ज्योति श्रीवास्तव
बुद्ध क मूर्ति दरभंगा स पटना ल जेबाक निर्णय एक बेर फेर मिथिलाक लोक कए पुरान इतिहास स्मरण करा देलक अछि। इतिहास गवाह अछि जे दरभंगा पटना कए बहुत वस्तु देलक, मुदा पटना दरभंगाक सबटा उपकार बिसरैत रहल। दरभंगाक सबटा निशान मिटबैत रहल। एहन मे एक बेर फेर इ डर भ रहल अछि जे मिथिला क धरोहर कहीं पटना जा कए अनचिन्हार क देल जाएत। जेना पूर्व मे होइत रहल अछि। एहन मे दरभंगाक लोकक इ कहब उचित अछि जे आगू दान देबा स पूर्व इ विचार स्वभाविक अछि जे कहीं दरभंगाक एहि पहचान कए स्टेशनक टपटप पड़ाव जेका लुप्त त नहि क देल जाएत। कहीं छज्जूबाग क बंगला जेना दरभंगा गुमनाम त नहि भ जाएत। कहीं हार्डिंग पार्क जेना एहि मूर्ति पर सेहो कोनो अन्य मालिक दावा त नहि पेश क देल जाएत। दरभंगा क जनप्रतिनिधिक रूप मे संजय सरावगीक चिंता दरभंगाक चिंता अछि आ दरभंगाक लोकतांत्रिक इतिहास मे इ पहिल बेर अछि जखन जनप्रतिनिधि एहन मसला पर जनता क प्रतिनिधि भ ढार छथि।
इ ककरो स नुकायल नहि अछि जे चंद्रधारी संग्रहालय बिहारक दोसर सबस पैघ संग्रहालय अछि। एहि ठाम मिथिला स जुडल कईटा एहन धरोहर अछि जेकरा देखबा लेल देश-विदेश स लोक अबैत अछि। सरकार पटना मे दोसर संग्रहालय बना रहल अछि, मुदा दरभंगा मे स्थिति इ अछि जे पहिने स दूटा संग्रहालय रहैत एकर उपेक्षा चरम पर अछि। बहुमूल्य धरोहर कोठली मे कई साल स सील अछि आ आम लोक अपन धरोहर कए संग्रहालय मे देखबा स वंचित अछि। इ मामला जखन प्रकाश मे आनल गेल, त बिहार सरकार आब नव परिस्थिति पैदा क देलक अछि। सरकार सांस्कृतिक लेन-देनक नाम पर एहि संग्रहालयक बहुमूल्य धरोहर कए पटना स्थित बुद्ध स्मूति पार्क मे स्थानांतरित करबाक फैसला लेलक अछि। एक दिस जतए दरभंगा क लोग एहि संग्रहालय क स्थिति ठीक करबाक आ धरोहर कए ठीक स प्रदर्शित करबाक मांग क रहल छल, ओतहि सरकार उल्टा धरोहर कए दरभंगा स हटेबाक निर्णय ल लेलक अछि। सरकारक इ डेग एहन बुझा रहल अछि जेना नहि रहत बांस आ नहि बजत बांसुरी। संयोग कहल जाए जे बिहार सरकार मे एहि विभागक सचिव चंचल कुमार सेहो मिथिलाक झंझारपुर क रहनिहार छथि जे मधुबनी जिला मे पडैत अछि। हुनक द्वारा लिखल गेल पत्र मे कहल गेल अछि जे 24 अवलोकितेश्वर, 19 बुद्ध क बैसल प्रतिमा, 10 बुद्ध क प्रतिमा आ तारा क 15 प्रतिमा जे कांस क बनल अछि ओकरा ऋण स्वरूप पटना पठाउल जाए।
एहन मे राज्य सरकार क निर्देश पर बुद्ध क चारिटा प्रतिमा दरभंगा क चंद्रधारी संग्रहालय स पटना पठाउल जेबाक अछि। एहि प्रतिमा सब मे पीतल स बनल बुद्ध क ओ मूर्ति सेहो अछि जे 18 वीं सदी मे राजनगर आनल गेल छल। जाहि ठाम स इ मूर्ति संग्रहालय कए दान देल गेल।
इ समाचार आगिक जेना दरभंगा मे पसरल आ धरोहरक संरक्षण लेल सतत सक्रिय रहनिहार स्थानीय विधायक संजय सरावगी सबस पहिने एहि पर आपत्ति केलथि। ओ सवाल केलथि जे इ प्रतिमा दरभंगा स किया, कतए आ केतबा दिन लेल पठाउल जा रहल अछि। दरअसल सरकार इ साफ नहि केलक अछि जे इ मूर्ति केतबा दिन लेल दरभंगा स पटना जा रहल अछि। एहन इ सेहो साफ नहि अछि जे इ मूर्ति फेर दरभंगा घुरत बा नहि। विधायक सरावगीक एहि प्रश्न क कोनो जवाब क्यूरेटर शम्श अबरार नहि द सकताह। एहन मे दरभंगाक जनता सेहो विधायक क संग गुरुदिन संग्रहालय मे धरना देबा लेल पहुंचल। राजनीतिक पार्टी एहि मुद्दा कए मिथिला आ दरभंगा क प्रतिष्ठा स जोड़िकए आंदोलन ठार क रहल अछि, मुदा सवाल अछि जे सरकार सांस्कृतिक लेन-देन मे दोहरा मापदंड किया अपना रहल अछि। क्यूरेटर आ कला संस्कृति विभाग क अधिकारी क कहब अछि जे सांस्कृतिक आदान-प्रदान क तहत एकटा संग्रहालय क वस्तु दोसर संग्रहालय कए जाइत रहल अछि, मुदा कियो इ नहि बता सकलाह जे पटना संग्रहालय स कहिया कोन वस्तु दरभंगा स्थिति दूनू में से एकोटा संग्रहालय मे आनल गेल। सवाल इ अछि जे आदान-प्रदान सन शब्द मे दरभंगा लेल केवल प्रदान किया अबैत अछि। इतिहास गवाह अछि जे दरभंगा हरदम पटना कए किछु नहि किछु दैत रहल आ पटना दरभंगा क उपकार कए बिसरैत रहल। विधायक सरावगी क भूमिका ऐतिहासिक कहल जा सकैत अछि। एहि मामला मे दरभंगा मे सर्वदलीय विरोध हेबाक चाही। लोक कए दलीय भावना स ऊपर भ दरभंगा आ मिथिलाक इतिहास कए बचेबा लेल पहल करबाक चाही। इतिहास मे रूचि रखनिहार लोक कए स्मरण करा दी जे पटना संग्रहालय मे राखल बुद्ध क अस्थि कलश कए सेहो मिथिला क्षेत्र वैशाली पठेबाक लेल सरकार तैयार नहि अछि। फेर कोन मुंह स तिरहुत क एहि धरोहर कए पटना पठाउल जाए। राजधानी कए तिरहुत स ओकर धरोहर चाही, मुदा ओ तिरहुत कए ओकर धरोहर नहि घुराउत। इ दोहरा मानदंड के मंजूर करत। सरकारक एहि डेग कए विरोध करैत नगर विधायक संजय सरावगी कहैत छथि जे राज्य सरकार क इ निर्णय घोर आपत्तिजनक आ मिथिला क संग अन्याय अछि। एक दिस मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहैत छथि जे मिथिला क विकास क बिना बिहारक विकास संभव नहि आ दोसर दिस मिथिला क धरोहर कए सेहो दरभंगा स पटना मंगा रहल छथि। सरकार एहि निर्णय क विरोध मे जिला भाजपा गुरुदिन संग्रहालय क तालाबंदी केलक आ धरना देलक। एहि दौरान दरभंगा क लोक जमिकए सरकारक निर्णय क विरोध किया. विधायक संजय सरावगी, महापौर गौड़ी पासवान, डॉ. महानगर राजद अध्यक्ष विकास कुमार प्रफुल, भाजपा जिलाध्यक्ष जगदीश साह, निगम पार्षद प्रदीप कुमार गुप्ता, पूर्व मेयर अजय पासवान सहित कई गोटे सरकारक एहि निर्णयक आलोचना करैत एकर विरोध केलथि। मिथिला के होएत जे एकर विरोध नहि करत, मुदा खुशी क गप इ जे दरभंगाक लोक चाहे जे कारण हुए मिथिला क चिंता केलक, इ मिथिला लेल शुभ संकेत कहल जा सकैत अछि। स्थानीय विधायक संजय सरावगी क नेतृत्व मे एकत्र भेल मिथिला बिहार सरकार स बस एतबा पूछि रहल अछि जे केतबा लेब अहां हमरा स इ ऋण आखिर कहिया तक।
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सरकारक केन्द्रीकरण वा पटनाकरणक एक और नमूना अछि जाकर विरोध ठीक अछि ओना ई सब ताबत चालित रहत जाबत मिथिलाके बिहारक भाग बुझक बुद्धिमानी हमर लोक करैत रहताह!