दरभंगा । करीब सवा सौ साल पहिने संयुक्त बिहारक दोसर आ बिहार क सबस पैघ अस्पताल दरभंगा मे खुलल छल। एकर बाद दरभंगा चिकित्सा क्षेत्र मे पूर्वोत्तर भारत क इतिहास मे धुमिल रहल। मुदा एक बेर फेर दरभंगा अपन इतिहास दोहरा देलक अछि। डीएमसीएच क विकास मे एकटा आओर अध्याय जुटि गेल। दरभंगा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल आब राज्य क पहिल आ पूर्वोत्तार भारत क दोसर बायोसेफ्टी लेवर तीन युक्त अस्पताल भ गेल अछि। एहि मे मेडिकल साइंस कए एकटा नव आयाम भेटत। रोग क वायरस क पहचान लेल आब नमूना कए पूणे पठेबाक जरूरत नहि रहल। आब कतहु कोनो महामारी भेला पर एहि मेडिकल कालेज क बायरोलोजी यूनिट मे मरीज क खून क नमूने क जांच संभव भ गेल अछि। एकर निर्माण पर कुल पांच करोड़ स बेसी खर्च कैल गेल अछि। एहि बीएसएल तीन स मरीज टा नहि बल्कि शोध छात्र कए सेहो लाभ भेटत। पीजी छात्र एहि लैब मे वायरस पर शोध क सकताह आ राज्यक छात्र कए आब एहन शोध लेल बाहर जेबाक मजबूरी नहि रहल। एहि लैब मे एचआईवी, डेंगू, चिकेनगुनिया, स्वाइन फ्लू, एचबीवी, एचसीवी, सीएमवी, एचएसवी, जेई आदि रोग क वायरस क पहचान आसानी स भ सकत। राज्य मे एहन लैब नहि रहला स कईटा बीमारी क समय पर पता नहि चलैत छल आ रोगी बेमौत मारल जाइत छल। माइक्रोबायोलॉजी विभाग मे वायरोलॉजी लैब मे वायरस क इंटरनल पहचान जारी अछि। मरीज क खून क नमूना क जांच तीन माह क भीतर शुरू भ जाएत। लैब कए पीसीआर, बायोसेफ्टी केबिनेट, डीएनए एलेक्ट्रोफोरेसिस, जेल इक्यूमेंटेसन सिस्टम, इन्क्यूबेटर आदि अत्याधुनिक मशीन उपकरण स सुसज्जित कैल गेल अछि। दरभंगा क अलावा एहन लैब पूर्वोत्तार भारत मे केवल गुवाहाटी मे अछि। बिहार मे इ पहिल छी। एहि लैब लेल माइक्रोबायोलोजी विभाग क डा. यशवंत कुमार सिंह आ डॉ. कन्हैया झा गुवाहाटी स प्रशिक्षण लकए एलाह अछि। दिल्ली स आयल इन्विजन बायोटेक क विशाल वर्मा लैब क विभिन्न पहलु क जानकारी देलथि अछि। लैब क शुभारंभ भेला पर प्राचार्य डॉ. एसएन सिन्हा, माइक्रोबायोलॉजी विभाग क अध्यक्ष डॉ. एसपी महतो, पैथोलोजी विभाग क अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार चौधरी मौजूद छलाह।
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