दरभंगा । तीन दिनी ध्रुपद धाम कार्यक्रम रविदिन समापन भ गेल । तेसर आ अंतिम दिन दरबार हॉल मे ध्रुपद क दूटा प्रमुख घराना क एहन प्रस्तुति भेल जे दर्शक चमत्कृत भ झूमि उठलाह । डागर घराना क फैयाज वसीफुद्दीन डागर आ दरभंगा घराना क प. प्रेमकुमार मल्लिक क प्रस्तुति ध्रुपद नहि बुझनिहार कए सेहो झुमा देलक। डीडी भारती स जीवंत प्रसारण आ खराब मौसम क बावजूद दरबार हॉल मे भीड एतबा भ गेल छल जे सबटा केबार खोलि देल गेल आ लोक बाहर मे ढार भ संगीत क रसपान करैत रहलाह।
राजस्थान गौरव सम्मान सन कईटा सम्मान पाबि चुकल फैयाज वसीफुद्दीन डागर अपन गायन स सबहक मन झंकृत क देलथि। ध्रुपद सन कठिन गायन कए जाहि सहज तरीका स ओ प्रस्तुत केलथि ओ अदभुत कहल जा सकैत अछि। दरभंगा मे अपन पहिल प्रस्तुति दैत फैयाज वसीफुद्दीन डागर राग बागेश्री मे अलाप लेलथि आ नंद के नंदन…बंदिश गौलथि। चौताल मे निबद्ध एहि बंदिश क दौरान दरबार हॉल मे बैसल दरभंगा क कला मर्मज्ञ दर्शक सेहो अपन थोपरी क आवाज पखावज संग मिला फैयाज वसीफुद्दीन डागर कए अचंभित क देलथि ।
एहि स पूर्व तेसर दिन क शुरुआत किछु कमजोर गायन स भेल । दरभंगा घराना क उदय कुमार मल्लिक क गायन मे कोनो खास गप नहि देखबा लेल भेटल। ओ राग भीम सरज क बंदिश सुजश सुनि आवो…प्रस्तुत केलथि । दरभंगा घराना क एकटा आओर गायक राधागोविंद दास एहि तीन दिनी कार्यक्रमक सबस कमजोर प्रस्तुति देनिहार छलाह । हिनक गाउल राग यमन क बंदिश चलहि राधे सुजान…काफी कमजोर रहल । हिनक अलाप क संधान मे सेहो दिक्कत देखा रहल छल। बंदिश गेबा काल एकाग्रता आ तल्लीनता नहि आबि रहल छल । हिनक प्रस्तुति कार्यक्रम क गंभीरता स मेल नहि खा रहल छल ।
उदय आ राधागोविंद क कमजोर प्रस्तुति आ फैयाज वसीफुद्दीन डागर क बेमिशाल प्रस्तुति क बाद कार्यक्रमक अंतिम प्रस्तुति ल मंचासीन भेलाह दरभंगा घराना क प. प्रेम कुमार मल्लिक । ध्रुपद क राजकुमार नाम स सम्मानित प. प्रेम कुमार मल्लिक क गायन अद्वितीय रहल। प. विदुर मल्लिक क पुत्र पं रामकुमार मल्लिक कए मंच पर स्वर सहयोग द रहल छलाह प्रशांत मल्लिक । प. प्रेम कुमार मल्लिक पहिने राग जै जैवती मे अलाप लेलथि, फेर एहि राग क बंदिश मोर मुकुट..सुनेलथि । बंदिश क बाद जखन ओ धमाल खेलत होरी ब्रज की गोरी शुरू केलथि त दरबार हॉल उछलि पडल। पहिल कतार मे बैसल फैयाज वसीफुद्दीन डागर समेत पूरा दरबार हाल वाह-वाह कही उठल । प. प्रेमकुमार मल्लिक क एहि गायन स जतए दरबार हॉल फगुआ मे रंगा गेल ओतहि हुनक भाल पर लागल सिंदुर पिघली टपकैत रहल ।
करीब 30 साल बाद दरबार हॉल मे भेल इ कार्यक्रम कई प्रकार स सफल रहल । दरबार हॉल स पहिल बेर जीवंत प्रसारण भेल जे दुनिया भरिक लोक अपन अपन घर मे बैस देखलथि । दरभंगा क कला मर्मज्ञ दर्शक सेहो मौसम खराब भेलाक बावजूद अपन उपस्थिति दर्ज करेबा मे पाछु नहि रहलथि । दरबार हॉल मे लागल इ मूर्ति अपन साज लगातार बजेबाक मनोरथ रखनिहार दरभंगाक कलाकार क द्योतक अछि। दूरदर्शन पटना क तत्वावधान मे विदुर मल्लिक संगीत अकादमी इलाहाबाद आ कासिदं संस्कृत विवि, दरभंगा क सहयोग स तीन दिनी ध्रुपद धाम कार्यक्रम क तेसर आ अंतिम दिन क कार्यक्रम क उपरांत दरबार हॉल क रोशनी धीरे-धीरे मध्यम होइत गेल। ध्रुपद धाम कार्यक्रम क जरूर समापन भेल, मुदा दरबार हॉल में जे सुर आ ताल क गूंज उठल अछि ओ सतत कायम रखबा लेल हमरा सब कए सजग रहबाक आवश्यकता अछि। कार्यक्रम क समापन क बाद एकटा कलाकार दर्शक स कहलथि -खूब जमल रंग जखन संग भेलहुं हम, अहां आ दरबार हॉल। उम्मीद कैल जाए फेर एहिना सजत दरबार हॉल। आउ, दरभंगा, ध्रुपद आ कलाकार क लेल दरबार हॉल कए फेर सजेबाक प्रयास मे जुटी ।
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