डीपीआर बनबा स पूर्व मांगल गेल जनता स राय
दरभंगा। पग-पग पोखरि माछ-मखान स प्रख्यात दरभंगा लेल आइ पोखरि मात्र दुर्गंध क जगह बनि गेल अछि। कई सौ पोखरि त शहर स पिछला 20 साल मे गायब भ चुकल अछि। शहर स लुप्त भ रहल पोखरि कए बचेबाक संगहि दुर्गंध दैत पोखरि क सौंदर्यीकरण लेल सेहो प्रयास शुरू अछि। सरकार तक इ मांग पहुंचबा मे देर जरूर भेल, मुदा काफी प्रयासक बाद तैयार भेल दरभंगा लेक डेवलपमेंट प्रोजक्ट कए पहिने राज्य सरकार आ आब केंद्र सरकार सेहो एक झटका मे मंजूरी द देलक अछि। एहि प्रस्ताव कए मंजूरी भेटलाक बाद आब एकर डीपीआर तैयार करबाक काज शुरू होएत। दरभंगा शहरक स्वरूप निर्धारण मे इ परियोजना काफी महत्वपूर्ण योगदान दैत। एहि परियोजना कए पूरा भेला स जतए दरभंगा कए पुरान पहचान भेटत, ओतहि पर्यटनक क्षेत्र मे सेहो शहर लंबा छलांग लगा सकैत अछि।
दरभंगाक विधायक संजय सरावगी के अनुसार एहि परियोजना कए केंद्र क मंजूर स शहरवासी क एकटा पुरान मांग पूरा भेल अछि। इ’समाद स खास तौर पर गप करैत सरावगी कहला जे ताहि परियोजना क महत्व कए देखैत आम जनता कए सेहो एकर स्वरूप निर्धारण मे शामिल करबाक इच्छा अछि। आम लोकक दायित्व बनैत अछि जे एहि पोखरिक विकास कोना कैल जाए ताहि पर अपन विचार स सरकार कए अवगत कराबथि।
ओ कहला जे एहि योजनाक तहत शहरक तीनटा मुख्य पोखरि हराही, दिग्घी आ गंगासागर कए सौंदर्यीकरण कैल जाएत। ओ कहला जे एहि परियोजनाक तहत एहि तीनू पोखरि कए सबस पहिने प्रदूषणमुक्त कैल जाएत, ओकर बाद एकर चारूकात पार्कनुमा टहलबा योग्य पथ, नौका-विहार आ जलक्रिया स संबंधित आयोजन स्थलक निर्माण कैल जाएत। मुदा एहि मे आओर बहुत किछु जोडल जा सकैत अछि। अगर आम आ खास लोक एहि परियोजना पर अपन विचार दथि त हुनक राय कए प्रमुखता देल जाएत। स्थानीय विधायक क कहब अछि जे एहि पोखरि सब कए विकसित करबाक सपना आम जनता क आंखि मे अछि, एहन मे सवाल अछि जे दरभंगा कए एहि पोखरि सब कए कोना सजाउल जाए इ तय करबाक जिम्मा कोनो एकटा एजेंसी पर किया छोडल जाए। एहि पोखरि सब कए कोना विकसित कैल जाए इ सलाह लेबा लेल सरकार तैयार अछि आ हर आम आओर खास क इ दायित्व अछि जे ओ किछु न किछु सलाह सरकार कए दथि। एहन मे इ’समाद एकटा सेतु भ सकैत अछि जाहि ठाम लोक अपन सलाह द सकैत छथि। ओ कहला जे दरभंगा कए एकटा विकसित रूप देबा मे हर आदमी क योगदान महत्वपूर्ण स्थान रखैत अछि।
ओ कहला जे ओ एहि परियोजना कए तैयार करेबा लेल बहुत मेहनत केलथि अछि आ शहर क विकास लेल ओ जी जान स लागल छथि। ओ कहला जे हुनकर इ सबटा प्रयास दरभंगा कए आन महानगर सन बनेबाक सपना कए पूरा करबा लेल अछि। ओ कहला जे दरभंगा एकटा विकसित शहर छल आ एकरा फेर स ओहि रूप मे अनबा लेल ओ एक- एक डेग बढा रहल छथि। ओ कहला जे हुनक प्रयास स राज्य सरकार दरभंगा मे तारामंडल निर्माण करा रहल अछि, जेकर स्वरूप इ’समाद सबहक सामने आनि चुकल अछि। संगहि राज्य सरकार राज शमसान माधेश्वर परिसर लेल छह करोड आ लक्ष्मीविलास पैलेस झील लेल दू करोड टका आवंटित क देलक अछि। एहि दूनू ठामक सौंदर्यीकरण लेल डीपीआर तैयार भ रहल अछि। उम्मीद कैल जा सकैत अछि जे अगिला साल एहि परियोजना पर काज शुरू भ जाएत। ओ कहला जे दरभंगा मेडिकल कॉलेज आ अस्पताल क सौंदर्यीकरण लेल सेहो राज्य सरकार टका देलक अछि। जाहि स मेडिसिन वार्ड परिसर मे कैफेटेरिया क निर्माण कैल जाएत। एहि लेल करीब दू करोड टका देल गेल अछि। मेडिकल कॉलेज मे जल-जमाव आ गंदगी कए खत्म करबा लेल पार्क आ अन्य आधारभूत संरचना लेल प्रयास कैल जा रहल अछि। स्थानीय विधायक कहला जे दरभंगा क विकास लेल राज्य पर्यटन विभाग आ मुख्यमंत्री शहरी विकास योजनाक तहत टका क प्रावधान कराउल जा रहल अछि। उम्मीद अछि एहि सब परियोजना कए पूरा भेला पर शहरक लोक कए मनोरंजन लेल कईटा स्थान उपलब्ध भ सकत संगहि शहर कए एकटा नव स्वरूप आ पहचान भेटत।
नोट- एहि संबंध में फेसबुक क निम्नलिखित ग्रुप आ पेज पर सेहो आमजन स राय लेल जा रहल अछि।
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हमारे हिसाब से तीनों तालाबों को एक साथ विकसित नहीं कर पहले एक तालाब को विकसित करना चाहिए। इससे तीनों तालाब के विकास मे एकरूपता नहीं आएगी। साथ ही एक तालाब के विकसित होने के बाद बहुत कुछ शहर की जरूरत के हिसाब से दूसरे में ठीक किया जा सकता है। जहां तक मुझे लगता है हराही को पहले विकसित करना चाहिए।
chaliye bekar talaab ka din lauta ,ab saundaryikaran ki rah par chale hai vidhayak ji , dekhna hai kya janta ka sapna vidhyak mahoday sakar kar pate hai
talab ke charo taraf se pakka banaya jya,paid lagaya jya,jagah-jagah baithne ke lia banch ki vywastha ho…yadi ho sake toh talab ke charo taraf jogging track banaya jya .ek patli se phoolo ka kayari bhi laga sakte hai aur machli palan toh hona hi chahia
मेरे हिसाब से तालाब के चारों ओर पैदल चलने लायक सडक होनी चाहिए। जहां तक मुझे याद है हराही के तीन तरफ ही सडक है। ऐसे मे जिस तरफ सडक नहीं है उस ओर तालाब की जमीन लेकर ही सडक बना देनी चाहिए। इससे जहां तालाब संवर जाएगा वहीं भविष्य मे अतिक्रमण की आशंका भी खत्म हो जाएगी। वैसे मैं जिस टहलनेवाली सडक की बात कर रही हूं, वो वर्तमान की वो सडक नहीं है जिसपर गाडियां चलती है।
wahan ke taalab kaafi bade hain unhe tourist place mein convert kar de.. Saaf safai kar ke boating wagera suru kar di jaaye… isse jo aamdani hogi use taalab ke maintenance aur schools ko daan diya jaa sakata hain…ab mujhe nahi pata ki wahan boating hoti hain ya nahi kyunki kaafi samay se wahan gaya nahi…
Wahan pe legally machli uydyog bhi suru kiya jaa sakta hain. isse kuch employment bhi generate hoga..
wahan pe solar panel lagane se ya fisheries start karne se pond ki khoobsurti khatm ho jayegi..As all ponds are closer to each other i will suggest for interlinking of these pondls….pata nahin yeh feasible hai ki nahin kyunki main kabhi darbhanga gaya nahin hoon….sabse pahle to encroachment ko clear karna chahiye….taalab ke kinare kinare green belt develope karna chahiye aur morning walker keliye jogging track banaya jana chahiye….ho sake to taalabon ke beech mein ek fountain bhi lagana chahiye…saare taalabon ke protection keliye boundary wall zaroor hona chahiye aur pura area no plastic zone declare hona chahiye…boating aur solar panel lighting hona chahiye for green energy as suggested by members….taalab mein nahane, cloth & utensils wash karne ki izaazat nahin honi chahiye..
photo ko enlarge karke dekhne par pata chal raha hai ki do taalab ke beech mein kafi jagah hai…pata nahin yeh encroached land hai ya private land…..agar yeh encroached land hai tab saare taalabon ko interlink kar dena chahiye jisse ki boat ek se doosre mein aa ja sake, upar se walkers keliye wooden bridge bhi bana sakte hain khoobsurti keliye….baki area mein food court develope kar sakte hain…..
tino talab ko ak sath mila kar,valley type kar dena chaiye,middle me fountain bana dena chaiye
I think pehle to talabo ko saaf karna chahiye
sabse pahla kaam talab ke aaspaas ki gandagi hatana chahiye,,,
Om mere hisab se har talab ke kinare lights lagana chahiye in row,safai karwakar ek plastered ghat banana chahiye aur trees side se laga dijiye, aur middle most kisi bhagwan ki murti baithaiye.
first of all we have to improve drainage system and to stop flowing these drainage into pounds…
Talabo ko sundar banane se pahle drainage system to thik karna chaihye,kyo k ye sub se jarøøri hai
1st we Stop sewage water that terminate into pound….
1st we fit the drainage system & then we always clean the pounds…..Don’t throw the garbage into pounds………….
talab ki charo or pakki sidhee ghat banwate or ek specal safae ke liye ak kamitee banawe taki time to time pani ki safaee ho sach kahta hu pani kafee badbu karata hai. talab ke bich me ek resort ho too talab pe sab ka dhina rahe gaa or safae ke liye paiae v aate rahege ….. isss hi kuch different har jagah iss hee karana ho gaa…… most importent ye hai kee koe cear karne wala chahiye.
teeno thalab ko eak kar dena chahiye
sab se pehle talabo ki aachi tarah se saaf kar ke charo taraf sidhi banaye aur tree aur light banaye aur teeno talab interrelated kar ke ek mast sa tourist palace banana chaiye aur please iska management nagar nigam ko nahi saupa jay
1) Saaf karna
2) ladder type footpath
3) Garden
4) lights
5) small
6) steamers
7) Talab k center m kuch unique type
Sundar banane se pahle upyogi banayen, pedal boat ji sawari ka intajam kiya jaye, beech beech me gubbare daal diye jayen. Log upyog karenge to safai apne aap aa jayegi. Jo boat chalwayenge Wo safai aur roshni ka intajam kar lenge.
Kaotuka Raaman Bas boat Walon se ghoos na liya jaye
talab ko aachhi tarah se saf karwani chahiye.talab ke charo or safai karne ke liting honi chahiye.motor boat honi chahiye taki log boating ka maza le sake.iske liye nagar nigam ko dhayan dena hoga.
motor boat honi chahiye taki log boating ka maza le sake.iske liye nagar nigam ko dhayan dena hoga. aur light ka facility hona chahiye
teeno talabo ko conect kar ke uski safai karwani chahiye aur phr uske baad uske charo taraf lightning k intzam karwana chahiye , talabo k bich me v iss tarah se lightning ki jaani chahiye ki dkhne wale bas dekhte rah jaae aur phr usme boating ki suvidha deni chahiye jisse ki waha k logon ko boating ka mazza v aaye aur government ko paisa v and bagal me agr ek park banwa diya jae jisme log subah uth ke jogging,yoga…. kar ske to phr baat hi kuchh aur rahega.
the best way to keep ponds beautiful n clean forever is “after cleaning of the pond tall fencing should be done from all side”. n it should be cleaned regularly by municipal corporation ,shouldnt be left like HARAI pokha
firstly mai kehna chahunga ki iske liye ek cmty bnaye jo talabo ki saaf safai ka dayan rake aur ek gaurd bhi hona jaruri hai kyoki bohat sare bewquf kahi bhi ganda kar dete hai.1.pehle har bde talabh ki bdiya se safai karvaye2.uske bd talabh ke pas bench type cement aur khoobsorat tiles se susajit baitane ke lye bnwa de.3.talabh ke pas sundar lgtn ka bndobst ho jo ki logo ko akarshit kare.4.usme boat ki bhi facility ho.
Chandigarh’s famous Sukhna Lake can be a very good model for developing the rivers of Darbhanga as a tourist attraction…..keep them clean, start boating facility for the tourists….along side the rivers, make a decent walking track which will attract the morning walkers n other health conscious people in large numbers….if possible, open a few food joints & souvenir shops near by too…..
Dear Bhupi, Good Idea. Space between ponds are not small hence a broad canal can be made here for the passage of boats, plus a foot bridge over it having exist and entry on all four sides will add stars to it’s beauty. rest other space can be converted into garden with green grass and beautiful flowers with a footpath in between for people to walk and jog. Food court should be little away from the ponds to avoid throwing of wastes in it. Parallel sides of ponds excluding the space between ponds can be used for making food courts. but fisheries should be there it will help in keeping the pond clean and will also result in source of income. this will also attract lots of birds who depends on these ponds for food. these birds will also become a part of attraction and improve the beauty of ponds.
मेरा मत है की इन तालाबों और उसके आस-पास की खाली ज़मीन को अधिग्रहित कर ऐतिहासिक पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाये. तालाब की सफाई व मरम्मत कराइ जाये. निकटवर्ती ज़मीन को बाग़ का रूप दिया जाये जिनमें औषिधिय जड़ी बूटियाँ व अन्य वृक्ष लगाये जाएँ.
sab se pahle encrochment or bahut jagah gandi naliyo ko talabho me jor diya gaya hai, jis se talabho ka mul rup kaphi bikrit ho gaya hai. eske liye darbhangawasi hi jimedar hai..
hamar e vichar je darbhanga sa laheriasarai tak tinu pokhari ke jori jal marg banawal jay, tinu pokhari ke bhir par mithilak utpad yatha, painting, hastshilp, hast kargha aadi saaman ke baajar banaol jay aa tinu bhir par mithilak khan paan ke uttam vyvastha karawal jay sangahi tinu pokhari ke tourism lel hotel aadi ke vyavstha kayal jay, sangahi darbhangak tamam pokhari aa mandir ke ekta circuit ke rup me develop kayal jay aa sab pokhari me water tratment plant laga jal vitaran ke vyavstha kayal jay. ahi tarahe darbhanga ke nark sa swarg dis deg del ja sakait achhi, jai mithila
Bahut sundar vichar, arambh me jatek kaaj Sri Sarawagi ji sochne chhathi otbo bha jay ta Darbhana lel milak pathar sidhh hoyat. Sarawagi ji ke dhanyabaad.