पटना। बिहार मे उच्च शिक्षा पर काफी बहस भ रहल अछि। केंद्रीय विवि लेल मांग पर मांग उठि रहल अछि, मुदा बिहार मे स्थापित विश्वविद्यालय क हालत इ अछि जे राजभवन सबटा विश्वविद्यालय लेल एकटा कुलपति तक नहि नियुक्त क रहल अछि। बिहार क कईटा विश्वविद्यालय एकटा कुलपतिक बाट ताकि रहल अछि। राज्यपाल क एहि रवैया स विश्वविद्यालय प्रशासन पंगु होइत जा रहल अछि। ओना राजभवन आ सरकार क बीच मतभेद एकर कारण बताउल जा रहल अछि, मुदा दोसर दिस राजभवन क एहि सुस्ती स शिक्षा प्रशासनक क्षेत्र में कईटा रिकार्ड सेहो बनि रहल अछि। एकटा सथानीय दैनिक मे छपल समाचार क अनुसार देश मे बिहार शायद पहिल एहन प्रांत अछि जाहि ठामक तीनटा विश्वविद्यालय क कुलपति पद क जिम्मेदारी एकटा व्यक्ति क हाथ मे अछि। राज्यपाल सह कुलाधिपति क बिहार संग इ व्यवहार कोनो तानाशाही स कम नहि अछि जे ओ प्रो.अरुण कुमार कए एकटा नहि, दूटा नहि बल्कि तीनटा विश्वविद्यालय क एक संग कुलपति बना देने छथि। प्रो.कुमार अगस्त 2010 स बीएन मंडल विश्वविद्यालय (मधेपुरा) क स्थायी कुलपति छथि। राजभवन क कृपा कही या दंड मुदा हुनका मई 2011 स मगध विश्वविद्यालय (बोधगया) आओर जून 2012 स नालंदा खुला विश्वविद्यालय (पटना) क कुलपति पद क सेहो प्रभार सौंप देल गेल अछि। एहन मे जतए एकटा विश्वविद्यालयक प्रबंधन देखब कुलपति लेल मुश्किल होइत अछि ओतहि तीनटा क प्रबंधन एक संग देखब उच्च शिक्षा प्रबंधन क संग मजाक कहल जा सकैत अछि। किया त मधेपुरा स बोधगया क दूरी 299 किलोमीटर अछि जखनकि पटना स बोधगया क दूरी 130 किलोमीटर अछि। एहन मे श्री कुमार की देखताह आ की करताह इ त सब जनैत छी।
दैनिक क अनुसार कुलाधिपति कार्यालय एहि संबंध मे किछु कहबा स मना क रहल अछि। किछु एहने कहब शिक्षा विभाग क सेहो अछि। उच्च शिक्षा क जिम्मेवारी देख रहल नौकरशाह क कहब अछि जे कुलपति क नियुक्ति करब कुलाधिपति कार्यालय क जिम्मेवारी छी। एहि पर कोनो टिप्पणी नहि कैल जा सकैत अछि।
सवाल अछि जे राज्यपालक एहि प्रकारक तानाशाही रवैया स बिहार क उच्च शिक्षा तबाह भ रहल अछि। एक आदमी लग तीन तीन टा विश्वविद्यालयक जिम्मेदारी देला स ओ कोनो विश्वविद्यालय कए सही प्रकार स प्रशासनिक कार्य लेल समय नहि द पाबि रहल अछि। बिहार मे मजाक बनि चुकल कुलपति पद स सबस बेसी समस्या जरूरतमंद छात्र, शिक्षक आओर कर्मचारी कए भ रहल अछि जेकरा कुलपति सन लोक स भेंट त दूर दर्शन तक नहि भ पाबि रहल अछि।
दैनिक दावा केलक अछि जे जरूरतमंद विद्यार्थी क अति आवश्यक ‘डिग्री’ आ संचिका पर हस्ताक्षर लेल मगध विवि स विशेष दूत संचिका ल कए राजधानी पटना स्थित प्रो.कुमार क आवास पर जाइत अछि। इ ओ जरूरतमंद छथि जिनका नौकरी स ‘काल लेटर’ अबैत अछि आ फेर डिग्री लेल भागल-भागल विश्वविद्यालय मुख्यालय मे पहुंचैत छथि मुदा कुलपति नहि रहला स हस्ताक्षर नहि भ पबैत अछि। ओना प्रो.कुमार क कहब छैन जे ओ तीनू ठाम प्रयाप्त समय दैत छथि। सवाल उठैत अछि अगर ओ सब ठाम प्रयाप्त समय दैत छथि, एकर मतलब इ त नहि जे हुनका दू-चारिटा आओर विश्वविद्यालयक प्रभार द देल जाए। ओना हुनक कार्यकाल समीक्षा त बाद मे कैल जाएत, मुदा राजभवन जेना विश्वविद्यालय कए पंगु बनेबाक प्रयास मे अछि ओ काफी गंभीर मामला अछि।
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Students should revolt as it impacts them and we all should support. Why such a governor, who is ante Bihar, still there. Can we all work to get rid of him?