ज्ञानेश्वर
पटना। परिस्थिति भले एखन धरि संग नहि दैत रहै,मुदा पटना क एसएसपी अमृत राज जंग छोडेबा लेल कोशिश शुरु क देलथि अछि। ओ अपन पुरान फार्म मे लौटबाक कोशिश मे सेहो लागि गेलथि अछि, जेकरा लेल हुनका पटना क कमान सौंपल गेल अछि। पूर्व मे एसपी (सिटी) क रुप मे ओ पटना मे नीक पारी खेलेने छलाह। मुदा जखन एहि बेर पटना एलाह त हुनका पटना पुलिस क पुलिसिंग अपने बुझबा मे नहि आयल।
इ हकीकत अछि जे पिछला कई साल मे पटना क पुलिसिंग कए रीयल इस्टेट क कारोबार निगलि गेल अछि। जाहि प्रकार स दाम पहाड क उंचाइ कए छुबि रहल अछि,सब लाल भ गेलथि अछि। डीजीपी अभयानंद गलत नहि कहैत छथि जे बढैत अपराध क मूल मे जमीन क कारोबार/झगड़ा बेसी अछि। मुदा,एहि मे पुलिस क भूमिका पर कियो बजबा लेल तैयार नहि अछि। सच कही त पुलिस क इच्छा अपराध-नियंत्रण स बेसी एहि कारोबार मे देखबा आ सुनबा लेल भेटैत अछि। पूर्व मे पदस्थापित किछु अधिकारी एहि धंधा कए संरक्षण दैत रहलाह अछि, नतीजा भेल जे अपराध बढैत च गेल। कमाई आओर हिस्सेदारी क जानकारी सब गोटे लग अछि मुदा चुप्पी एहन जे टूटत नहि।
इ सही अछि जे अमृत राज कनि दोसर तरहक अधिकारी छथि। एखन धरि ओ एहन कोनो धंधा मे नहि घुसलाह अछि। एहन मे,पटना एला पर आ अपन विरासत कए देख माथा पीट लेब हुनका लेल स्वाभाविक छल।
पाटलिपुत्र कालोनी क एसबीआई कांड क बाद स हुनकर तामस सातम आसमान पर छल। तखने मनेर मे हिरासत मे एकटा कैदी क मौत भ गेल। ताबड़तोड़ भ रहल अपराध एक दिस चुनौती बढ़ा देने छल,त दोसर दिस इ भय सेहो बढैत जा रहल छल जे अपन पुरान ‘इमेज’ कए बट्टा लगबा स कोना रोकल जाए। कहल जा रहल अछि जे आब ओ हार मानबा लेल तैयार नहि छथि। ओ अपन सब करीबी कए कहि देलथि अछि जे कार्रवाई होएत। पैघ अधिकारी स सेहो कहि देलथि अछि जे हुनका टीम क फील्डिंग अपने तय करबा लेल छूट भेटबाक चाही। फेर नतीजा क प्रतीक्षा करू। कहल जा रहल अछि जे हुनकर इ मांग मानि लेल गेल अछि आ अमृत राज कए पूरा छूट द देल गेल अछि।
एकर बाद ओ अपन आपरेशन अपन अंदाज मे प्रारंभ करि देलथि। थानेदार जेल गेल,बाकी सब सस्पेंड। मन-मिजाज स काज करबा लेल लगभग सबटा नव डीएसपी हुनका भेट गेलथि अछि। रविदिन ओ बचल-खुचल कसर थाना क व्यवस्था बदलि कए पूरा क देलथि। एक संग सातटा थानाध्यक्ष (पाटलिपुत्र/एसके पुरी/ अगमकुआं/ कंकड़बाग/ परसा बाजार/ बहादुरपुर/ बाइपास/) लाइन हाजिर करि देल गेलाह अछि। पाटलिपुत्र क थानाध्यक्ष किछु दिन पहिने जिम्मेवारी सम्हारने छलाह,मुदा एसबीआई कांड हुनकर बलि ल लेलक। अगमकुआं क थानाध्यक्ष क नपब त साकेत गुप्ता-प्रेम सिंह हत्या-कांड क बाद तय छल। कंकड़बाग आ एसके पुरी क थानाध्यक्ष सेहो एसएसपी कए अपन मिजाज क हिसाब स फिट नहि बुझा रहल छलाह।
कुल 17टा थाना क कमान नव लोक कए सौंपल गेल अछि। जाहि मे-गिरिदेव तिवारी (सचिवालय),बी के सिंह (आलमगंज),प्रवणेंद्र भारती (पाटलिपुत्र),अरुण गुप्ता (कंकड़बाग),गजाधर मिश्रा (दानापुर),पूर्णेन्दु सिंह (मसौढ़ी),ज्योति प्रकाश (हथीदह),उत्तिम सिंह (अगमकुआं),संजय कुमार-1 (एसके पुरी),एसके शाही (फतुहा),मनीष कुमार (बाईपास), बी के मेधावी (शाहपुर),मुकेश चंद्र कुंवर (परसा),प्रमोद कुमार राय (गौरीचक),अविनाश कुमार (धनरुआ),राकेश कुमार (नदी) व सुजीत कुमार (बहादुरपुर) शामिल छथि।
एसएसपी क एहि बदलल मिजाज क असर सेहो देखा रहल अछि। एक दिस जतए साकेत गुप्ता हत्या-कांड मे फरार चलि रहल गोगो कए टीम जाकए जमुई स गिरफ्तार क लेलक अछि ओतहि सुल्तानगंज थाना क्षेत्र मे सेहो कईटा अपराधी दबोचल गेलाह अछि। हिनका सब पर हाल मे धनबाद जाकए एकटा ज्वेलरी शाप कए लूटबाक आरोप अछि। पटना कए अपराध मुक्त करबा लेल भ रहल एहि प्रयास मे तखन आओर धार भेटत जखन एसएसपी-एसपी (सिटी) क ट्यूनिंग जल्द स जल्द ठीक भ जाए। अगर एहन नहि भेल त एक गोटाक तबादला तय अछि।
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