बिहार तेजी स बदलि रहल अछि। इ बदलाव सामाजिक स्तर पर सेहो देखा रहल अछि। पिछला पांच सात साल स बिहार मे नारी सशक्तीकरण देखार भ रहल अछि। इ शहर स गाम तक समान रूप मे देखा रहल अछि। खास क युवती मे इ भाव जगल अछि जे अपन शर्त पर जीवन जीबाक अछि। एकर मिसाल एकटा नहि अछि। बिहार क कईटा युवती दुहारि स बरियाती कए लौटा देलथि अछि किया कि जेकरा स हुनकर विवाह तय कैल गेल छल ओ हुनकर योग्य नहि छल। अपना स दूगुना बैसक वर आब ओ करबा लेल तैयार नहि छथि। बाल विवाह हुनका मंजूर नहि अछि। धोखा स विकलांग वर हुनकर गलाक हार नहि बनि सकैत अछि। आब ओ एकरा नकारबा लेल आवाज लगा रहल अछि। अपन दुहारि स बरियाती कए जेबा लेल कहि रहल छथि। मिथिला हुए या भोजपुर, मगध हुए या चंपारण इ बदलाव सब ठाम समान रूप स देखबा मे आबि रहल अछि। पिछला चारि माह मे करीब 15टा युवती बेमेल विवाह स इनकार क देलथि अछि। एक सालक दौरान एहन घटना करीब 50टा भ चुकल अछि। यानी औसतन हर सप्ताह एकटा लड़की अपन दुहारि स बरियाती कए वापस लौटा रहल छथि। एहन विवाह पर विरोध दर्ज करा रहल अछि।
सहरसा क नंदिनीक त वरमाला क चुकल छलथि मुदा तखने हुनका पता चलल जे हुनकर पति कृष्णमुरारी हुनका स बैस मे कई गुना पैघ छथि। एक दिस वर कए मंडप पर अनबाक तैयारी छल त दोसर दिस नंदिनी विवाह स साफ मना करि देलथि। बरियाती स सरियाती तक सब स्तब्ध भ गेल। हाइस्कूल क छात्रा नंदिनी क फैसला स ककरो मुंह खोलबाक हिम्मत नहि भेल। एहि फैसला मे नंदनीक पैघ बहिन पार्वती क सेहो राय छल। जाहिर अछि पिता लेल इ मुश्किल भरल क्षण छल, किया कि शंभू साह भनसिया क काज क अपन बेटी कए पढा लिखा एहन योग्य बनेने छलाह। नंदिनी (13 साल) हुनकर चारिम बेटी छथि। शंभू क कहब अछि जे दहेज क डर आ सुखी परिवार मे पठेबाक चाह क कारण इ संबंध तय केने रही। नंदनीक माई शांति देवी सेहो नंदनी क फैसला कए सही ठहरा रहल छथि। एहन साहस लेल नंदिनी कए समाज सेहो प्रसंशा क रहल अछि। एहन विरोध करनिहार नंदनी असगर नहि छथि।
30 अप्रैल कए औरंगाबाद क जुड़ाही गाम क ललन सिंह क बेटी बबीता शराबी वर कए देखि ओकरा जीवनसाथी बनेबा स इनकार क देलक। ओकर विवाह पलामू जिला क नवडीहा बिलासपुर क राघवेंद्र स तय भेल छल। मुदा मडबा पर जखने वर क मुह स शराब क गंध आयल त बबीता विवाह स मना करि देलक। खास गप इ रहल जे 20 अप्रैल कए कैमूर क 13 वर्षीया मनीषा सेहो बाल विवाह क अभिशाप स मुक्ति मे कामयाब पहल केलक। मनीषा कए नुआंव क 17 वर्षीय प्रदीप स विवाह तय भेल छल। मनीषा एकटा टीचर क मदद स पुलिस बजा लेलक, जेकर बाद ओ बाल विवाह स बचि गेल। एतबे नहि, समस्तीपुर क सुखदेव पंडित क बेटी आओर जमुई जिला क लखापुर क कल्पना वा कए विकलांग देखि विवाह स इनकार करि देलथि।
एतबे नहि, युवती सब आब अपना कए बचेबा लेल अदालत तक जेबाक हिम्मत जुटा लेलथि अछि। 16 वर्षीया अमृता मुजफ्फरपुर कोर्ट मे अपन अभिभावक क खिलाफ जबरन शादी क शिकायत दर्ज करा देलथि अछि। पिछला 18 मास मे मुजफ्फरपुर जिला क मोतीपुर क नुसरत, मनियारीचक आबदा क गुलशन, भगवानपुर क लवली आ कुढ़नी क विभा आ बेबी सन कुल 13टा युवती कोर्ट मे गुहार लगा चुकल अछि।
समाज मे बेटी कए समान अधिकार देबाक दावा होइत रहैत अछि, मुदा आंकड़ा सच्चाई बता दैत अछि। 2011 क जनगणना रिपोर्ट क मुताबिक बिहार क 38 मे स 20टा जिला मे पुरुष क अनुपात मे महिला क संख्या मे कमी आयल अछि। 2001 क तुलना मे लिंगानुपात मे तीन फीसदी कमी भेल अछि। प्रति 1,000 पुरुष क तुलना मे महिला क संख्या 919 स घटि कए 916 भ गेल अछि। बाल विवाह मे बिहार क स्थिति भयावह अछि। एहि राज्य मे 69 फीसदी विवाह कम बैस मे भ जाइत अछि। मुदा महिला शिक्षा मे 20 फीसदी क बढोतरी भेल अछि ताहि लेल जानकारक कहब अछि जे युवती मे आयल आत्मविश्वास मे शिक्षा क अहम योगदान अछि। महिला आब गलत काज क खुलि कए विरोध क रहल छथि। विवाह सन फैसला मे महिलाक इच्छा कए आब नजरअंदाज करब कठिन भेल जा रहल अछि। इ एकटा सुखद सामाजिक बदलाव अछि। साभार : आजतक
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khabari bad badhiya achhi, muda ekta sujhao deb, ‘samad’ me jahi shabd ke prayog karait chhiyaik, o samade sanak rakhiyauk.
i.e.
…’Lauta’ dait chhaithi……, nahi, ghura dait chhathi, likhab hamra janait uchit.
हमरा लोकनि अपन शब्दकेँ बिसरि नकलची भेल जा रहल छी एकरे परिणाम अछि जे जतए अपन शब्द अछि ओतए पैंच ल हमरा लोकनि काज क रहल छी । ई उचित नहि। कारण मैथिली भाषाक शब्द भंडारकेँ पैंच पालटक जरूरति नहि छैक, मात्र जरूरति छैक साकांक्षा होएबाक।
‘द्वारिसँ घुरैत बरियाति’सँ मिथिला समाज सबक लेताह एहन प्रतित भए रहल अछि। एहन दुसाहसपूर्ण डेगक लेल मिथिलाक बेटीकेँ अशेष शुभकामना।