सही समय अछि। त आउ पंचायत आ वार्ड स्तर पर राजनीतिक परिवर्तनक शुभारंभ करि।
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