बिहार मे बंद चीनी मिल खुलबाक संग-संग ओहि क्षेत्रक विकास लेल अनेक कार्यक्रम बनाउल जा रहल अछि। सरकारक सहयोग आ बिहारक आधारभूत संरचनाक विकास पर तिरहुत इंडस्ट्री लि. क निदेशक एएन झा स समाद लेल विस्तार स गप केलथि अछि वरिष्ठ पत्रकार विनीत झा ‘उत्पलÓ। प्रस्तुत अछि साक्षात्कारक दोसर कड़ी
अहांक कहब अछि जे चीनी मिल संग अहां बिजली उत्पादन सेहो करब
देखू, सरकार हमरा लोकनि कए बिजली त देत नहि। ओनाओ सरकार जे बिजली समझौताक प्रारूप रखने अछि ओ ककरो मान्य नहि भ सकैत अछि। एहन मे अपन बिजली संयत्र लगैब जरूरी आ मजबूरी दूनू अछि। ओना हम बिहार सरकार कए एकटा मुफ्त मे सलाह देने रही जे योजना आयोग मे अटकल अछि।
केहन सुझाव
हमर सुझाव छल जे कांटी थर्मल कए विकास कैल जाए। ताहि लेल कनाडाक एकटा कंपनी 500 करोड़ लगेबा लेल तैयार अछि, मुदा ओ चाहैत अछि जे संयंत्रक अधुनिकीकरणक संग-संग वितरणक जिम्मा सेहो चाहैत अछि। मुदा सरकार एकरा लेल तैयार नहि अछि, आ वितरणक बिना कोनो बिजली संयंत्र मे कियो हाथ नहि दैत।
मुदा निजी कंपनी किसान कए मुफ्त बिजली देत
मुफ्त बिजलीक प्रयोग सफल नहि भेल। देखू गुजरात मे मोदी सब स टका लैत छथि। चाहे ओ उद्योगपति हुए बा किसान। ककरो कहां दिक्कत अछि। दरअसल सरकार लग एहि समस्याक निराकरण लेल कोनो दृष्टिï नहि अछि।
की भ सकैत अछि
बिजलीक वितरण मे हमरा लोकनि कए मोबाइल क्षेत्र स सिखबाक चाही। लंदन मे बहुत गोटे एहन छथि जे लंदन स बाहर रहैत छथि आ किछु दिन लेल अपन घर जाइत छथि। जखन ओ घर जाइत छथि त हुनकर घर मे बिजली, पाइन आ गैसक कनेक्शन कटल रहैत अछि। दुहारि पर एकटा एटीएम रहैत अछि, ओहि मे आवश्यकतानुसार रिचार्ज केला पर घर मे तीनू चीज उपलब्ध भ जाइत अछि। ने कोनो मीटर रीड करबाक झंझट आ ने कोनो बिल पढ़ेबाक चिंता। इ विचार पिछला साल जखन हमर पुत्र रैयाम मिल देखबा लेल बिहार गेल छलाह त ऊर्जा विभागक एकटा पैघ अधिकारी कए देने रहथि, मुदा ओ असंभव कहि कए गप बदलि लेलथि।
एतबा पैघ योजना मे केतबा रोजगारक सृजन होइत
आब ओ पुरान गप नहि रहल। सब किछु तकनीक पर निर्भर भ चुकल अछि। एहन मे प्रत्यक्ष रोजगारक बहुत संभावना अछि, से हम नहि कहब। हां एहि संयंत्र सब कए लगला स रोजगारक अवसर खूब पैदा होइत। हम टाटा मे सेहो काज केने छी आ बाद मे एस्सार मे सेहो काज केलहुं। दूनू कंपनीक क्षमता एकदम बराबर अछि, मुदा टाटा मे 45 हजार लोक काज करैत अछि, जखन कि एस्सार मे मात्र 3500 लोक नौकरी पर अछि। एकर कारण साफ अछि टाटा पूरान कंपनी अछि आ ओकर आधुनिकीकरण भ रहल अछि, जखन कि एस्सार मे सब किछु नव अछि। एस्सार मे कोनो कर्मचारी तकनीकी मे स्नातक स कम नहि अछि। हमरो मिल मे कम स कम बीटेक केला पर नौकरीक संभावना बनत। किया कि आब एक, दू, तीन आ चारि ग्रेड क कर्मचारी नहि राखल जा रहल अछि। आब मात्र ग्रेड एक कर्मचारी होइत अछि। देखू ने टाटा मे जे वर्क ऑफिसरक दरमाहा अछि ओ एस्सार मे शिफ्ट ऑफिसरक दरमाहा अछि। काज नीक त दरमाहो नीक।
रोजगारक अवसर क कोना सृजन होइत
हम इ काज गुजरात मे केने छी। एस्सार ग्रुपक संयंत्र जाहि ठाम लागल अछि। ओकर एक दिस समुद्र अछि आ दोसर दिस ताप्ति नदी अछि जेकर कछैर मे गाम अछि हलिजा। ओहि गाम मे एकोटा पक्का क मकान नहि छल आ तस्करी मुख्य धंधा छल। सब स पहिने त हमसब सरकार स गप करि कए 10वीं आ 12वीं पास युवा वर्ग जेकरा गाड़ी चलेबाक हुनकर छल ओकरा लाइसेंस दिया ड्राइवर बनेलहुं। फेर कंपनी आ ड्राइवर क बीच अनुबंध भेल जाहि पर बैंक ओकरा सब कए टेंपो स ल कए ट्रक खरीदबा तक लेल ऋण देलक। देखू, जखन संयंत्र लगैत अछि त ओहि ठाम आवासीय परिसर सेहो बनैत अछि। ओकरा लेल सवारीक संग-संग दूध, तरकारी आ अन्य जरूरतक सामान सेहो चाही। हम सब एहि काज लेल तैयार लोक स अनुबंध केलहुं जे बैंक स ऋण त भेटबे करत संग-संग 3500 हजार परिवार सेहो पहिल दिन स ग्राहक बनत। एहि तरहे ओहि गाम क एहन विकास भेल जे आइ ओ बिहारक बहुत शहर स नीक स्थिति मे अछि। ओकरा सब कए कंपनी मे नोकरी नहि छैक, मुदा कंपनी मे रोजगार भेटल अछि।
अहांक कहब अछि जे सकरी कए अहां आओर काज लेल इस्तमाल करब
हां। हम सब मात्र चीनी मिल खोलबा लेल नहि जा रहल छी। ओकर संग-संग बिजली आ एग्रो इंडस्ट्री पर सेहो काज करबाक अछि। मिथिला मे तरकारी, आम, लीची आ माछ काफी मात्रा मे होइत अछि आ भ सकैत अछि। मुदा एकरा रखबा लेल आ बेचबा लेल कोनो ठोस योजना नहि छल। हम सब एहि दिस ध्यान द रहल छी। सकरी मे एकटा कोल्ड स्टोरेज बनत। जेतबा आम, माछ आ लीची पैदा भ रहल अछि चाहब जे मिथिलांचल मे बिका जाए त संभव नहि अछि आ लीची त तीन दिन मे खराब भ जाइत अछि। एहन मे ओकर लेल बाजार तैयार करब सेहो जरूरी अछि।
आ मेडिकल कॉलेज
सकरी मिल लग पहिने जमीन छल। सरकार ओकर 32 एकड़ जमीन मे सकरी औद्योगिक परिसर बना देने अछि। जखन बिजली नहि अछि त उद्योग केना लागत। हमर सरकार स आग्रह अछि जे अगर ओ जमीन हमरा लोकनि कए द देल जाए त ओहि ठाम स्कॉट बा अपोलो स गप भेल अछि, एकटा पैघ मेडिकल कॉलेज खोलल जा सकैत अछि, मुदा सब किछु सरकार पर निर्भर करैत अछि।
बिहार मे आधारभूत संरचना कतेक पैघ समस्या अछि
आधारभूत संरचना क प्रश्न नहि अछि। सवाल दृष्टिïक अछि। हमर संयंत्र रैयाम मे लागत आ हमर सामान सकरी मे रहत। 5000 टीएमटी क्षमता प्रतिदिनक मतलब भेल जे 500 ट्रक रोजाना। आब कहू एहन जे रैयात सकरी सड़क अछि ओ प्रतिदिन एकटा ट्रकक भार नहि सहि सकैत अछि। सरकार मे विभागक एहन चक्कर अछि जे एकटा काज एक विभाग मे त दोसर दोसर विभाग मे। बिजली चाही त बिहार राज्य विद्युत बोर्ड करत। सड़क चाही त पीडब्ल्यूडी। आ ओकर फंड अगिला बजट मे आउत। एग्रो पर गप करू त पहिने त कहत जे चीनी मिल लेल एग्रो इंडस्ट्रीक कोन काज। ओ त कृषि विभाग क जिम्मा अछि। एक गोटे कहलथि जे संयंत्र लगाउ हम प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना स सड़क बनबा देब। आब कहू आहि योजना स एहन सड़क बनेबाक प्रावधान अछि, जाहि पर गामक छोट-मोट वाहन चलि सकै। ओकर पुलिया पांच सौ ट्रकक भार एक दिन मे सहि सकत। मुदा इ के बुझत। सड़क कए अपग्रेड करबा लेल ओकरा एक विभाग स दोसर विभाग मे स्थानांतरित करय पड़त। ओकर अलग स बजट बनत। आ इ काज आब अगिला मार्च मे संभव अछि। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मार्चक बाद कहियो चुनाव घोषित कए सकैत छथि। एहन मे कोनो काज सरकारी स्तर पर भ सकत कहब मुश्किल अछि।
त केना होयत
एकरा ल कए एक दिन पूर्व नौकरशाह आ सांसद एनके सिंह स गप होइत छल। हमर कहब छल जे रैयाम मिल लगला स पहिने रैयाम सकरी सड़क क दूनू दिस ढावा आ पानक दुकान बनि जाइत। ओकर बाद अहां ओकरा सब पर बुलडोजर चलाइब, से पहिने किया ने टाउन प्लान करि लेल जाए। सिंहक सवाल छल के करत। हमर प्रस्ताव छल जे हमरा अगर कहि त मुफ्त मे बना दी। हम बड़ौदा, थाने आ कोटाक जिला आपदा योजना तैयार केने छी, ताहि स टाउन प्लानिंगक अनुभव भ चुकल अछि। मुदा इ गप आगू नहि बढल अछि।
योजना नहि बनबाक पाछु कोनो खास कारण
हम सब शुरू स गलत करैत रहलहुं। पांच सालक योजना उद्योग जगत मे छोट मानल जाइत अछि आ हम सब देश आ राज्य लेल स्वतंत्र भेलाक बाद स आइ धरि पांच सालक लेल योजना बनबैत छी। आब कहू बिहार सन राज्य लेल पांच सालक योजना कोना सफल भ सकैत अछि। एहन पिछड़ल इलाका लेल त कम स कम 20 सालक योजना बनेबाक आवश्यता अछि। दोसर जे एकटा अधिकारिक सामान्य पोस्टिंग तीन साल आ नेताक कार्यकाल पांच साल। एहन मे के कखन काज शुरू करत आ खत्म करत। हमरा आइ धरि इ बुझबा मे नहि आयल अछि जे आजाद भारतक वार्षिक बजट फरवरी-मार्च मे किया होइत अछि। आब देखू मार्च मे पास बजटक टका जून तक अबैत अछि। तखन बरसातक मौसम रहबाक कारण कोनो काज नहि होइत अछि। काज सितंबर मे शुरू होइत अछि, मुदा दिसंबर मे फेर अधिकारी अगिला सालक बजट बनेबा मे लागि जाइत छथि किया कि राज्य स बजट केंद्र जाइत तखने केंद्रक बजट मार्च तक पास भ सकत। एना करि कए देखल जाए त काज करबा लेल मात्र तीन महीना भेट रहल अछि। लोक कहैत छैक जे टका खर्च नहि भेल खर्च कोना भ सकैत अछि। असल मे भारत बजट जून मे हेबाक चाहि आ बरसातक महीना मे कागजी काज हेबाक चाही तखने टकाक पूरा उपयोग भ सकैत अछि।
Bihark kono sarkarsan Mithilaken ashaa nahi rakhak chahee ona anhak ee samad neek achhi.
Hamra apan balpanme Sakrik cheeneemill lag lagal ketarik graeek lamba line yaad oarait achhi aa tahina Raiyam chinmilk bama je jark bhor me takhan hamar gam Samaulk pokhrisan dekhai parit chhal aa jat hamar kushiyar jait chhal..
Maharstrame ekhanu sugar lobby tay karait achhi je kon sarkar banay aa hamar sabhak kisan dinodin dsaridra bhel jait chhthi.
Anha Mahila sabhken dhyavad je Samadk dwara kichhu t alakh jagaulanhu.
Samad ke bahut bahut shubhkamna sanghi ekar chiranjibi rahawak lel Essawar se prarthana
शुद्ध नेताक साक्षात्कार लेने छि. पढ़ी मोन विक्षुब्ध भ गेल… अथाह–घोर अथाह …. अजित बाबु सनक ज्ञानी के त मनमोहिनी संग बैसा देल जाय जे एहेन-एहेन बिख सनक तर्क दैत रहताह…
ई साक्षात्कार पढ़ी एतेक जरुर पता चलल जे एहेन काल सब जाबे धरी मिथिला में रहत, मिथिलाक दूर-दूर धरी विकास असंभव….
बिहारक ‘आह्लुवालिया’ छैथ अजित नाथ बाबु. कागत पर प्लान करेत रहू आ सपना में मिथिलाक विकास सपनैत रहू….
esamaad केर टीम के बहुत-बहुत धन्यवाद !!