देवी क डोला पर आगमन, महिषा पर प्रस्थान
दरभंगा। शक्ति क अधिष्ठात्री देवी दुर्गा क आगमन शुक्रदिन कलशस्थापन संग एहि साल डोला पर भ रहल अछि। ओतहि दशमी कए ओ महिषा (भैंसा) पर प्रस्थान करतीह। शास्त्रीय मान्यता क हिसाब स दूनू अशुभ फल दायी अछि। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय क स्नातकोत्तर ज्योतिष विभाग क प्राध्यापक आ विश्वविद्यालय पंचांग क संपादनकर्त्ता पं. डॉ. रामचंद्र झा कहलथि जे डोला पर आगमन रोग-व्याधि कारक मानल जाइत अछि। ओतहि महिषा पर प्रस्थान स सेहो रोग-शोक क मान्यता अछि। दोसर दिस, कलशस्थापन क संबंध मे ओ कहला जे शुक्रदिन अधपहरा क त्याग करि पूजा प्रारंभ करब श्रेयष्कर अछि, यानी प्रातः 8.45 बजे स पहिने संकल्प भ जाए अथवा दोपहर 12 बजे क बाद हुए। अगिला दिन 9 अक्टूबर कए रेमंत पूजा होएत। बता दी कि रेमन्त घोड़ा क देवता छथि आओर आरोग्य प्रदाता छथि। बेलन्योंती पष्ठी पर 13 अक्टूबर कए होएत आ 14 कए पत्रिका प्रवेश क संग निशा पूजा होएत। महाष्टमी व्रत 15 अक्टूबर कए आ 16 कए महानवमी क संग त्रिशूलिनी क पूजा होएत। डॉ. झा क अनुसार यात्रा यानी दशमी पर 17 अक्टूबर कए पूर्वाह्न 10.30 बजे स पहिने अगर भगवती क पूजा आ विर्सजन भ जाए अथवा पूजा आरंभ सेहो भ जाए, कियाकि ओकर पश्चात दोपहर 1.30 बजे क बाद इ संभव भ सकत। उल्लेखनीय अछि जे दशहरा क अंतिम दिन नीलकंठ पक्षी क दर्शन क प्रथा अछि। मानल जाइत अछि जे दशमी क दिन नीलकंठ दर्शन स भरि सालक यात्रा शुभ होइत अछि।