कुमुद सिंह
बिहार सरकार राज्य मे विकासक सपना जरूर पूरा करबाक प्रयास क रहल अछि, मुदा खंडहर भ चुकल कईटा औद्योगिक परिसर इ सोचबा लेल मजबूर करैत अछि जे विकासक एहि गति स आखिर केहन विकास होएत। हम गर्व स इ कहबा लेल तैयार छी जे देश मे डांसिंग शू बनेनिहार जे एक मात्र कलाकार अछि ओ दरभंगाक रहनिहार अछि, मुदा बेतिया आ पंडौल चमड़ा कारखाना क खंडहर इ पूछैत अछि जे आखिर दरभंगाक हाथ मुंबई मे कहिया धरि सृजन करैत रहत। जहां धरि सरकारक सवाल अछि त सरकार एहि दूनू कारखाना कए खोलबाक प्रयास त दूर, ओकर मशीन आ जमीन क लेखा तक सरकार लग नहि अछि। सरकारक मंत्री दावा करैत छथि जे राज्य में कुल एक लाख 52 हजार उद्योग निबंधित अछि, मुदा 20 हजार स बेसी एहन ईकाई अछि जेकर कोनो लेखा-जोखा सरकार लग नहि अछि। 2006 मे सरकार बंद आ जर्जर उद्योग कए फेर स चालू करबा लेल नीति सेहो लागू केने छल, मुदा एहि नीतिक परिणाम एखन धरि धरातल मे नहि देखा सकल अछि। नव कारखाना क निर्माण मे किछु प्रगति जरूर भेल, मुदा चंपारण स किशनगंज तक बंद पडल कारखाना मे स कोनो एखन धरि चालू नहि भ सकल अछि।
बिहार मे अधिकतर उद्योग अधिग्रहण क बाद अनाथ भ गेल। इतिहास पर गौर करी त साफ होइत अछि जे एकटा पूर्व मुख्यमंत्री क व्यक्तिगत स्वार्थक कारण बिहार उद्योगविहीन भ गेल। 1975 क आसपास तत्कालीन मुख्यमंत्री जेना बिहार क उद्योग सब कए राष्ट्रियकरणक नाम पर अधिग्रहण क जर्जर बनेबा क कुचक्र केलथि ओ आब सबहक सामने अछि। आइ एहि परिसर कए देख पुरान आंखि नोरा जाइत अछि। पंजाब कए मजदूर मुहैया करेबा लेल 1975 मे नीतिगत आधार पर बिहारक मजदूर कए बेरोजगार कैल गेल। बेरोजगार मजदूर होम सिकनेस छोडि पंजाब विदा भ गेल आर मजदूर नेता विधानसभा आ विधानपरिषद पहुंच गेलाह। आइ धरि नहि पहुंचल त मजदूर क खाता मे बकाया राशि आ परिसर मे कच्चा माल।
2005 मे नीतीशक सरकार बनलाक बाद बिहार क कारखानाक पुरान ख्याति दोसर राज्य क उद्यमी कए बिहार एबा लेल प्रेरित क रहल अछि, मुदा स्थानीय नेताक राष्ट्रीय सोच आ नौकरशाहीक लालफीताशाही क कारण गप आगू नहि बढि पाबि रहल अछि। एक दिस पंडौल आ बेतियाक चमडा उद्योग इतिहासक किताब स वर्तमानक कॉपी पर लिखेबाक बाट ताकि रहल अछि। त दोसर दिस उत्तर प्रदेश स पैघ संख्या मे चमडा उद्योग जुडल उद्यमी बिहार एबाक इच्छा व्यक्त क रहल छथि। कई बेर हुनकर प्रतिनिधि मंडल बिहारक अधिकारी क संग बैसार क चुकल अछि, एकर बावजूद स्थिति मे कोनो बदलाव नहि आबि रहल अछि। कारखानाक संपत्ति दिन क ईजोत मे लूटल जा रहल अछि आ सब चुपचाप देख रहल अछि। बेतिया लेदर गुडस फैक्ट्री हुए या पंडौल लेदर गुडस फैक्ट्री कोनो परिसर मे आइ किछु नहि अछि। जखन कि जहिया एकर अधिग्रहण भेल छल तहिया बेतिया चमड़ा फैक्ट्री मे दू तरह क यूनिट छल। एकटा लेदर गुड्स फैक्ट्री आ दोसर मॉडल टेनरी क नाम स ख्याति रखने छल। पंडौल आ बेतिया मे तैयार चमड़ा क विदेश मे सेहो काफी मांग छल। कानपुर हुए बा बंगाल जूता निर्माण लेल एहि ठामक चमड़ा आयात कैल जाइत छल। अधिग्रहण क बाद अस्सी क दशक तक इ दूनू फैक्ट्री कोनो प्रकार स चलल। मुदा सरकारी उपेक्षा स पहिने रूग्ण भेल आ फेर बंद। एकर बाद कोनो स्तर स एहि कारखाना क सुध नहि लेल गेल। सामाजिक न्याय क नाम पर बिहार क राजनीति मे जाति त मजबूत भेल मुदा जर्जर स खंडहर होइत गेल कारखाना।
स्थानीय लोकक कहब अछि जे बंद भेलाक किछु वर्ष तक कारखाना परिसर मे पदाधिकारी रहैत छलाह, मुदा बाद मे स्थानांतरण करा अन्यत्र चल गेलाह। आइ कारखाना देखबाक प्रभार जिला उ़द्योग केन्द्र क महाप्रबंधक लग अछि। स्थानीय लोकक कहब अछि जे जहिया स प्रभार जिला उद्योग केन्द्र क प्रबंधक लग गेल अछि तहिया स मिल लूट क प्राथमिकी तक थाना मे दर्ज नहि भ रहल अछि। हाल इ भ गेल अछि जे मशीन क त गप छोडू मकान क ढ़ांचा आ भूमि क पैघ हिस्सा तक गायब भ चुकल अछि। बेतिया लेदर गुड्स फैक्ट्री क त सबटा मशीन, आलमीरा आ अन्य महत्वपूर्ण उपकरण कहिया के ल गेल तेकर कोनो खाता-बही सरकार लग नहि अछि। एहि संबंध मे कोनो थाना मे प्राथमिकी तक नहि अछि। जेकरा जेना भेल कारखाना कए लूटलक। मकान क खिड़की केबार तक दिन क ईजोत मे बेच देल गेल। फैक्ट्री की भूमि पर सेहो अवैध कब्जा शुरू भ चुकल अछि। स्थानीय लोकक कहब अछि जे फैक्ट्री परिसर मे भेल चोरी क सूचना थाना कए देल जाइत अछि, मुदा केस दर्ज नहि होइत अछि किया त जेकरा लग देखरेखक अधिकार अछि ओ कहियो एहि संबंध मे कोनो लिखित शिकायत नहि केलथि अछि। एहन मे आखिर सवाल उठैत अछि जे बिहारक विकास कोन रूप मे भ रहल अछि। नव उद्योग त जमीन उपलब्ध नहि हेबाक बहाना बना एखन धरि जमीन पर नहि उतरल, मुदा पुरान उद्योग क एहन उपेक्षा साबित करैत अछि जे सरकार विकास करबा लेल प्रयासरत त अछि, मुदा विकास भ नहि रहल अछि।
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Biharak audyogik niti ken spast darsa rahal achhi e article. Kichhu ehane san image hamro man me chhal. “NOIDA” aa Pandul Indasriyal Area k sthapna lagbhag sangahi bhel muda aab kitab me padhabak lel NOIDA aa PIDA ke comperision ken alawa kichhu nahi achhi.
1975 क आसपास तत्कालीन मुख्यमंत्री जेना बिहार क उद्योग सब कए राष्ट्रियकरणक नाम पर अधिग्रहण क जर्जर बनेबा क कुचक्र केलथि ओ आब सबहक सामने अछि। आइ एहि परिसर कए देख पुरान आंखि नोरा जाइत अछि। पंजाब कए मजदूर मुहैया करेबा लेल 1975 मे नीतिगत आधार पर बिहारक मजदूर कए बेरोजगार कैल गेल। बेरोजगार मजदूर होम सिकनेस छोडि पंजाब विदा भ गेल आर मजदूर नेता विधानसभा आ विधानपरिषद पहुंच गेलाह।——–e aarop sahee nay achhay.