आशीष झा
दरभंगा। पग-पग पोखरि माछ मखन, सरल बोल, मुस्की मुख पान…दरभंगा थिक। जी, हां मिथिला आ खास क दरभंगा क परिचय किछु एखने देल जाइत छल। मुदा आब दरभंगाक परिचय दरभंगाक जनप्रतिनिधि बदलि देलथि अछि। नीक आ मधुर भाषा, सभ्य सुसंगत संस्कार स ख्यात दरभंगा क सांसद कीर्ति आजाद दरभंगा मे गुंडागर्दी करताह। ओ पत्रकार सम्मेलन मे घोषणा केलथि अछि जे दरभंगा क जनता ओकरे पैघ नेता बुझैत अछि जे बेर-बेर जेल जाइत अछि। चुनाव जीतलाक बाद दरभंगा कए चारि साल तक अपन फार्म हाउस जेकां बुझनिहार कीर्ति आब शांतिप्रिय एहि शहर मे अनुशासनहीन कार्रवाई करबाक चेष्टा करताह। ओ जिला प्रशासन कए धमकी दैत कहला अछि जे अफसर संग बिना मारि-पीट केने काज नहि भ सकैत अछि। जाहि क्षेत्र स विनोदानंद झा, ललित नारायण मिश्र आ हरिनाथ झा सन ब्राह्मण सांसद भेल अछि ओहि ठाम इ कहब जे जेल जेनिहार कए पैघ नेता बुझल जाइत अछि। कीर्ति एक प्रकार स दरभंगाक जनता क अपमान केलथि अछि। दरभंगाक संस्कार स उलट कीर्ति क इ बयान साबित करैत अछि जे ओ एहि क्षेत्र स दू बेर जीतबाक बावजूद एहि ठामक संस्कार नहि ग्रहण क सकलाह अछि। चुनाव जीतलाक बाद सांसद मे कीर्ति क मुंह स कहियो दरभंगा क समस्या नहि उठाउल गेल, ओ दरभंगाक नाम तक नहि लेलथि। कीर्ति क चर्च दरभंगा क नाम स दू बेर जुड़ल। एक बेर दरभंगा स्टेशन पर गारि-मारि करैत आ दोसर बेर मुख्यमंत्री संग असभ्यता करबाक कारण। दरभंगा बिजली विभाग मे तोड़-फोड़ क मुख्य अभियुक्त बनल कीर्ति आजाद कए भले एहि पर गर्व हो जे ओ जेल जा चुकल छथि मुदा दरभंगाक समाज एखनो जेल जेनिहार कए सम्मान नहि दैत अछि आ जेल भ्रमण केनिहार कए इज्जत नहि दैत अछि। कीर्ति अपन नाकामी कए नुकेबा लेल दरभंगाक संस्कार कए बदलबाक प्रयास जुनि करथि। राजनीतिक बयान आ कार्यशैली अपन स्थान रखैत अछि, मुदा मिथिलाक सांस्कृतिक अपमान करोलबाग क एहि क्रिकेट खिलाड़ी कए चुनावी बैतरनी पार करा सकत एकर गारंटी नहि देल जा सकैत अछि। दरभंगाक इतिहास रहल अछि जे ओ 1952 क बाद देशक आधी मे कम बहल अछि। 1984 मे कांग्रेसक आंधी मे दरभंगा स दमकिपा उम्मीदवार विजय कुमार मिश्र जीतल छलाह। एहन मे कीर्ति कए आभाष अछि जे मोदी आंधी हुनका असगर नहि जीता सकैत अछि। कीर्ति ताहि लेल स्वीकार क रहल छथि जे हुनका स गलती भेल। चुनाव लग एला पर करोलबाग कए बिसरि एक बेर फेर अपना कए दरभंगाक प्रतिनिधि साबित करैत ओ अपन इलाका क विकास लेल सक्रिय भ सडक पर उतरबाक घोषणा केलथि अछि। दरअसल, कीर्ति बुझि रहल छथि जे एहि बेर हुनक संसद जेबाक बाट आसान नहि अछि, मुदा ओ जे बाट एहि बेर चुनलथि अछि ओ मिथिला कए बदनाम आ दरभंगा कए अशांत क सकैत अछि।
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