पटना । बिहार मे साहित्य क गतिविधि त चलैत रहैत अछि मुदा पिछला 77 साल स बंद पटना लिटरेचर फेस्टिवल एक बेर फेर स आयोजित कैल जा रहल अछि । जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल क निरंतरता स प्रभावित भ नवरस स्कूल ऑफ परफार्मिंग आर्टस पटना लिटरेचर फेस्टिवल कए तथागत लिटरेचर फेस्टिवल नाम स फेर स आयोजित करबा क निर्णय केलक अछि। दू दिवसीय पटना लिटरेचर फेस्टिवल 23 आ 24 मार्च कए तारामंडल क सभागार मे होएत। नवरस क संस्थापक निदेशक प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ0 अजीत प्रधान क अनुसार देश क कईटा शहर मे आइ लिटरेचर फेस्टिवल क आयोजन भ रहल अछि, मुदा पढबा लेल विख्यात बिहार मे इ पिछला 77 साल स बंद छल । लेखक-पाठक-संवाद कए बढेबाक संगहि पाठकीयता कए विस्तार देबा मे एहि तरहक फेस्टिवल क महत्वपूर्ण भूमिका होइत अछि।
डॉ प्रधान कहला जे ओ एकर महत्व कए बुझलथि आ इ आयोजन करबाक निर्णय लेलथि अछि। इ आयोजन पटना मे नवरस तथागत लिटरेचर फेस्टिवल क अन्तर्गत होएत ।
उल्लेखनीय अछि जे पिछला किछु साल स नवरस सांस्कृतिक कार्यक्रम मे शास्त्रीय संगीत क आयोजन करैत रहल अछि। एहि बेर लिटरेचर फेस्टिवल क आयोजन क रहल अछि। हिंदी, उर्दू, मैथिली, भोजपुरी आ अंगरेजी भाषा स शुरू भ रहल एहि महोत्सव मे आगू बिहार क अन्य भाषा कए सेहो शामिल कैल जाएत। 40टा स बेसी लेखक, संस्कृतिकर्मी, इतिहासकार आ सिनेकर्मी एहि आयोजन मे शामिल हेताह । नवरस क डॉ आराधना प्रधान क कहब अछि जे देश मे पहिल लिटरेचर फेस्टिवल रवींद्रनाथ टैगोर करौने छलाह। बिहार मे आखिरी बेर एहि तरह क आयोजन 1936 मे भेल छल। हाल फिलहाल मे पटना पुस्तक मेला पटना लिटरेचर फेस्टिवल क कमी कए एक हद तक पूरा करैत छल।
कार्यक्रम एहि प्रकार स अछि :
23 मार्च—
विषय- सर्चिंग फार आइडेंडटिटी, लैंग्वेज, लिटरेचर एंड कल्चर इन इमर्जिंग इंडिया ।
वक्ताः आलोक राय, ज्ञान प्रकाश, पवन वर्मा आ जाबिर हुसैन।
काब्य पाठ : अरुण कमल, आलोक धन्वा आ उदय प्रकाश।
विषय- उर्दू है नाम जिसका, जुबान का मुस्तकबिल।
वक्ताः फाहमिदा रियाज, अब्दुस समद आ सुबोध लाल।
विषय- लाइट ऑफ कांससनेश, हिस्ट्री, आर्ट।
वक्ताः विनय कुमार बहल, चारू कार्तिकेय आ सुजाता चटर्जी।
विषय- ऑडियो-वीडियो में हिंदी भाषाई का इलाका ।
वक्ताः डा चंद्र प्रकाश द्विवेदी, सुधीर मिश्रा, तिग्मांशु धुलिया आ विशाल भारद्वाज।
विषय- यंग इंडियाः इमर्जिंग रिडरशीप इन कनवरसेशन।
वक्ता: विमन नाथ, अरूणा गिल, अनुजा चैहान आ आर जलिल।
महफिल गायिकी : पूरब दास, गजेंद्र नारायण सिंह आ प्रभात रंजन।
संचालकः डा अजीत प्रधान ।
24 मार्च
विषय- अन्य का लेखन, यात्रा का स्वरूप।
वक्ताः ओम प्रकाश वाल्मिकी, मृणाल पांडेय, असगर वजाहत आ बजरंग बिहारी तिवारी.
विषय- भाषा संकट ।
वक्ताः कलीम अजीत, उदयनारायण सिंह, निलय उपाध्याय आ कासिम खुश्रीद ।
विषय- म्यूजिक आफ मेमोरिज।
वक्ताः नमिता देवीदयाल आ नीलेश मिश्रा।
विषय- गंगा-जमुनी संस्कृति में उर्दू की भूमिका ।
वक्ताः वसिम बरेलवी, पंडित आनंद मोहन, गुलजार दहलवी आ शकील शम्सी।
विषय- बोली खड़ी बाजार में।
वक्ताः अरुणेश एन आ उदय नारायण सिंह।
विषय- युधिष्ठिर और द्रोपदी।
वक्ताः गुलजार आ पवन वर्मा.
विषय- किस्सा की परंपरा कहानी का शिल्प।
वक्ताः असगर वजाहत, उषा किरण खान, उदय प्रकाश, निलय उपाध्याय आ प्रभात रंजन।
कथा सरित । वक्ताः ह्रषिकेश सुलम, नासिरा शर्मा आ मिथिलेश्वर।
विषय- क्या हम दकियानूस हो रहे हैं।
वक्ताः मृणाल पांडेय, ओम थानवी, त्रिपुरारि शरण आ अंतरा देव सेन।
(नोट : इनपुट साभार बिहार खोज-खबर)
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