महिला दिवस पर विशेष : मिथिला मे महिला किसानी क पहचान छथि राजकुमारी देवी
नई दिल्ली । हालात बदलैत आओर जीरो स हीरो बनबाक कहानी मुश्किल ज़रूर होयत अछि, मुदा असंभव नहि । एहन कहानी सेहो एहि जमीन पर कहियो-कहियो हकीकत क रूप ल लैत अछि। ओना देखल जाए त खेती-बाड़ी क काज पुरुष क लेल मानल जाएत अछि, ,मुदा बिहार क मुजफफरपुर मे ‘किसान चाची’ क नाम स मशहूर भेल राजकुमारी देवी आइ खेती क कए पूरा मिथिला क नाम रोशन क रहल छथि। बिहार मे खेती क माध्यम स कामयाबी क परचम लहरा देनिहारि राजकुमारी देवी कए ग्रामीण विकास मंत्रालय आमंत्रित केलक अछि। । नेशनल इंस्टीच्यूट आफ टेक्निकल टीचर ट्रेनिंग एंड रिसर्च मे अपन संबोधन लेल चंडीगढ़ गेलथि अछि। ओहि ठाम ओ छात्र आओर किसान कए कृषि क बारे मे जानकारी देतीह । मंत्रालय हुनका दू दिवसीय सेमीनार मे कृषि स जुडल अनुभव कए बांटबाक लेल आमंत्रित केलक अछि । हालांकि पूरा देश स डेढ़ सौ किसान ओहि ठाम जुटल अछि , मुदा किसान चाची क संबोधन लेल सब बाट तकैत छथि। बिहार स एकमात्र किसान चाची क चयन उक्त सेमीनार क लेल कैल गेल अछि। चंडीगढ़ जेबा स पूर्व हाजीपुर स्टेशन पर किसान चाची पत्रकार सब स कहलथि जे ई-मेल क माध्यम स हुनका एकर सूचना भेटल छल। ओ कहलथि जे सेमिनार क लेल ओ कोनो खास तैयारी नहि केलैथि अछि। जतय अनुभव हुनका लग अछि बस ओतबे टा ओ कहतथि। ओ कहलथि जे हुनकर अनुभव महिला लेल विशेष रूप स उपयोगी होएत। हमर अनुभव स महिला सेहो कृषि क प्रति जागरूक भ सकैत छथि।
ज्ञात हुए जे किसान चाची राजकुमारी देवी कए खेती आओर कुटीर उद्योग लेल कईटा सम्मान भेट चुकल अछि। बिहार एग्रीकल्चर मैनेजमेंट एण्ड एक्सटेंशन ट्रेनिंग इन्स्टीच्यूट (बामेति) क निदेशक कहला अछि जे एकरा लेल बिहार सरकार सेहो हुनका ‘किसान श्री’ स सममानित केलक अछि। हुनका सरैया कृषि विज्ञान केन्द्र क सलाहकार समिति क सदस्य आ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन क सदस्य सेहो बनाउल गेल अछि।
पिछला साल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हुनकर घर गेल रहथि आओर हुनकर मेहनत आ लगन स प्रभावित भेल रहथि। राजकुमारी कहैत छथि जे कईकटा कंपनी हुनकर उत्पाद कए बाजार मे आनबा लेल प्रस्ताव देलक अछि, मुदा मुख्यमंत्री ओ सब उत्पाद कए ‘किसान चाची’ क नाम स प्रदेश मे बेचबा क घोषणा केलैथि अछि । हुनकर बनाउल अचार, मुरब्बा, जैम, जेली क सुधा डेयरी आब बिहार क बाजार मे पहुंचेबाक व्यवस्था क रहल अछि।
56 साल क राजकुमारी देवी कए किसान चाची बनबा मे काफी लंबा बाट तय करए पडल अछि। ओ रोज 30-40 किलोमीटर क सफर साइकिल स तय करैत छथि। पिछला 21 साल स सब दिन साइकिल पर सवार भ कए ओ गाम दिस निकैल छथि जतय ओ महिला कए खेती क गुर सिखबैत छथि। एहि कारण स आसपास क कईटा जिला हुनका ‘किसान चाची’ क नाम स जानैत अछि, जतय हुनकर अचार, मुरब्बा, सॉस जेहन खाद्य वस्तु बनेबा क प्रशिक्षण कार्यक्रम चलैत रहैत अछि । अपन गाम आनंदपुर मे ओ 40 टा स बेसी स्वयं सहायता समूह बनने छथि जाहि मे 350 महिला बकरी, मुर्गी, भैंस आओर मधुमक्खी पालन सन उद्योग स जूडि कए अपना आप कए आर्थिक रूप स मजबूत बना रहल अछि।
राजकुमारी उर्फ ‘किसान चाची’ 19 साल क छलीह, जखन हुनकर माए -बाप हुनक बियाह करा देलथि। कम उम्र मे बियाह, बच्चा आओर फेर सासुर क कायदा-कानून झेलब हुनका लेल मुश्किल भ गेल। ताहि पर सउस सौतेली भेटलीह । जखन दोसर बेटी सुप्रिया क जन्म भेल, त सास घर बांटि कए अलग क देलथि। पति किछु करैत नहि रहथि, स पेट मे अन्न लेल आफत भ गेल।
राजकुमारी कहैत छथि, ‘हम अपन पिता स पढ़बाक इच्छा प्रकट केलहुं ताकि परिवार क जिम्मेदारी उठ सकए । बियाह क छह साल बाद हम नैहर जा कए मैट्रिक पास केलहुं।’ घर क बंटवारा मे राजकुमारी आओर हुनकर पति क हिस्स मे एक एकड़ जमीन आएल, जाहि पर इ सब आदी आओर पपीता क खेती शुरू केलैथि।
राजकुमारी क लगन आओर जुनून पर सबस पहिने सरैया प्रखंड मे कृषि वैज्ञानिक केंद्र पर काज क रहल वैज्ञानिक ज्योति सिन्हा क ध्यान गेल आओर हुनका प्रशिक्षण लेल राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, पूसा पठा देलथि। किछु दिन बाद स ओ अपन प्रयोग स पपीता, लीची, गुलाब आदि स अलग-अलग पदार्थ बनेबा मे दक्ष भ गेलथि। कृषि-प्रदर्शनि क हिस्सा भ गेलथि। कई साल क मेहनत क बाद हुनकए प्रोडक्ट्स कए मांग बढै लागल।
राजकुमारी देवी कहैत छथि जे बियाह क किछु साल बाद हुनकर ससुर जखन हुनकर पति कए अलग क देलैथि त हिस्सा मे भेटल ढाई एकड़ जमीन कए उपज स परिवार चलब कठिन छल। मुदा आइ समय बदलि गेल अछि। आइ जखन देश क किसान आत्महत्या करबा लेल मजबूर अछि एहन मे राजकुमारी ऊर्फ किसान चाची बिहार टा नहि अपितु पूरा देश क किसान लेल एकटा रोल मॉडल बनि गेल छथि। जाही स सीख ल कए हिन्दुस्तान क किसान अपन किस्मत बदलि सकैत अछि आओर खुशहाल भए सकैत अछि।
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