पिछला एक माह स जातिक आधार पर मतदान करि रहल लोक मे एक बेर फेर बिहारीपन जागि गेल अछि। छठि क मौका पर जखन बिहार मे अपराध बंद रहैत अछि, तखने असम मे एक बेर फेर 30टा बिहारी कए हत्या करि देल गेल। प्रतिबंधित संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) क सदस्य पिछल तीन दिन मे करीब 30 गोटे कए केवल एहि कारण स मारी देलथि जे ओ नौकरी तकबा लेल असम गेल छलथि। एहि ठाम छिटपुट हमला क दास्तां त काफी लंबा अछि। कई बेर एहि ठाम बिहारी कए गाजर-मूली जेकां काटल गेल अछि। जेकरा मारल गेल, ओकर केवल एकटा दोष छल जे ओ बिहारी छल आ अपन देस से दूर देश मे रोजगार तकबा लेल गेल छल। 10 साल पहिने असम मे अल्फा बिहार क 70टा कामगार कए मौत क घाट उतारि देने छल। ओकर बाद रेलवे क नौकरी क लेल परीक्षा देबा लेल गेल बाहरी आवेदक पर हिंसक हमला भेल। अल्फा बिहारी कए ओहि ठाम स निकलि जेबा लेल कहैत रहल अछि।
एहि घटना स लोक मे आतंक स्वभाविक अछि। सब बेर जेकां एहि बेर सेहो असम क मुख्यमंत्री कठोर कार्रवाई क घोषणा केलथि अछि। एहि हत्या कए कांग्रेस सरकार एक बेर फेर कानून-व्यवस्था क मामला बता कए दबा देबाक प्रयास मे अछि, मुदा एकरा केवल कानून-व्यवस्था स जोड़ल नहि जा सकैत अछि, किया कि एहन घटना कांग्रेस शासित आन राज्य मे सेहो होइत रहल अछि आ आब इ एकटा निश्चित पैटर्न बनी चुकल अछि। कांग्रेस हरदम एहि पर कार्रवाई करबा स पाछु हटैत रहल अछि। किया कि एहन भावना आइ सत्ता क कुंजी बनि चुकल अछि। असम क तरुण गोगोई सरकार सेहो विलासराव, अशोक चव्हाण स अलग नहि छथि। हुनको पर आरोप लगैत रहल अछि जे सरकार एनडीएफबी क गतिविधि क अनदेखी केलथि, जेकर नतीजा आइ बिहरी कए भुगतए पड़ि रहल अछि।
भूमिगत संगठन द्वारा मारल गेल लोक मे ओहन बिहारीक संख्या सेहो काफी अछि जे पिछला तीन पीढी स असम मे रहि रहल छल। ओ मजदूरी करैत छल, खेती करैत छल या फेर अपन छोट-मोट व्यवसाय चलबैत छल। अपन घर स दूर कहुना खा-पी लैत छल। स्थानीय समाज क संग ओ घुल-मिल गेल छल आ एक तरह स वृहत्तर असमिया समाज क अंग बनि चुकल छल। खास गप इ सेहो देखल गेल जे अपना कए बिहारी कहबा स बचबाक बावजूद इ समाज असम क राजनीति मे बहुत कम दिलचस्पी लैत छल आ राजनीतिक अधिकार क बारे मे नहि सोचैत छल। एहि लेल असम मे बिहारी क कोनो वोट बैंक नहि बनि सकल। एहि लेल बिहारीक हत्या क बाद कांग्रेस क सरकार या प्रशासन क स्तर पर कोनो प्रभाव नहि पड़ैत अछि। राजनीतिक स्तर पर हाहाकार नहि मचैत अछि। बिहारी एकटा अनाथ जमात बनल अछि जे कांग्रेस सरकार क रहमोकरम पर जी रहल अछि। राज्य सरकार क सक्रियता तखन सामने अबैत अछि जखन बिहार या झारखंड स कोनो नेताक बयान अबैत अछि। मुदा एहि बेर सब चुप छथि। झारखंड स सालखन मुर्मु कए छोडि कोनो नेता बयान देबा लेल सामने नहि आबि सकला अछि। बिहार मे चुनाव अछि, मुद्दा बहुत अछि मुदा बिहारीपन ककरो लेल मुद्दा नहि अछि। राहुल राज क हत्या कए सब बिसरी गेल। राहुलक हत्या करिनिहार मुंबई पुलिस कए क्लीनचिट देनिहार राकांपाक नेता खुलेआम बिहार मे प्रचार करि रहल छथि, राकांपाक उम्मीदवार सेहो चुनावी मैदान मे छथि। नीतीश कुमार अपराधी आ जातिक आधार पर भाषण देबा मे इ बिसरी गेलाह जे राज्यक बाहर केवल बिहारी जाति अछि। जूता स ल कए गोली खेनिहार तक बिहारी होइत अछि न कि भूमिहार या कूर्मी या फेर यादव। लालू आ पासवान कहियो एहि तरहक मुद्दा पर गंभीर नहि भेलाह। हुनका स इ उम्मीद सेहो कियो नहि करैत अछि। जहां तक कांग्रेसक सवाल अछि ओकरा लेल बिहार ओहने राज्य अछि जेहन अमेरिका लेल भारत। कहबाक मतलब इ जे कांग्रेस बिहारक हित तखने साधत जखन बिहार मजबूत होएत। कमजोर आ गरीब बिहार कांग्रेस लेल कहियो गंभीर मुद्दा नहि भ सकैत अछि। देखल जाए त कांग्रेस जाहि राज्य मे सत्ता मे अछि ओहि राज्य मे बिहारी पर सबस बेसी हमला भ रहल अछि। राहुल गांधी बिहार मे जा कए कहैत छथि जे अगर बिहार विकास कए रहल अछि त लोक बाहर किया जा रहल अछि। राहुल गांधी बिहार क जनता कए एतबा मूर्ख किया बुझैत छथि पता नहि। पलायन त पंजाब स सेहो भ रहल अछि, दुनियाक सब कोन मे पंजाबी बिना पलायन कए पहुंच गेल। राहुल गांधी इ बेता स सेहो कन्नी काटि लैत छथि जे अगर भारत विकास कए रहल अछि त भारतीय ऑस्टेलिया किया जा रहल छथि, जाहि ठाम पीटल जा रहल अछि। कांग्रेस जहिया धरि चाहत बिहारी मरैत रहत आ एकरा एकहि तरह स रोकल जा सकैत अछि आ ओकरा लेल एकटा मजबूत बिहारक निर्माण करए पडत। आशा अछि नीतीश कुमार आ लालू प्रसाद दूनू नेता इ बुझबा लेल तैयार हेता नहि त हम एहिना मरैत रहब।